पूर्व कुलपति डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय स्मृति समारोह- 2023 सम्पन्न, शिक्षा, साहित्य,कला,संस्कृति, सामाजिक सद्भाव व समाजसेवा से जुड़ी कई विभूतियां हुईं सम्मानित

    मोतिहारी। अशोक वर्मा

    महान शिक्षाविद्, ख्यातिलब्ध पत्रकार, सांस्कृतिक महोत्सवों के पुरोधा व मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय की तृतीय पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रवार को जिला परिषद कार्यालय स्थित महात्मा गांधी सभा भवन में प्रो.( डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय स्मृति समारोह का आयोजन सम्पन्न हुआ। प्रो. ( डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय मेमोरियल ट्रस्ट के तत्त्वावधान में आयोजित स्मृति समारोह के अवसर पर ’विशेष सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन सह मुशायरे’ का भव्य आयोजन किया गया। समारोह का विधिवत उद्घाटन उपविकास आयुक्त समीर सौरभ, जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय , केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, भारत सरकार की सदस्य व चंपारण की बेटी डॉ.नीतू कुमारी नूतन, डॉ.चन्द्रलता झा. डॉ.स्वस्ति सिन्हा, डॉ. अतुल कुमार, डॉ. राजेश श्रीवास्तव, संजय कुमार पाण्डेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। आगत अतिथियों का स्वागत ट्रस्ट के सचिव संजय कुमार पाण्डेय ने किया। ऋतिक विराज पाण्डेय ने कलाकर्मी व पत्रकार संजय कुमार पाण्डेय लिखित ’प्रो.( डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेयः व्यक्तित्त्व एवं कृतित्व’ का भावपूर्ण वाचन किया।
    समारोह के मुख्य अतिथि उपविकास आयुक्त समीर सौरभ ने अपने उद्बोधन में कहा कि छोटी जगह जन्म लेकर बहुमुखी प्रतिभावान शख्सियत डॉ.पाण्डेय ने शिक्षा- कला के क्षेत्र में जो अंतरराष्ट्रीय छवि बनायी, वह अद्भुत, अद्वितीय व अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि डॉ.पाण्डेय की आकाशीय उपलब्धियां असीमित हैं , उनका जीवन पूरी तरह कैलकुलेटेड़ व प्लांड था, जिससे सीखने की आवश्यकता है। विशेष अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय ने कहा कि डॉ.पाण्डेय का जीवन वर्तमान पीढ़ी के लिए आदरणीय और अनुकरणीय है , उनके जीवन से हमें सीखने की जरुरत है । ट्रस्ट की मुख्य संरक्षक व विशिष्ट अतिथि डॉ. नीतू कुमारी नूतन ने कहा कि चंपारण के बेटा डॉ.पाण्डेय ने कड़े संघर्ष- चुनौतियों का सामना कर अपनी वैश्विक छवि बनायी। उन्होंनें कहा कि विशाल व्यक्तित्व के स्वामी व साकारात्मक विचारों के प्रतीक डॉ.पाण्डेय सिर्फ लोगों की खूबियां देखते थे, यह उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खासियत थी।

     

    अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. चन्द्रलता झा ने कहा कि डॉ.पाण्डेय की शोहबत में मैं कला- संस्कृति से परिचित हुई। उन्होंने कहा कि डॉ.पाण्डेय की कृतियों को आगे बढ़ाने के लिए चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव का नियमित आयोजन होना अनिवार्य है। डॉ. झा ने कहा महोत्सव को आगे बढ़ाने के लिए समिति सदस्य और समाज के सभी लोगों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। डॉ.अतुल कुमार ने कहा कि डॉ.पाण्डेय की खूबियों पर काव्य सृजन किये जाने की आवश्यकता है। चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव समिति को उनका अप्रत्यक्ष नेतृत्व मिल रहा है , जहां दुनिया के कलाकार आकर गर्वान्वित महसूस करते हैं। डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि डॉ.पाण्डेय के व्यक्तित्व में आत्मीयता की पराकाष्ठा थी। उन्होंने कहा कि कला, शिक्षा के क्षेत्र में उनके सपनों को आगे बढ़ाते रहना हीं उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। समारोह का सफल संचालन सुप्रसिद्ध साहित्यकार विमल कुमार परिमल ने किया।
    विशेष सम्मान समारोह में शिक्षा, कला, साहित्य, संस्कृति, सामाजिक सद्भाव व समाजसेवा के क्षेत्र में अतिविशिष्ट उपलब्धियों एवं महत्वपूर्ण योगदान के लिए नामचीन हस्तियों को अंगवस्त्रम, प्रशस्ति पत्र, मेमेंटो व बुके प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रो.( डॉ.) प्रवीण कुमार, पटना को उच्च शिक्षा व शैक्षणिक प्रबंधन के लिए ’शिक्षाविद् सम्मान’, जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार को शैक्षिक साहित्य- लेखन के लिए ’कृतिकार सम्मान’, धर्मवीर प्रसाद को चाक्षुष कला के लिए ’कला शिरोमणि सम्मान’, सत्यपाल सिंह छाबड़ा को सामाजिक सद्भावना व समरसता के लिए ’सत्कीर्ति सम्मान’ एवं लोकेश कुमार गुप्ता को सामाजसेवा व सामाजिक विकास के लिए ’समाजसेवा शिखर सम्मान’ से अलंकृत किया गया। जबकि शास्त्रीय संगीत के विकास, संरक्षण व संवर्धन के लिए पंडित मार्कण्डेय मिश्र को ’संगीत शिरोमणि सम्मान’, कला, साहित्य, संस्कृति के विकास, संरक्षण व संवर्धन के लिए मास्टर जलील को ’कलाविद्श्री सम्मान’ तथा कला, संस्कृति के उन्नयन, संरक्षण व संवर्धन के लिए सत्यजीत शरण को मरणोपरांत ’संगीतश्री सम्मान’ से नवाजा गया।
    प्रसिद्ध गायक स्वामी आत्मा राम मिश्र ने तीन ताल में निबद्ध राग पटदीप में रचित बंदिश सुनायी, जबकि अनुराग कुमार मिश्र ने भजन प्रस्तुत कर वातावरण को सुरमयी बना दिया। तबले पर उनके साथ दीपेन्द्र मिश्र ने शानदार संगत की।
    समारोह के दूसरे सत्र में साहित्यकार डॉ.विनय कुमार सिंह के संयोजन में कवि सम्मेलन सह मुशायरे का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता औजेर अंजुम ने की, जबकि संचालन डॉ. सबा अख्तर शोख ने किया। कवि सम्मेलन में डॉ. नीतू कुमारी नूतन, कलीमुल्लाह कलीम, आदित्य श्रीवास्तव शफक ,सत्येंद्र गोविंद इंतेजारूल हक आदि कवि- शाइरों की उत्कृष्ट रचनाओं से दर्शक- श्रोता काव्य- रसधारा में बहते रहे। धन्यवाद ज्ञापन कौशल किशोर पाठक आचार्य ने किया।
    मौके पर देवप्रिय मुखर्जी, पवन पुनीत चौधरी, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के अध्यक्ष किशोर पाण्डेय, पत्रकार अशोक वर्मा, राकेश कुमार,सिमरन श्रुति,रामचंद्र साह पाण्डेय, अभय मिश्र, कुंदन सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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