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पूर्व प्राचार्य वैद्य डॉ दीप नारायण मिश्र के आवास पर हुआ भव्य धनवंतरी पूजनोत्सव

मोतिहारी। अशोक वर्मा
आयुर्वेद के जनक एवं आयुर्वेद चिकित्सकों के भगवान कहे जाने वाले श्री धन्वन्तरि का भव्य पूजन उत्सव नगर के अवकाश प्राप्त अर्पित कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ दीप नारायण मिश्र के आवास पर बड़े हीं धार्मिक अनुष्ठान एवं विधि विधान से किया गया। पूजा पर डॉक्टर मिश्र के पुत्र एवं जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर आलोक कुमार बैठे थे तथा सामूहिक पूजनोत्सव में जिले के जाने-माने दर्जनों आयुर्वेद चिकित्सक शामिल हुए। पूजा में शामिल होने वाले चिकित्सकों में वरिष्ठ वैद्य डॉक्टर शशि भूषण, अवकाश प्राप्त रीडर डॉ श्रीमती अंजू वर्मा, डॉक्टर एसएन पटेल, डॉक्टर अनिल कुमार, डॉक्टर संजय सिंह, डॉक्टर रंभा पांडे, डाॅक्टर माधव अध्याय ,डॉ विनोद कुमार सिंह, डॉ अभिषेक मिश्र समेत काफी चिकित्सक सामूहिक रूप से शामिल हुए। सभी ने धन्वंतरी देवता का पूजन बड़े हीं आत्मिक भाव से की। श्री धन्वंतरी पूजनो त्सव पर प्रकाश डालते हुए डॉक्टर डी एन मिश्रा ने कहा कि कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन के उपक्रम में आयुर्वेद नहीं अपितु संपूर्ण चिकित्सा शास्त्र के प्रवर्तक के रूप में श्री धन्वंतरी अवतरित हुए इसलिए उन्हें आदि प्रवर्तक कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि जब संसार के प्राणी रोग और कष्ट से ग्रसित होकर आर्त स्वर से सृष्टि के रचयिता अखंड ब्रहमांड नायक भगवान विष्णु को हृदय से पुकारने लगते हैं, तो क्षीरसागर में रहने वाले विश्व रचयिता सागर का कलश ध्वनि एवं सुंदरतम कमलपुष्प लक्ष्मी के साथ विभिन्न अवतारों के रूप मे में यथा नरसिंह बाराह के रूप में कष्ट से मुक्ति दिलाने हेतु भूमि पर अवतरित होकर कष्ट हरते है। वे श्रीधनवंतरी कहलाते हैं। शल्य चिकित्सक के रूप में भी वे प्रधान थे । श्री धन्वंतरी आदि देव के रूप में विश्व को अमूल्य ज्ञान निधि दी है। डॉ मिश्रा ने कहा कि आयुर्वेद की शक्ति को कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों ने स्वीकार किया है। जहां सारे पैथ फेल हो चुके थे वहां गुरुच ,दालचीनी, लॉन्ग, मरीच, तेजपत्ता, एवं अन्य सहज सुलभ औषधियों के मिश्रण से तैयार काढ़ा कारगर हुआ और हजारों मरीजों की जान बची।

लाखों लोगों ने इस काढा का नियमित सेवन कर अपने को सुरक्षित रखा। डॉक्टरों को संबोधित करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा मेंआय का दस प्रतिशत राशी परामर्थ सेवा कार्य मे लगाने का निर्देश मिला हुआ है जिसे सभी डॉक्टरों को पालन करना चाहिए, इससे उनकी चिकित्सा शक्ति काफी बढ़ती है और लोगों का भी कल्याण होता है।

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