गांव के शराब बिक्री की सूचना पुलिस को देने वाली महिला की गिरफ्तारी की तीव्र भर्त्सना

    मोतिहारी। अशोक वर्मा
    पुलिस के टोल फ्री नंबर पर शराब विक्रेता की जानकारी देने वाली महिला की हुई गिरफ्तारी और दबाव पर अपने आप में काफी हास्यास्पद है। इस विषय को बहुजन समाजवादी पार्टी ने बड़े ही गंभीरता से उठाया तथा गिरफ्तारी का प्रतिकार किया अंततः उस महिला को पुलिस ने छोड़ दिया। वह महिला भी कोई साधारण महिला नहीं थी बल्कि अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी महासंघ के प्रदेश के बड़े नेता रामसेवक राम की पत्नी थी, जिन्होंने पति की सामाजिक प्रतिबद्धता को जीवंतता प्रदान करते हुए शराब का घोर विरोध किया था तथा पुलिस को जानकारी दी थी। जानकारी देने के बाद पुलिस ने उसके पते पर जाकर स्वयं उस महिला को ही गिरफ्तारी कर लिया, क्योंकि वह महिला पुलिस के कमीशन और आमद में बाधक बन गई थी, लेकिन जब बहुजन समाजवादी पार्टी ने जोरदार विरोध किया तो डर के मारे पुलिस ने उस महिला को छोड़ दी।
    पीटती मेहर बिकते जेवर, छोड़ शराबी अपना तेवर
    पुरी जिंदगी भर ऐसा नारा गढ़ने वाले, शराब नशा के विरूद्ध जन जागृति का अभियान चलाने वाले , गांव गांव में दिवाल लेखन करने वाले,तथा खंजड़ी बजाकर नशा मुक्ति के प्रति समाज को जागरूक करने वाले रामसेवक राम की पत्नी की हीं बूढापे की अवस्था में शराब के मामले में गिरफ्तारी व्यवस्था को उजागर कर रही है। इसी नशा मुक्ति के लिए कार्यक्रम चलाने के लिए कभी ’सीआर काशवान’ जी(डीआईजी,बेतिया) जैसे तत्कालीन बड़े बड़े अधिकारियों द्वारा राम सेवक राम सम्मानित भी हो चुके है। लेकिन मोतिहारी के पिपरा थाना क्षेत्र से रामसेवक राम जी की पत्नी को शराब बरामदगी के आरोप में हुई गिरफ्तारी अति घोर निंदनीय,दुर्भाग्य पूर्ण और दुर्भावनाओ से प्रेरित कार्रवाई कही जायेगी। बहुजन समाज पार्टी की पूर्वी चम्पारण जिला इकाई इस गिरफ्तारी की घोर निन्दा की ।
    विदित हो कि रामसेवक राम एससी-एसटी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष हैं, जिला अंबेडकर कल्याण समिति का कार्यालय सचिव हैं, तथा ह्युमन राइट्स प्रोटेक्शन एंड डेवलपमेंट डिस्ट्रिक्ट कन्वेनर हैं। जो अपनी पूरी जिंदगी शराब ,नशा,बालविवाह, जैसी कुरीतियों के विरोध में जन जागृति अभियान चलाते रहे हैं। गांव-देहात की गलियों में दिवालों पर नारा भी लिखते थे-
    ’पीटती मेहर बिकते जेवर’
    ’छोड़ शराबी ऐसा तेवर’
    ’नशा नाश का जड़ है भाई।’
    ’इसका फल अति दुख दायी।’
    ’नशा का जो हुआ शिकार।’ ’उजड़ा उसका घर परिवार।’
    कर्मचारी नेता रामसेवक राम एवं उनकी पत्नी हमेशा ही दलित पीड़ित समाज को नशामुक्त करने का हर संभव प्रयास करते रहते है। इसी कड़ी में दिनांक 20/03/2023 को सरकार द्वारा शराब बंदी के लिए जारी टोलफ्री नंबर पर कॉल करके गांव में हो रही शराब बिक्री को बंद कराने के लिए प्रशासन को सूचना देते है,प्रशासन द्वारा इनका पूरा नाम पता पूछा लिया गया और अगले दिन रामसेवक बाबू के घर पर ही पुलिस ने छापा मारी और इनकी पत्नी जो हमेशा शराब को बंद करवाने का प्रयास करती रही है उन्हें गिरफ्तार कर लेना अति निंदनीय घटना घटी हालांकि बाद में जनता के दबाव व जांच पड़ताल के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है।
    ये सरकार द्वारा जारी टोलफ्री नंबर तथा स्थानीय पुलिस की करवाई भी शंका के घेरे में है। इस घटना से श्री रामसेवक बाबू के परिवार की मानहानी हुई है। इधर बहुजन समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष मथुरा राम ने कहा कि या तो कर्मचारी नेता राम सेवक राम की पत्नी का मामला था जिससे उनकी रिहाई हो गइर्, लेकिन यह बात तो स्पष्ट हुआ कि पुलिस द्वारा सही और प्रतिष्ठित लोगों को फंसा कर पैसे की उगाही की जा रही है।

     

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