दिल्ली। अशोक वर्मा
शाह ऑटोरियम में 3 – 4 दिसम्बर को आयोजित होने वाले कला -संस्कृति के लोक रस रंग से सराबोर बिहार महोत्सव में कलाकार जुटने लगे है। बिहार के विभिन्न जिलों से अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए लगभग दो सौ लोक कलाकार दिल्ली पहुँच रहे हैं।
दिल्ली में बिहार महोत्सव के प्रणेता एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने महोत्सव की तैयारी पूरी होने की जानकारी देते हुए बताया कि 3 दिसम्बर को बिहार के उप-मुख्य मंत्री सह राज्य के कला- संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा महोत्सव का उदघाटन करेंगे।
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन मुख्य अतिथि होंगे। विशिष्ट अतिथि जमुई की विधायक एवं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुश्री श्रेयसी सिंह, लक्ष्मीनगर दिल्ली के विधायक अभय वर्मा, इज़ेडसीसी एवं एनसी ज़ेडसीसी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक आशीष कुमार गिरि, गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति, संस्कृति मंत्रालय , भारत सरकार के निदेशक डॉ. ज्वाला प्रसाद, किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. भीम सिंह होंगे।
वहीं दिल्ली में अपनी कामयाबी का परचम लहराने वाले बिहारी दोस्त तनवीर हसन, सुधाकर शरण, सुहेल खान , ई. राकेश कुमार,विकास झा, शशि प्रकाश झा , संजीव पंकज, संजीव सेठ, अमित अग्रवाल, ऋषि सिंह, मंगेश त्यागी, रौशन सिंह, चमन शर्मा, ब्रजेश कुमार सिंह, मुनिकान्त मिश्रा, वेद प्रकाश, राम मनोहर की गरिमामयी उपस्थिति होगी।
आयोजन के दूसरे दिन समापन समारोह का उदघाटन केंद्रीय राज्यमंत्री कोयला एवं खान सतीश चन्द्र दुबे करेंगे। वहीं आर. के. सिन्हा, पूर्व राज्यसभा सांसद मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर के विशिष्ट अतिथि
बिहार सरकार में एससी- एसटी कल्याण मंत्री जनक चमार , झंझारपुर के सांसद रामप्रीत मंडल , मोतिहारी के विधायक प्रमोद कुमार , पूर्व डीजीपी आमोद कंठ,आईपीएस होंगे। वहीं
विपिन गुप्ता, मुकेश कुमार तिवारी, संतोष कुमार शर्मा, उदय प्रताप सिंह, ओपी चांदिया , रजनीकांत झा, दीपक मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति होगी। अध्यक्षता बिहार महोत्सव आयोजन समिति दिल्ली के अध्यक्ष मोहन कुमार गुप्ता करेंगे तथा स्वागत जन सम्पर्क अधिकारी राकेश कुमार
वर्मा करेंगे।
महोत्सव में दिल्ली के दर्शकों- श्रोताओं को अपनी लोक संस्कृति का साक्षात्कार कराकर उन्हें मंत्रमुग्ध करने के लिए वंदना सिन्हा ( मोतिहारी ), अनामिका झा ( समस्तीपुर ), रौशन कुमारी झूमरी ( पटना ), सोनी चौहान (सिवान ), निर्मल कुमारी ( मधुबनी ), वंशिका सिन्हा (पटना ) ,कशिश सिन्हा एवं नरेश चंचल ( मोतिहारी ) तथा अन्य अपने लोकगीतों को प्रस्तुत करेंगे।
विलुप्त हो रहे लोक एवं जनजातीय नृत्यों की मनभावन प्रस्तुति लोकहित रंगपीठ सेवा संस्थान, मधुबनी के कलाकार प्रो. महेंद्र लाल कर्ण के नेतृत्व में करेंगे। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयाग राज की टीमें रंगारंग बिहारी लोकनृत्यों की प्रस्तुति देंगी। राष्ट्रीय मंचों के कवि गजेंद्र सोलंकी, भीम सिंह,अजित आजाद, नीलमणि झा, आशीष द्विवेदी,प्रदीप तिवारी एवं अन्य अपनी-अपनी कविताओं से रसविभोर करेंगे।
बिहार लिटरेचर फेस्टिवल के लेखक-पाठक संवाद में श् खाकी श् फेम पुस्तक शृंखला के जाने-माने लेखक आमोद कंठ एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक अजित आज़ाद, पाठकों से संवाद करेंगे। फ़िल्म फेस्टिवल में बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी डॉ. राजेश अस्थाना की फिल्म चम्पारण सत्याग्रह श्आकर्षण का केंद्र होगी।
बिहार सेंट्रल द्वारा लज़ीज़ बिहारी व्यंजनों को परोसने की तैयारी है।