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फाइलेरिया से ग्रसित होकर भी समाज को जागरूक करते हैं पिंटू, बीमारी का शिकार हो अपंग का जीवन जीने को मजबूर

मोतिहारी । सुधांशु पांडेय
फाइलेरिया रोग ने संग्रामपुर निवासी 26 वर्षीय पिंटू कुमार के जीवन को कस्टों से भर दिया, पिंटू बताते हैं कि मुझे लगता है कि पूर्व जन्म किए पापों का ही फल है कि जीवन मे ये कष्टदायक रोग से ग्रसित हो गया। उसने बताया कि 7 वर्ष पहले बाए पैर में हल्की सूजन हुई, तो उसने मामूली बात समझ ठीक ढँग से इलाज नहीं करवाया , इलाज में देरी होने पर धीरे धीरे रोग बढ़ता चला गया, फाइलेरिया से बचने के लिए कई तरह की दवाएं खाई पर फायदा नहीं हुआ। पिंटू ने बताया कि मुझे क्या पता था कि ये मुझे विकलांग व असहाय बना देगा। उन्होंने बताया कि जवान होने के बाद भी मेरा जीवन अब किसी कार्य का नहीं है,पैर होने के बाद भी हाथीपांव के कारण घर मे ही रहकर अब विकलांग की तरह जीवन जी रहा हूँ।

– एमएमडीपी किट व दवाओं के उपयोग से जीवन की राह हुई आसान

पिंटू ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा एमएनडीपी किट उपलब्ध कराया गया है इससे उनके पांव के सूजन में कमी आई है जीवन की राह पहले से आसान हुई है। उन्होंने बताया कि प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों एवं केयर प्रतिनिधि सुमित कुमार द्वारा एमएनडीपी किट के उपयोग करने की बातें बताई गई। इसके उपयोग से बहुत आराम मिलता है। उन्होंने बताया कि आसपास के भी फाइलेरिया मरीजों को सरकार की ओर से एमएमडीपी कीट निरूशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।

-फाइलेरिया से ग्रसित होकर भी समाज को जागरूक करते हैं पिंटू

फाइलेरिया से ग्रसित होकर भी समाज को जागरूक करते हैं पिंटू, अब गाँव कस्बों के लोगों को जो उनसे संपर्क में रहते हैं उन्हें सर्वजन दवा सेवन करने हेतु प्रेरित करते हैं। उनका कहना कि यहीं सरकार के द्वारा दी जा रही दवा का सेवन अगर किया जाए तो समाज के लोग जीवन के अभिशाप से सुरक्षित हो सकते हैं।

– मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है फाइलेरिया

जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि यह बीमारी क्यूलेक्स मच्छरों से फैलती है। मछड़दानी का उपयोग करने के साथ ही यदि व्यक्ति बीमारी के पूर्व में फाइलेरिया की दवा का सेवन कर ले तो वह फाइलेरिया जैसी बीमारी से बच सकता है। बीमारी से बचाव के लिए हर व्यक्ति को एक बार दवा का सेवन जरूर करना चाहिए।

– फाइलेरिया से बचाव के उपाय

– सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
– घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
– अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

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