नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
लोजपा में चाचा-भतीजा के बीच वर्चस्व की लड़ाई रोचक मोड़ पर है। रविवार को दिल्ली में चिराग पासवान ने अपने घर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर चाचा पशपुति कुमार पारस को पार्टी का सिंबल और नाम नहीं इस्तेमाल करने की चुनौती दी। चिराग और उनके समर्थकों ने दावा किया कि 12 राज्य कमेटियों के अध्यक्ष समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 90 फीसद लोग उनके साथ हैं। चिराग ने एलान किया कि अपने पिता की कर्मभूमि और चाचा पशुपति कुमार पारस के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र हाजीपुर से वे पांच जुलाई को संघर्ष यात्रा शुरू करेंगे। यह उनके पिता का जन्मदिवस भी है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा
चिराग गुट की ओर से बताया गया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सभी सदस्यों ने चिराग को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने की बात कही। इसके अलावा पारस गुट की ओर से असली लोजपा होने के दावे की निंदा की गई। राम विलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग की गई। साथ ही कोरोना की तीसरी लहर के प्रति लोगों को जागरूक करने और बाढ़ पीडि़तों की मदद करने का भी फैसला लिया गया।
चाचा पशुपति पारस के दावे को चिराग ने बताया गलत
चिराग पासवान ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित कर दावा किया उनके चाचा पारस की ओर से किए गए दावे पूरी तरह गलत और निराधार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी का बहुमत उनके साथ है और वे अभी भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड के चेयरमैन बने हुए हैं। चिराग ने इस मसले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मिलकर भी शनिवार की शाम अपनी बात रखी थी। अब उनकी पार्टी चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी में है।
चिराग को कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं
इससे पहले लोजपा के पारस गुट ने शनिवार को लोजपा के राष्ट्रीय एवं प्रदेश के विभिन्न प्रकोष्ठों की कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। पशुपति कुमार पारस ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय, प्रदेश एवं विभिन्न प्रकोष्ठों की कमेटियों की घोषणा जल्द की जाएगी। चिराग गुट द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने पर पारस ने कहा कि चिराग को यह बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है। पार्टी संविधान के मुताबिक वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। फिलहाल पार्टी की सोलह सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी गठित कर दी गई है। एक सवाल पर उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग को कार्यकारिणी के सदस्यों की सूची अभी इसलिए नहीं सौंपी गई है कि नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से मंजूरी ली जाएगी।