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कटे होंठ तालु वाले बच्चों के ईलाज की हुई शुरुआत अभिभावकों के चेहरे पऱ लौटी मुस्कान,40 की हुई स्क्रीनिंग

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
आरबीएसके के तहत चिन्हित जिले के कटे होंठ व तालु वाले बच्चों के ईलाज की रक्सौल डंकन हॉस्पिटल में शुरुआत की गईं। कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने किया, मौके पर सीएस, डीपीएम,डंकन हॉस्पिटल के प्रबंधक, आरबीएसके डीसी ने वार्ड में जाकर बच्चों के स्क्रीनिंग, ईलाज व्यवस्था की जानकारी डॉ, परिजनों एवं स्टॉफ नर्स से जानकारी लीं।मौके पर सीएस ने कहा की कटे होंठ व तालु वाले बच्चों के निःशुल्क ईलाज से अभिभावकों के चेहरे पऱ मुस्कान देखी जा रही है, उन्होंने बताया की यह काफ़ी ख़ुशी की बात है की अपने जिले में ही ईलाज की सुविधाएं उपलब्ध है ऐसे में लोग परेशानीयों से बचेंगे और समय की काफ़ी बचत होगी।उन्होंने बताया की 8 जिलों के 36 एम्बुलेंस से 122 मरीज पहुंचे थे जिसमें 40 पूर्वी चम्पारण एवं पश्चिमी चम्पारण से 22 मरीज,19 सीतामढ़ी, 17 मधुबनी,दरभंगा 15, मधेपुरा 6, मुजफ्फरपुर 3 ईलाज हेतु आए, जिनमें कुछ बच्चों की सफल सर्जरी की गईं है।सबसे ज्यादा बच्चे पूर्वी चम्पारण के शामिल हैं।डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया की रक्सौल के डंकन हॉस्पिटल में प्रशिक्षित चिकित्सकों के द्वारा होंठ तालु कटे बच्चों की सर्जरी प्रशिक्षित चिकित्सकों की टीम द्वारा निःशुल्क हो रही है साथ ही भोजन, रहने का भी प्रबंध किया गया है।
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ शशि मिश्रा ने कहा की (आरबीएसके) के अंतर्गत बच्चों में जन्मजात दोष, डिफिसियेंसी, बाल रोग आदि को समय पर पहचानकर उन्हें निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। जन्मजात कटे,होठ के बच्चे का आपरेशन बिहार सरकार के खर्चे पर इलाज कराया जाता है।ऐसे बच्चों को चिन्हित करने के लिए आरबीएसके की टीम आंगनबाडी केंद्र एवं सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर बच्चों की जाँच करती है, चिकित्सकों की माने तो जन्मजात होने वाली यह बीमारी काफी बच्चों में होती है। सही समय पर इसका इलाज न किए जाने पर इसका इलाज काफी मुश्किल हो जाता है।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दिल के छेद सहित 42 प्रकार की बीमारियों से ग्रसित बच्चों के ईलाज की व्यवस्था पटना एवं अहमदाबाद जैसे स्वास्थ्य संस्थानों में कराया जाता है।

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