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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को पच नहीं रही एनडीए की जीत, अब नीतीश कुमार को दिया यह आफर

नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार चुनाव में एनडीए की जीत कांगे्रस नेताओं को रास नहीं आ रहा। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की छटपटाहट साफ नजर आ रही है। बिहार में राजद संग सत्ता पाने का मंसूबा ध्वस्त होने के बाद वे नीतीश कुमार पर डोरे डाल रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने नीतीश कुमार को संघ और भाजपा का साथ छोड़ने की नसीहत दी है। उनका कहना है कि देश को बर्बाद होने से बचाने के लिए नीतीश कुमार को भाजपा और संघ का साथ छोड़ तेजस्वी का साथ देना चाहिए।

भाजपा व संघ को बताया अमरबेल
दिग्विजय सिंह ने कहा, भाजपा व संघ अमरबेल के समान हैं, जिस पेड़ पर लिपट जाती हैं वह पेड़ सूख जाता है और वह पनप जाती है। नीतीश जी, लालू जी ने आपके साथ संघर्ष किया है आंदोलनों में जेल गए हैं। भाजपाध्संघ की विचारधारा को छोड़ कर तेजस्वी को आशीर्वाद दे दीजिए। इस अमरबेल रूपी भाजपाध्संघ को बिहार में मत पनपाओ।श्

बोले, बिहार छोड़, राष्ट्रीय राजनीति में आएं
दिग्विजय सिंह ने नीतीश कुमार को बिहार छोड़कर भारतीय राजनीति में आने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, श्नीतीश जी, बिहार आपके लिए छोटा हो गया है, आप भारत की राजनीति में आ जाएं। सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को एकमत करने में मदद करते हुए संघ की अंग्रेजों के द्वारा पनपाई श्फूट डालो और राज करोश् की नीति ना पनपने दें। विचार जरूर करें।

कांग्रेस सांसद ने बिहार के मुख्यमंत्री को देश को बर्बाद होने से बचाने की अपील करते हुए कहा, श्यही महात्मा गांधी जी व जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी। आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए। आपको याद दिलाना चाहूंगा जनता पार्टी संघ की डुअल मेंबरशिप (दोहरी सदस्यता) के आधार पर ही टूटी थी। भाजपा व संघ को छोड़िए। देश को बर्बादी से बचाइए।

भाजपा ने पासवान की विरासत खत्म की
इतना ही नहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने भाजपा पर रामविलास पासवान की विरासत को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, भाजपा ने अपनी कूटनीति से नीतीश का कद छोटा कर दिया व रामविलास पासवान जी की विरासत को समाप्त कर दिया। सन 67 से लेकर आज तक जनसंघध्भाजपा ने हर गठबंधन सरकारों में अपना कद बढ़ाया है और सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाले राजनैतिक संगठनों को कमजोर किया है।

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