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पंजाबः सरकारी मेडिकल काॅलेज के 20 छात्र पाए गए कोरोना पोजिटिव, गए थे पिकनिक मनाने, पंजाब में बढ़ा खतरा

नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पंजाब में कोरोना तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। अमृतसर में बुधवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज के 20 छात्र कोरोना पाॅजिटिव पाए गए। ये सभी विद्यार्थी मार्च के पहले सप्ताह में जयपुर में पिकनिक मनाने गए थे। सोमवार को ही ये सभी बच्चे अमृतसर लौटे थे। सभी विद्यार्थी सरकारी मेडिकल कॉलेज के अलग अलग ब्वायज हॉस्टल में रहते हैं। मंगलवार को सभी ने कोरोना टेस्ट करवाया। बुधवार को सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिपोर्ट आते ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इन छात्रों को घर भेज दिया है। साथ ही नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि वे जयपुर में कहां-कहां ठहरे और उनके संपर्क में कौन-कौन आया।

जानकारी के अनुसार, सरकारी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले 54 विद्यार्थियों ने जयपुर जाने के लिए प्रिंसिपल कार्यालय से अनुमति मांगी थी। प्रिंसिपल डॉ. राजीव देवगण ने कोरोना के बढ़ रहे केस का हवाला देते हुए 54 स्टूडेंट्स को छुट्टी देने से इंकार कर दिया था। उनका कहना था कि कोरोना काल में किसी को दूसरे राज्य में जाने की अनुमति नहीं दे सकते, लेकिन विद्यार्थी जिद पर अड़ गए। कुछ विद्यार्थियों के अभिभावकों ने प्रिंसिपल पर दबाव बनाया कि वह अपने जोखिम पर इन विद्यार्थियों को भेजना चाहते हैं, इसलिए इन्हें जाने दें।
प्रिंसिपल ने सभी से लिखित में मांगा कि राजस्थान से लौटने के बाद वे हॉस्टल में नहीं आएंगे। पहले कोरोना टेस्ट करवाएंगे लेकिन सोमवार को ये विद्यार्थी जयपुर से लौटे और चुपचाप हॉस्टल में चले गए। जब मामले की जानकारी कॉलेज प्रशासन को मिली तो उन्होंने सभी विद्यार्थियों को फटकार लगाई। फिर सभी का कोविड टेस्ट करवाया। कोविड टेस्ट में 54 में से 20 विद्यार्थी संक्रमित पाए गए हैं। जानकारी मिलने पर मेडिकल कालेज में हड़कंप मच गया।

आदेशों की अवज्ञा करने वाले स्टूडेंट्स के विरुद्ध होगी कार्रवाई: प्रिंसिपल

प्रिंसिपल डॉ. राजीव देवगण का कहना है कि 20 में से तीन विद्यार्थियों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। शेष को घर भेज दिया गया है। इन विद्यार्थियों ने आदेश की अवहेलना की है। हम इन पर सख्त कार्रवाई करेंगे। मेडिकल कालेज प्रशासन इस प्रकार के ट्रिप आर्गेनाइज नहीं करता। फर्स्ट ईयर से सेकेंड ईयर में पहुंचे इन विद्यार्थियों ने खुद ही पिकनिक का प्रोग्राम बनाया और चले गए। हमने इनसे लिखित में लिया था कि लौटने के बाद कोरोना टेस्ट करवाए बगैर वे हॉस्टल में प्रवेश नहीं करेंगे, लेकिन ये नहीं माने।

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