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मजदूर अधिकारों की गारंटी के लिए ऐक्टू ने किया मुख्यमंत्री के समक्ष विरोध प्रदर्शन

पटना। अशोक वर्मा
मजदूर अधिकारों पर बढ़ते फासीवादी हमले के खिलाफ आज ऐक्टू के आह्वान पर सैकडों मजदूरों ने मुख्यमंत्री के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल होने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से असंगठित क्षेत्र के विभिन्न तबकों के सैकड़ों महिला-पुरुष मजदूर झंडे-बैनर व मांग पट्टिकाओं के साथ सुबह से ही स्थानीय गेट पब्लिक लाइब्रेरी के पास इकट्ठा होते रहे। मजदूर विरोधी लेबर कोड कानून रद्द करो, संविधान – लोकतंत्र पर हमला बंद करो, साम्प्रदायिक उन्माद-उत्पात पर रोक लगाओ, फासीवाद हो बर्बाद, न्यूनतम मजदूरी की लूट बंद करो, समाजिक सुरक्षा की गारंटी करो, निकाय सहित सभी दैनिक कर्मियों को नियमित करो, आशा-रसोइया सहित सभी स्कीम वर्करों को न्यूनतम मजदूरी दो, निर्माण सहित सभी असंगठित मजदूरों के कल्याण बोर्ड को कारगर बनाओ, देय सामाजिक सुरक्षा लाभ में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाओ आदि नारों-मांगों को बुलन्द करते हुए मजदूरों ने गेट पब्लिक लाइब्रेरी के पास से झंडे-बैनर व मांग पट्टिकाओं से सुसज्जित जुलूस-प्रदर्शन निकाला।
जुलुस प्रदर्शन का नेतृत्व ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष श्यामलाल प्रसाद, महासचिव आरएन ठाकुर, एआईसीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय महासचिव एसके शर्मा, ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि यादव व सरोज चौवे, राज्य सचिव मुकेश मुक्त व सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, ट्रेड यूनियन नेता राजकुमार (पप्पू) शर्मा व जितेंद्र कुमार ने की।
गर्दनीबाग थाना के पास पहुंच कर मजदूरों का प्रदर्शन …सभा में तब्लील हो गया। सभा की अध्यक्षता ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष श्यामलाल प्रसाद ने की जबकि संचालन राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने।
ऐक्टू राज्य महासचिव आरएन ठाकुर ने प्रदर्शन-सभा को सम्बोधित करते हुए 10 सूत्री मांगों की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि केंद्र की फासीवादी मोदी सरकार ने मजदूर विरोधी – मालिकपरस्त लेबर कोड कानून बनाकर मजदूरों को अधिकारहीनता की भयंकर आग में झोंक दिया है। चार लेबर कोड मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज है। न्यूनतम मजदूरी को खत्म कर उसका आधा श्फ्लोर लेवलश् मजदूरी लागू किया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा की सभी योजनाओं में उलटफेरदृकटौती कर मजदूरों को जाल में फंसा …तंग-तबाह किया जा रहा है।
एआईसीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय महासचिव एसके शर्मा ने कहा कि महंगाई – बेरोजगारी बढ़ाकर मजदूरों की बदहाली बढ़ाई जा रही है। इस भयावह स्थिति का मुकाबला करने के लिए मजदूरों की व्यापक एकजुटता कायम करनी होगी व धारावाहिक जुझारु आंदोलनों के साथ-साथ राजनीतिक गोलबंदी बढ़ानी होगी।
प्रदर्शन-सभा में पंहुचे भाकपा-माले विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम ने मजदूरों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए मागों का समर्थन किया। उन्होंने प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए कहा कि निर्माण मजदूर, आशा कार्यकर्ता, रसोइया आदि सभी असंगठित मजदूरों को बड़ी एकता बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मजदूरों की सभी मांगों को जोरदार तरीके से सरकार के समक्ष उठाएंगे।
सभा को आशा कार्यकर्ता संघ के महासचिव व भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य शशि यादव, बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ के राज्य महासचिव व भाकपा-माले के केंद्रीय कमिटी सदस्य सरोज चौबे, असंगठित कामगार महासंघ के राज्य महासचिव मुकेश मुक्त, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ – गोपगुट के राज्य महासचिव प्रेमचंद सिन्हा, विभिन्न जिलों के ऐक्टू नेता रामचंद्र दास (मधेपुरा), शिवशंकर प्रसाद (जहानाबाद), मुकेश कुमार (सहरसा), पुरुषोत्तम प्रसाद सिंह (सारण), राजकुमार (पप्पु) शर्मा (पटना) जवाहर प्रसाद (बेतिया) रामचंद्र दास (बांका), मनोज कुमार यादव व अशोक राय (मुजफ्फरपुर) विष्णुदेव यादव, भाग्यनारायण चौधरी व रजेश कुमार (मोतिहारी) संगीता देवी (वैशाली) विष्णु कुमार मंडल (भागलपुर) मकसूदन शर्मा (नालंदा) रामलाल दास (समस्तीपुर) बालमुकुंद चौधरी (भोजपुर) अशोक सिंह (रोहतास) आदि ने भी सम्बोधित किया। राज्य अध्यक्ष श्यामलाल प्रसाद के धन्यवाद ज्ञापन के साथ प्रदर्शन समाप्त हुआ।

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