नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होंगे 83 अतिरिक्त स्वदेश एडवांस तेजस जेट। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस ने बुधवार को भारतीय लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दे दी। यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी। बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने 40 तेजस जेट की खरीद को पहले ही मंजूरी दे दी है। यानि कि अब देश के पास कुल 123 एडवांस तेजस जेट हो जाएंगे।
इन 123 जेट के अतिरिक्त भारत 170 तेजस डंता-2 की खरीद को मंजूरी देने पर विचार कर रहा है, जो कि पॉवरफुल इंजन और एडवांस टेक्नोलॉजी से बना होगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2029 तक सभी 83 विमानों को वायुसेना को सौंपने का लक्ष्य है। इन 83 विमानों से वायुसेना की कम से कम छह स्कॉवड्रन बन जाएंगी। एक स्कॉवड्रन में 16-18 शक्तिशाली लड़ाकू विमान होते हैं। बता दें कि ये 83 मार्क वन-ए फाटइर जेट पुराने सौदे वाले मार्क वन से ज्यादा एडवांस यानी घातक और खतरनाक हैं।
तेजस स्वदेशी चैथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है। यह फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस लड़ाकू विमान है और इसकी संरचना कंपोजिट मैटेरियल से बनी है। तेजस चैथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है।