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बौखलाई ममता ने केंद्र को दी चुनौती, हिम्मत हो तो लगा दे पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन, नहीं भेजेंगे अपने तीन अधिकारी

नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पश्चिम बंगाल सीएम व केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ती जा रही है। पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के लिए गुरुवार को फिर से आदेश जारी किया, लेकिन अब टीएमसी ने इससे साफ इनकार कर दिया है। पार्टी ने कहा कि हम किसी भी हालत में अपने अधिकारियों को केंद्र में नहीं भेजेंगे और अगर केंद्र में हिम्मत है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा के दिखाए।

वहीं इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि आईपीएस काडर नियमों के मुताबिक, विवाद की स्थिति में राज्य को केंद्र का कहना मानना होगा। गृह मंत्रालय ने कहा है कि तीन आईपीएस अधिकारियों को पहले ही नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं और उन्हें फौरन कार्य मुक्त किया जाना चाहिए।

विस्तारवादी ताकतों के आगे नहीं झुकेंगेः ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल के तीन सेवारत आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के भारत सरकार का आदेश, आईपीएस कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान की शक्ति के जबरदस्त दुरुपयोग का एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विस्तारवादी तथा अलोकतांत्रिक ताकतों के आगे कभी नहीं झुकेगी।
टीएमसी अध्यक्ष ने कहा, यह अधिनियम और कुछ नहीं है, बल्कि राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने और पश्चिम बंगाल में सेवारत अधिकारियों को हतोत्साहित करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। यह कदम, विशेष रूप से चुनावों से पहले संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है!

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, हम केंद्र द्वारा राज्य की मशीनरी को प्रॉक्सी द्वारा नियंत्रित करने के इस प्रयास को अनुमति नहीं देंगे! पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने सिर झुकाने वाला नहीं है।
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जितेंद्र तिवारी ने दिया इस्तीफा
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सुवेंदु अधिकारी के इस्तीफा देने के बाद अब विधायक जितेंद्र तिवारी ने आसनसोल नगर निगम के प्रशासक मंडल के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसी खबरें हैं कि तिवारी जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। तिवारी ने कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिखकर इस औद्योगिक शहर को केंद्रीय कोष से वंचित रखने का आरोप लगाया था।
जितेंद्र तिवारी ने इस्तीफा देने के बाद मीडिया से कहा कि प्रशासक का पद छोड़ने के एक घंटे के भीतर, मेरे कार्यालय को कोलकाता से मिले निर्देशों के बाद तोड़ दिया गया। ऐसे में अब उनके साथ रहना मेरे लिए संभव नहीं है। मैंने पार्टी के जिला प्रमुख (टीएमसी) के पद से इस्तीफा दे दिया है।

सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस से नाता तोड़ा
इधर, विधायक पद छोड़ने के एक दिन बाद गुरुवार को सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने पिछले महीने राज्य मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया था। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया है।

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