कुख्यात कुणाल की गिरफ्तारी से खुलेंगे कई राज, आखिर किस राजनेता के पुत्र की हत्या की थी प्लानिंग, कई चेहरे होंगे बेनकाब

    मोतिहारी। एसके पांडेय
    कुख्यात कुणाल सिंह की गिरफ्तारी को काफी अहम माना जा रहा है। उससे पूछताछ में कई राज पर्दाफाश होने की संभावना है। इससे कई नकाब में छिपे चेहरे बेनकाब होंगे। बहरहाल मोतिहारी एसपी कान्तेश कुमार मिश्र के कुशल मार्गदर्शन और एएसपी एस सारथ चकिया एवं डीएसपी अरेराज रंजन कुमार के नेतृत्व एसपी द्वारा एक स्पेशल टीम बनाई गयी, जिसंमे उक्त अधिकारीयों के चकिया थानाध्यक्ष धनंजय कुमार,पीपराकोठी थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह,सुगौली थानाधय्क्ष अखिलेश कुमार मिश्रा, अवनीश कुमार,धनञ्जय शर्मा,विश्वजीत कुमार शर्मा ,राजेश कुमार के आलावा जिला सशस्त्र बल के जवान शामिल रहे।
    उक्त पुलिस टीम ने कुख्तात अपराधी कुणाल सिंह को उसके घर पिपरा थाना क्षेत्र के कुडिया गाँव से गिरफ्तार किया जिसके पास से पुलिस को बड़ी मात्रा में हथियार मिला है. बरामद हथियारों में एक लोडेड एके 47 रायफल, 25 एके 47 के कारतूस, एक 9 एमएम का विदेशी निर्मित पिसटल, 2 नाइन एमएम का मैगजिन, 20 नाइन एमएम का कारतूस और छह वाकी टाकी शामिल है.गिरफ्तार कुणाल सिंह पिपराकोठी के कुड़िया स्थित अपने घर पर था इसकी गुप्त सूचना मोतिहारी एसपी को लगी थी और उन्होंने अपने मार्गदर्शन में उक्त गिरफ्तारी के लिए बनाई गई स्पेशल टास्क टीम को लगाया। इसी दौरान पुलिस भी बड़ी ही नाटकीय तरीके से कुख्यात के गाँव पहुंची और फिर सादे लिबास में पुलिस की टीम ने उसे दौड़ाकर धर दबोचा.

    मजदूर के लिबास में पहुंची कुख्यात के घर
    पुलिस टीम ऑटो और पिकअप से मजदूरों के वेशभूषा में गई क्योंकि उसके घर पर पिछले एक साल से निर्माण कार्य चल रहा है और प्रतिदिन लगभग 50 से 60 मजदूर काम करते हैं. इसलिए किसी को शंका नहीं हुई और पुलिस टीम ने कुणाल सिंह को बड़ी मात्रा में हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया. जो जिला पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है. ज्ञात हो कि कुणाल सिंह पर पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के कई थानों में कुल 17 संगीन मामले दर्ज हैं. जिसमें हत्या, रंगदारी, पुलिस और उत्पाद टीम पर हमला, स्कूल पर फायरिंग समेत कई मामले हैं. इसका नाम सबसे पहले हरपुरनाग के मुखिया पति विरेंद्र ठाकुर की हत्या में सामने आया था. अपराध की दुनिया में देखते ही देखते छा गया था. उसके बाद रक्सौल के कैम्ब्रिज स्कूल पर अंधाधुंध फायरिंग कर लोगों में दहशत फैला दिया था. और रंगदारी की मांग की थी , लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आया जब इसने पूर्वी चंपारण जिले के कुख्यात अपराधी बब्लू दूबे की बेतिया कोर्ट में दिनदहाड़े हत्या कर फरार हो गया था. उक्त काण्ड में इसकी की गिरफ्तारी वर्ष 2017 में हुई थी. फिर जमानत पर निकलकर वह फरार हो गया.

    जिसके बाद कुणाल सिंह को पूर्व के मोतिहारी एसपी रहे एसपी उपेंद्र शर्मा के नेतृत्व में पकड़ने गई पुलिस टीम के साथ उसकी मुठभेड़ हुई थी. जिसमे 50 वो राउंड से ज्यादा गोलियां चली थी जिसमें दो अपरिधियों के साथ ही एक भैंस को गोली लगी थी और कुणाल अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया था. जबकि हाल ही में उसने अपने गांव में ही उत्पाद पुलिस पर कातिलाना हमला किया था. जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे.इस घटना के दौरान भी इसने एके 47 का इस्तेमाल किया था, जबकि बुधवार को मोतिहारी एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि कुख्यात अपराधी कुणाल सिंह और उसके चार-पांच साथी के कई स्वचालित हथियारों के साथ अपने घर कुड़िया पंहुचा हुआ है। इसके साथ ही कुणाल सिंह के घर पर ही किसी बड़े आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए योजना बनाई जा रही थी. जिस सूचना के बाद तत्काल चकिया एएसपी और अरेराज डीएसपी के नेतृत्व में चकिया, पिपराकोठी, सुगौली,बंजरिया, मुफ्फसिल थाना के अलावा पुलिस लाइन के सिपाहियों की टीम बनाई गई. एसपी द्वारा विशेष रणनीति बनाकर की गई छापेमारी की समस्त पुलिस टीम का मार्गदर्शन खुद जिले के एसपी श्री मिश्र कर रहे थे ने कुणाल सिंह पकड़ा लिया गया. जबकि उसके गुर्गे भागने में सफल रहे.

    फरार अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. सूत्रों की माने तो कुख्यात अपराधी कुणाल सिंह जिले के किसी बड़े नेता के पुत्र की हत्या करने तथा जिले में विभागीय टेंडरो को लेने के लिए अपने वर्चस्व कायम करने के साथ जिले में अपनी बादशाहत कायम करने की जूगत में था यदि पुलिस इसे दबोचने में देरी कराती तो हो सकता था जिले में बड़ी गैंगवार वैसे पुलिस इसकी गिरफ्तारी के बाद से बहुत सारे पहलुओं पर सूक्षम जांच में जुटी है जैसे एके 47,नाईन एमएम विदेशी पिस्टल,वाकी टाकी आदि कहाँ से आया कैसे इसे प्राप्त हुआ उक्त कुख्यात का संपर्क किस किस से है तथा दर्ज 17 कन्डो के आलावा और अन्य कितने कन्डो में ये संलिप्त रहा है उक्त जिलो के आलावा इसका बिहार के किन किन जिलो में अपराधिक इतिहास है तथा इसकी मंशा क्या थी उक्त सारी जानकारियां हासिल करने में पुलिस लगी हुई है हो सकता है जेल भेजने के बाद भी इसे न्यालय से अनुमति लेकर पुलिस रिमांड पर लिया जा सकता है द्य

    Previous articleपिपरा विधायक श्यामबाबू प्रसाद यादव ने की अनुरक्षकों का मानदेय बढ़ाने की मांग
    Next articleबिहार बोर्ड इंटर रिजल्ट 2023ः खत्म होने वाला है इंतजार, इस सप्ताह के अंत तक आ जाएगा इंटर रिजल्ट, जानिए कब तक आएगा मैट्रिक रिजल्ट