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मोतिहारी में चीनी मिल की जमीन पर दिनदहाड़े कब्जा करने का प्रयास करने वाले श्रीकांत जायसवाल पर केस दर्ज, डीएम ने कही यह बात

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
मोतिहारी में भू-माफिया प्रशासन को खुला चैलेंज करते हुए चीनी मिल की जमीन पर दिन के उजाले में ही अवैध कब्जा करना का प्रयास कर रहे थे। पुलिस-प्रशासन के लोग तमाशा देख रहे थे. हर कोई हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा. इधर, माफिया मोतिहारी शहर में करीब 2 बीघे जमीन पर बाउंड्री को लेकर पिलरिंग के काम में जुटा रहा. मोतिहारी अंचल व पुलिस की पोल खुली तब जाकर जिम्मेदार अफसर नींद से जागे. फिर अंचल की तरफ से चीनी मिल की करोड़ों की जमीन को कब्जा कर रहे शख्स श्रीकांत जायसवाल के खिलाफ थाने में केस दर्ज की गई। सवाल है कि जब यह जमीन रोक सूची में शामिल है, और इस पर फिलहाल हाई कोर्ट में मामला चल रहा है तो फिर पिलरिंग करने की हिम्मत माफिया किसकी शह पर जुटा पा रहे हैं।
बता दें कि हनुमान शुगर मिल की भूमि पर अवैध कब्जा करने के खिलाफ मोतिहारी के छतौनी थाने में सदर अंचल के कर्मचारी मुकेश कुमार गिरी ने 11 फरवरी को आवेदन दिया. पुलिस को दिए आवेदन में बताया है की सूचना के आलोक में सीओ के साथ स्थल जांच की गई. जांच में पाया गया कि मौजा बरियारपुर थाना नंबर-196 के तहत खेसरा संख्या 994, 995, 1001, 1002, 1003 हनुमान शुगर मिल की है. इस भूमि पर श्रीकांत जायसवाल जो पकड़ीदयाल के सिरौना निवासी है, वर्तमान पता ढाका रोड विकास मार्केट छतौनी है. उनके द्वारा अवैध रूप से चीनी मिल की जमीन पर कब्जा कर चहारदीवारी का निर्माण कराया जा रहा है. यह खेसरा चीनी मिल की गजट में दर्ज है. स्थल पर निर्माणकर्ता से उक्त भूमि से संबंधित कागजात की मांग की गई. लेकिन उनके द्वारा कोई ऐसा कागजात साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह स्पष्ट हो सके उक्त जमीन का मालिकाना हक उनके पास है. यह भूमि चीनी मिल के गजट में दर्ज होने के कारण निर्माणकर्ता को उक्त भूमि पर निर्माण कार्य कराने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे में इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए.

थानाध्यक्ष ने अंचल की भूमिका पर ही उठाये सवाल

मोतिहारी के छतौनी थानाध्यक्ष विजय कुमार ने अपरोक्ष तौर पर अंचल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने बताया कि चीनी मिल की जमीन की बाउंड्री रोकने को लेकर सिविल प्रशासन(अंचल) की तरफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था. हमें जब जानकारी लगी और इस मामले में जब पुलिस हरकत में आई तो अंचल के राजस्व कर्मचारी ने भूमि पर बाउंड्री कराने वाले शख्स पर केस दर्ज करने को लेकर आवेदन दिया गया. आवेदन के बाद केस दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि घेराबंदी का काम पूरी तरह से बंद करा दिया गया है.

बता दें कि मोतिहारी में जमीन कारोबार में अपना अधिपत्य रखने वाले मेन रोड स्थित कमला प्रेस के मालिक श्रीकांत जयसवाल के ऊपर चीनी मील की जमीन को कब्ज़ा करने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के बाद चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि चीनी मील की जमीन को बेचना प्रतिबंधित है, मामले में नियमानुसार कार्रवाई के आदेश दिए गये है। इधर भूमि सुधार उपसमाहर्ता संजय कुमार ने कहा कि उक्त भूमि को लेकर उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है। भूमि अंचलाधिकारी के अधीन है, उस पर किसी भी तरह की संरचना प्रतिबंधित किया गया है।

सनद रहे कि 1936 में स्थापित मोतिहारी हनुमान चीनी मील की जमीन भी अब भू-माफियाओं के हत्थे चढ़ने लगा है द्य चीनी मील 2002 में किसानों के करोड़ों रूपये बकाया रखते हुये बंद हो गयी थी द्य उम्मीद थी कि मील के अरबों रूपये के सम्पति से किसानों और कर्मियों के बकाये रूपये वापस हो जायेंगे। जिला प्रशासन ने हवाई अड्डा स्थित चीनी मिल की एक बीघा दो कट्ठा जमीन पर चारदीवारी करते जमीन कारोबारियों को रोकते हुए कारोबारी श्रीकांत जायसवाल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।

थानाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि राजस्व कर्मचारी मुकेश गिरी के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है , आरोपी गण चीनी मील की जमीन पर चारदीवारी कर रहे थे, प्रशासन द्वारा मना करने के बाद भी रात्रि में संरचना कार्य किया जा रहा था। इधर श्रीकांत जयसवाल के पारिवारिक सूत्रों कि माने तो सन 2012 में तक़रीबन 4 करोड़ की राशि बिरला परिवार के सदस्य विमल कुमार नोपानी को दिया गया था और उसका एक अनुबंध पत्र भी तैयार करवाया गया था। आरोप है कि श्रीकांत जयसवाल अपने आदमी हरिलाल प्रसाद दवारा उक्त भूमि पर चाहरदिवारी का कार्य करवा रहे थे, जमीन पर बड़ी मात्रा में बालू और ईट जमा की है। साथ ही कई पिलर भी उठा लिये गये हैं।
बताया गया कि मोतिहारी चीनी मिल की वह जमीन बेतिया राज्य से लीज पर ली गई थी और अब लीज काल भी लगभग खत्म हो चुका है ऐसे में यह जमीन सरकार की हुई तो फिर चीनी मिल के मालिक इसे कैसे बेच सकते है। बहरहाल मामले को लेकर अंचल प्रशासन पर भी उंगली उठ रही है।

 

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