Home कथा-कहानी कथा-कहानीः क्लीन बोल्डः स्टार क्रिकेटर की प्रेम गाथा (भाग-1)

कथा-कहानीः क्लीन बोल्डः स्टार क्रिकेटर की प्रेम गाथा (भाग-1)

एकाएक एक तीव्र धमाके जैसी आवाज हुई, आसपास के लोगों को ऐसा लगा मानो पास ही जोरदार बम विस्फोट हुआ हो, मगर बात ऐसी नहीं थी, शीघ्र ही वास्तविकता सामने आ गई। दरअसल यह धमाका तेज गति कार की पोल से टकराने से हुआ था। देखते ही देखते मौके वारदात पर पुलिस भी पहंुच गई…घटना स्थल पर आम लोगों की भी अच्छी-खासी भीड़ जमा हो
गई थी।
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टीवी स्क्रीन पर पति के एक्सीडंेट की खबर देख स्टार क्रिकेटर चेतन भगत की पत्नी एकबारगी उपर से नीचे तक कांप गई। इसी के साथ उसके मोबाइल पर काॅल के आने का सिलसिला शुरू हो गया। इससे हैरान-परेशान हो उसने फोन का स्वीच ही आफ कर राहत की गहरी सांस ली। मानो किसी बहुत बड़ी मुसीबत से पीछा छूटा हो। वह जैसे और जिस हाल में थी, उसी हाल में अस्पताल की ओर भागी। कार ड्राइव करने के दौरान उसके दिमाग में यह यक्ष प्रश्न खलबली मचाए था, कि उसके पति के साथ घायल हुई विदेशी महिला कौन थी?

और वह उसके पति के साथ कार में क्या कर रही थी, ऐसी क्या बात हो गई कि उसके पति को कार इतनी तेज ड्राइव करनी पड़ी थी। आखिर दाल में कुछ नहीं बहुत कुछ काला है तभी तो उसके पति ने पत्रकारों से बचने के प्रयास में कार सीधे पोल से टकरा दी और…इससे ज्यादा वह कुछ सोचने की स्थिति में नहीं थी। गंतव्य तक पहुंच उसने कार पार्किंग की और सीधे इमरजेंसी वार्ड की ओर भागी, मगर वहां तक का सफर इतना आसान नहीं था। क्योंकि प्रवेश द्वार पर से ही उसे पत्रकारों की भीड़ ने घेरना शुरू कर दिया था। बड़ी मुश्किल से वह बचते-बचाते संबंधित वार्ड तक पहुंची और डाॅक्टर से थोड़ा तल्ख स्वर में पूछा-‘‘ अब कैसी स्थिति है?’’
डाक्टर ने राहत भरे स्वर में कहा- ‘‘मैडम, आपके पति काफी लकी थे, उन्हें ज्यादा अंदरूनी चोटें नहीं आयीं। हल्का पफ्रेक्चर है बस।’’
‘‘ मैं अपने पति नहीं उस लेडी के बारे में पूछ रही हंू, जो एक्सीडेंट से पूर्व कार में उनके साथ थी, वह बचेगी या…। मोना का स्वर और तल्ख हो गया था।
मोना के इस रवैये पर वह डाॅक्टर बुरी तरह सकपका गया, वह अचरज भरी निगाहों से मोना की ओर देखते हुए बोला-‘‘ उसकी हालत काफी नाजुक है, कुछ कहा नहीं जा सकता।’’
‘‘अच्छा हो कि मर जाय, कम से कम मेरे पति का उससे पीछा तो छूटेगा। उसने घृणा भरे स्वर में अपनी बातें पूरी की।

डाॅक्टर भी अब तक मोना की मनोस्थिति रीड कर चुका था, इस कारण उसकी बातों को अन्यथा नहीं लिया था। बस मुस्कुरा कर रह गया।

मोना पति के वार्ड की ओर बढ़ गई। दरवाजे पर सख्त पहरा था, मगर उसे कौन रोकता? वह चुपचाप अंदर प्रवेश कर गई। बेड पर चेतन आनंद पीठ के बल लेटा था, उसके माथे पर भी पट्टी बंधी थी। किसी की आहट पा उसने आंखें खोली और पत्नी को देख पीड़ा के बावजूद जबरन मुस्कुराने की कोशिश करते हुए उसका स्वागत किया। जवाब में मोना की प्रतिक्रिया काफी रूखी थी। उसने कुशलक्षेम पूछने की बजाय कटु स्वर में कहा-‘‘ बुरे काम का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है। बीवी से दगा करने वाले मर्दों के हिस्से अंततः तन्हाई व रूसवाई ही आती है।
मोना के इस कथन पर चेतन के चेहरे पर हवाइयां सी उड़ने लगी।

