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किस्त दर किस्त घटती जा रही किसान सम्मान निधि के लाभुकों की संख्या, यह है वजह, 25 से खत्म होगा इंतजार

नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पीएम किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त का इंतजार कर रहे 11 करोड़ 44 लाख किसानों को इंतजार समाप्त होने में अब चंद घंटे रह गए हैं, लेकिन इनमें से 4 करोड़ 71 लाख 68 हजार 619 किसानों का ही डेटा वैलिडेट हो पाया है।

 

23 दिसंबर तक 3 करोड़ 75 लाख, 73 हजार, 938 किसानों का FTO जेनरेट हो चुका है। यानी पीएम किसान पोर्टल पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 1 करोड़ से अधिक किसान सातवीं किस्त लटक सकती है। बता दें सातवीं किस्त का 2000 रुपया 25 दिसंबर से किसानों के खातों में आना शुरू हो जाएगा। हो सकता है सरकार फर्जी किसानों भी अपनी नकेल कस रही है। इस वजह से लिस्ट में से ऐसे किसानों को हटाया गया है।

योजना का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या किस्त-दर-किस्त घटती जा रही है। पीएम किसान पोर्टल के मुताबिक 23 दिसंबर तक पहली किस्त 10.65 करोड़ किसानों को मिली थी। दूसरी किस्त 10.36 करोड़, तीसरी 9.69 करोड़, चौथी 8.75 करोड़ और पांचवीं किस्त 7.66 करोड़ किसानों तक पहुंची, जबकि छठी किस्त पाने वाले किसानों की संख्या केवल 6.19 करोड़ रह गई है। ऐसे में सातवीं किस्त पाने वाले किसानों की संख्या इससे कम रह सकती है।

FTO की फुल फॉर्म

अगर आप पीएम किसान पोर्टल पर अपना स्टेटस चेक कर रहे हैं तो इसमें FTO is Generated and Payment confirmation is pending का मैसेज दिखाई दे रहा है, तो परेशान न हों। आपकी किस्त जल्द ही आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। FTO की फुल फॉर्म Fund Transfer Order है। इसका मतलब हैं कि “राज्य सरकार द्वारा लाभार्थी के आधार नंबर, बैंक खाता संख्या और बैंक के IFSC कोड सहित अन्य विवरणों की शुद्धता सुनिश्चित कर ली गई हैं”। आपकी किस्त राशि तैयार हैं और सरकार द्वारा इसे आपके बैंक खाते में भेजने के आदेश दे दिए गए हैं।
Rft Signed by State का मतलब

वहीं जब आप पीएम किसान सम्मान निधि की वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाकर अपना पेमेंट स्टेटस चेक ( Installment Payment Status) करते हैं तब कई बार आपको Rft Signed by State for 1st, 2nd, 3rd, 4th, 5th या 6th instalment लिखा दिखता होगा। यहां Rft की फुलफार्म Request For Transfer हैं। इसका मतलब हैं कि ‘राज्य सरकार द्वारा लाभार्थी के डेटा की जांच कर ली गई है, जो की सही पाया गया है।’ इसके बाद राज्य सरकार केंद्र से अनुरोध करती है की लाभार्थी के खाते में पैसे भेजे जाएं।

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