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कोरोना काल में छठ पूजा को लेकर बिहार सरकार ने जारी की गाइडलाइन, विस्तार से जान लें इस बार छठ घाट पर या घर पर मनेगा

बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार में आम चुनाव के दौरान सुप्त रहने वाले गृह विभाग को अचानक छठ के दौरान कोरोना के खतरे का भान हो गया है। इस कारण कइ्र्र गाइडलान जारी किए गए हैं। बता दें कि इस वर्ष छठ 18 से 21 नवम्बर तक मनाया जा रहा है। छठ पूजा में लोग अस्तगानी एवं उदीयमान सूर्य को आर्य समर्पित करते है। इस अवसर पर कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत निदेश का पालन कराया जाना राज्य सरकार ने कन्टेनमेंट जोन के बाहर छठ पूजा, 2020 के आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने का निर्णय लिया है।

इसके अनुसार

1. जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि स्थानीय छठ पूजा समितियों नागरिक इकाईयों, पार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से समन्वय स्थापित करने हेतु बैठ आयोजित कर संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं राजा सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत निदेशों का पर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाए।

2. सामान्यतः गंगा नयी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे अवस्थित चाटों पर छठ पर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है, जिसके दौरान दो व्यक्तियों के बीच सामाजिक दूरी या अगुपारसना करा पाना कठिन है। जात लोगों को अधिकाधिक रूप से प्रेरित किया जाय कि अपने घरों पर ही छड पूजा करे। गंगा नदी एवं अन्य महत्तापूर्ण नारिय एवं तालाब घाटों पर संक्रमण के फैलाव को रोकने हेतु त पर्व के दौरान सुबह एवं शाम को दिए जाने वाले अध्र्य को घर पर ही करने की सलाह दी जाय।
महत्वपूर्ण नदियों से पूजा हेतु जल लेकर जागा चाहे तो जिला प्रशासन द्वारा इसको विनिवगित को हुए जल ले जाने हेतु आवश्यक सवस्या की जानी चाहिए।

3. ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरीओ अवस्थित छोटे तालाबों पर हापर्व के आयोजन के दौरान मास्क के प्रयोग एवं सोशल डिस्टेसिंग के मानकों का पालन कराया जाना चाहिए।

4. ग्रामीग क्षेत्रों एवं शहरों अवस्थित तालाबों जहाँ आर्य की अनुमति दी जाएगी, वहीं अघ्र्य को पूर्व एवं पश्चात् सैनिटाईजेशन का कार्य नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत द्वारा कराया जाना चाहिए। इस हेतु नगर विकास एवं आवास विभाग तथा पंचायती राज विभाग द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किया जाना चाहिए।

5. विभिन्न सारों पर छठ पूजा समितियोंध्मेला समितियों के साथ प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बैठक का आयोजन किया जाना चाहिए, जिसमें कोविड-19 के संक्रमण के विभिन्न पहलुओं एवं सावधानियों के संबंध में अवगत कराया जाना चाहिए।

6. जिन तालाबों पर आर्य की अनुमति दी जाए. वहीं ब्व्छक्-19 से संबंधित जागरुकता फैलाने की भी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस हेतु आवश्यक प्रचार-प्रसार समाची का उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से भी जागरूकता उत्पन्न किया जाना चाहिए। छठ पूजा के आयोजकों एवं उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित शर्ता का पालन करना होगा।

7. छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाली सतहों, यथा-परीकेडिंग आदिको रागय-समय पर साफा एवं प्रभावी पीटाणुनाशक से विसंक्रमित किया जाए।

8. आम जन को खतरनाक घाटों के बारे में समचार माध्यमों से सूचना दी जाए ताकि अधिक भीड़-भाड़ की स्थिति न बने। छठ पूजा घाट पर यत्र-तत्र थूकना सर्वथा वर्जित होगा।

9. छठ पूजा घाट पर बैठने या अघ्र्य देने की व्यवस्था इस तरह से की जाएगी, ताकि पर्यात सामाजिक दूरी बनी रहे। दो गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन किया जाय एवं मास्क का प्रयोग किया जाये।

10. छठ पूजा घाट आस-पास खाद्य पदार्थ का स्टॉल नहीं लगाया जायेगा।

11. कोई सामुदायिक भोज, प्रसाद या भोग का वितरण नहीं किया जाएगा।

12. छठ पूजा के दौरान 6० वर्ष पो अधीक उस के व्यक्ति 10 वर्ष के कम उस के बच्चे, बुखार से ग्रस्त व्यक्ति एवं अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि वे छठ पाट पर न इस अवसर पर किसी प्रकार के मेला या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाना है।

13. छठ पूजा के आयोजकों एवं प्रशासन द्वारा पर्याप्त रोनिटाइजर की व्यवस्था की जायेगी।

14. छठ पूजा हेतु वाहनों के प्रयोग को यथासंभव विनियगित किया जायेगा।

15. जिला प्रशासन द्वारा आयोजकों के सहयोग से इन दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा, ताकि लोगों द्वारा स्वाः इनका पालन करना सुलभ हो।

16. जिला प्रशासग एवं पुलिस द्वारा छठ पूजा के दौरान स्थिति पर नियंत्रण हेतु आवश्यक संख्या में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियोंध्बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।

17. सभी जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक उपरोक्त दिशा-निर्देशों का सख्ती से क्रियाान्वयन सुनिश्चित करेंगे।

15. इस दिशा निदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूज आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-00 के प्रावधानों के अतिरिक्त भादवि की धारा 180 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अधीन कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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