वह पत्नी को इशारांे से समझाते हुए बोला-‘‘ समझा, तुम उस लड़की को लेकर ऐसी बातें कर रही हो जो उस वक्त मेरे साथ थी। लगता है उसे लेकर तुमने बहुत बड़ा भ्रम पाल लिया है।’’

मोना, फिर कटु स्वर में बोली- ‘‘ मैं भगवान से दुआ करूंगी कि मेरा यह भ्रम हमेशा बरकरार रहे। वरना जिस दिन मुझे किसी भी औरत के साथ तुम्हारे अफेयर की चर्चा सुनने को मिली उस दिन तुम मुझे खुद से काफी दूर पाओगे।’’
उसके इस कथन पर चेतन सफाई देते हुए बोला-’‘ कैसी बातें कर रही हो तुम। तुम अच्छी तरह जानती हो कि मैं तुम्हे कितना प्यार करता हूं।’’
उसके इस कथन पर मोना का तेवर थोड़ा ढीला पड़ा, वह एक तरह से चेतावनी भरे स्वर में बोली-‘‘ हां! उसी प्यार के कारणा न चाहते हुए भी तुमपर एतबार करने को जी चाहता है। मैं उपरवाले से दुआ करूंगी कि यह एतबार बरकरार रहे।’’ मोना के इस कथन पर न जाने क्या सोंचकर चेतन ने झुरझुरी सी ली थी। वह आंखें मूंद कुछ सोंचने लगा था।

उसके चेहरे पर वेदना के साथ-साथ चिंता की लकीरें स्पस्ट दिख रही थी। वह सोच रहा था कि कोई भी औरत चाहे वह कितनी भी माॅड ख्यालात की क्यों न हो यह हर्गिज बर्दाश्त नहीं कर सकती कि उसका पति उसके सिवाय किसी और पर भी अपना प्यार लुटाए। उसे अब अपनी चोट से ज्यादा उस खौफनाक स्थिति की चिंता सताने लगी, जब उसकी पत्नी को कहीं से भी यह सच्चाई पता चल गई कि उसके अन्य लड़कियों से भी संबंध हैं या रहे हैं, तब क्या होगा?

उसके साथ एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल सेसेलिया भी तो इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। यह भी उन्हीं लड़कियों में से एक है जो उसके ग्लैमर की चकाचैंध से प्रभावित हो उसके करीब आई थी, जब वह एक सीरीज में भाग लेने आस्ट्रेलिया गया था। सेसेलिया इंडियन फादर व आस्ट्रेलियन मदर की पैदाइश थी।

इस कारण उसके लुक में ही नहीं उसके हाव-भाव, अंदाज व बोलचाल में भारतीयता की झलक मिलती थी। उसका इंडिया प्रेम ही उसके करीब लाया था, क्योंकि तब तक वह क्रिकेट की दुनिया का चमकता नक्षत्रा बन चुका था। एक दिन सेसेलिया अपने किसी परीचित के साथ अचानक उसके ड्रेसिंग रूम में ठीक उसके सामने आकर खड़ी हो गई और अपने गाल की ओर इशारा करते हुए बोली-‘‘ आटोग्राफ प्लीज।’’
‘‘जी! सेसेलिया के इस हरकत पर वह बुरी तरह बौखला गया था, उससे इस अंदाज में अब तक किसी भी लड़की ने आटोग्राफ नहीं मांगा था।

 

उसके इस रियेक्शन पर वह हंसते हुए बोली‘‘- घबराइए नहीं, यहां पर यह सब अभद्रता नहीं शिष्टाचार माना जाता है, मैं तो अभी शिष्टता से ही बात कर रही हूं, मगर आपको देखने के बाद तो सारी हदों से गुजर जाने का जी करता है, अगर आप बुरा न माने तो मैच के बाद मैं आपके साथ थोड़ा सा समय बीताना चाहूंगी। प्लीज! प्लीज! प्लीज! इंकार मत कीजिएगा, वरना मेरा दिल टूटकर चाक हो जाएगा।

आप नहीं जानते I AM SO CRAZY ABOUT YOU। पहले में क्रिकेट एकदम पसंद नहीं करती थी, मगर जिस दिन आपको क्रिकेट की पीच पर विपक्षी गेंदबाजों की ध्ज्जियां उड़ाते देखा, उसी दिन से आपकी व क्रिकेट दोनों की दीवानी हो गई। और यह दृढ़ निश्चय कर लिया था कि आपसे आस्ट्रेलिया में मिलने की ख्वाइश पूरी नहीं हुई तो मैं इंडिया की उड़ान भरूंगी। थैंक गाॅड, उसने मेरी सुन ली।

क्रमशः
लेखक- सचिन कुमार सिंह

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