Home न्यूज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र का निर्माण अंतिम चरण में

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र का निर्माण अंतिम चरण में

छपरा। बीके अशोक वर्मा
जैसे-जैसे परिवर्तन का समय नजदीक होता जा रहा है। साथ-साथ अपना मूल घर एवं सुख धाम का स्वरूप बिल्कुल स्पष्ट होता जा रहा है, वैसे-वैसे पूरे देश विदेश में ब्रह्मा वत्स ऐश्वरीय सेवा कार्य में तेजी ला रहे हैं। सभी ब्रह्मावत्सांे का मूल उद्देश्य संपूर्णता को प्राप्त कर नई पारी की शुरुआत करने की है।
इसी कड़ी में छपरा जिले के बजराहा गांव, दरियापुर में एक भव्य ब्रम्हाकुमारी सेवा केंद्र का निर्माण कार्य चल रहा है। भाई बहनों के लिए अलग-अलग रहने की व्यवस्था भी हो रही है तथा क्लास और बड़े आकार का बन रहा है । साथ साथ बाबा का कमरा भी अलौकिक रूप में सज रहा है। बिहार और झारखंड के प्रभारी राजयोगिनी बीके रानी दीदी के कर कमलों द्वारा उस सेवा केंद्र का उद्घाटन होना तय हुआ है। इस बाबत सेवा केंद्र प्रभारी बीके सुनीता बहन ने बताया कि बाबा का संदेश गांव-गांव, जन- जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस सेवा केंद्र का निर्माण कार्य चल रहा है ।उन्होंने कहा कि मेरे लौकिक पिता मिश्रीलाल प्रसाद जो अवकाश प्राप्त सीनियर एडिटर है ,ने ईश्वरीय सेवा हेतु इस सेवा केंद्र का निर्माण करा रहे हैं।

 

उन्होंने ही जमीन सेवा केंद्र के लिए दी है। सेवा केंद्र प्रभारी ने बताया कि इस सेवा केंद्र में योग तपस्या एवं मुरली क्लास के अलावा अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय द्वारा संचालित 20 प्रभाग के कार्यक्रमों को भी जमीन पर उतारा जाएगा। सभी प्रभाग के भाई बहनों को अध्यात्मिक शक्ति संपन्न किया जाएगा ।उन्होंने कहा कि नई दुनिया सतयुग अब काफी सन्निकट है। पुरुषोत्तम संगम युग अब समाप्ति की ओर है, ऐसे समय में एक-एक पल का महत्व बढ़ जाता है और इस सुदूर गांव में यह सेवा केंद्र निश्चित रूप से हर आत्माओं तक ईश्वरीय संदेश पहुंचाने में सफल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सेवा केंद्र के भाई-बहन घर घर जाकर बाबा के संदेश को पहुंचाएंगे तथा सुख शांति समृद्धि हेतु अपने योग का प्रति कंपन कंपन देंगे।

Previous articleगांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना को धरातल पर उतारेगा जन सुराज,बिहार में बेहतर विकल्प, बोले प्रवक्ता
Next articleगांजा तस्करी मामले के दो आरोपियों को 12-12 वर्षों का सश्रम कारावास, इतना जुर्माना भी