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वक्फ संसोधन विधेयक 2025ः कांग्रेस के तुष्टिकरण की राजनीति पर ’न्याय का मरहम’

सचिन कुमार सिंह।

भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता, गंगा-जमुनी तहज़ीब**—ये शब्द जितने लुभावने लगते हैं, उतने ही वास्तविकता से परे भी हो सकते हैं। कांग्रेस ने इन शब्दों की आड़ में तुष्टिकरण की राजनीति को इस तरह आगे बढ़ाया कि इससे न केवल देश की सहिष्णुता को आघात पहुंचा, बल्कि हिंदू समाज को भी हाशिए पर रखा गया। इसी नीति के कारण धारा 370, ट्रिपल तलाक, हिंदू कोड बिल, मुस्लिम पर्सनल लॉ, और वक्फ बोर्ड जैसे मुद्दे लंबे समय तक विवाद का कारण बने रहे।

## वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025: क्या हैं प्रमुख बदलाव?

🔹 **वक्फ बोर्ड के संपत्ति दावे की मनमानी पर रोक**
– अब वक्फ बोर्ड **बिना उचित कानूनी प्रमाण के किसी भी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकेगा**।
– पहले **”वक्फ बाय यूजर”** के नाम पर जमीनों पर अवैध कब्जा किया जाता था, जिसे अब संशोधन के जरिए खत्म किया जा रहा है।

🔹 **वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों में वृद्धि**
– अब वक्फ से संबंधित विवादों का **तेजी से निपटारा** होगा।
– न्यायाधिकरण के दायरे को स्पष्ट किया गया है ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके।

🔹 **वक्फ संपत्तियों के कंप्यूटरीकरण की पहल**
– पारदर्शिता बढ़ाने के लिए **सभी वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड** तैयार किया जाएगा।
– इससे फर्जी दावों को कम करने में सहायता मिलेगी।

🔹 **वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति**
– अब **राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा**।
– इससे वक्फ प्रबंधन में निष्पक्षता और पारदर्शिता आएगी।

🔹 **महिलाओं के अधिकारों की रक्षा**
– वक्फ संपत्तियों में **महिलाओं के विरासत अधिकारों** को सुनिश्चित करने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं।

## विपक्ष का विरोध: क्या यह जायज़ है?

विपक्ष इसे **असंवैधानिक** बताते हुए कह रहा है कि इससे वक्फ बोर्ड की **स्वायत्तता कम हो जाएगी**। लेकिन सवाल यह है कि **क्या कोई भी संस्था सरकार और संविधान से ऊपर हो सकती है?**

सरकार का कहना है कि **संशोधन का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है**। वक्फ बोर्ड को दी गई **असीमित शक्तियां अब कानूनी दायरे में आएंगी**, जिससे संपत्तियों पर अनुचित दावे रोके जा सकें।

## सबसे बड़ा सवाल: हिंदू संपत्तियों पर वक्फ के दावे कैसे रुकेंगे?

– **अगर वक्फ बोर्ड किसी मंदिर, आश्रम, या निजी संपत्ति पर दावा करता है, तो अब उसे स्पष्ट प्रमाण देने होंगे।**
– वक्फ न्यायाधिकरण को अधिक शक्तियां देने से **झूठे दावों का जल्दी निपटारा होगा**।
– सरकार के इस कदम से **वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्ति पर लगाम लगेगी**, जो पहले संपत्तियों पर मनमाने दावे करता था।

## निष्कर्ष: यह धर्म का मुद्दा नहीं, न्याय और पारदर्शिता का मामला है

✅ सरकार के संशोधन से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
🚨 अगर वक्फ बोर्ड को मनमाने तरीके से संपत्तियों पर दावा करने से नहीं रोका गया, तो यह सिर्फ हिंदुओं ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए खतरा होगा।
💡 यह लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि **न्याय बनाम अन्याय** की है।

 

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