मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग, यूनिसेफ के सहयोग से बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान परियोजना के अंतर्गत सामाजिक संचार, सामाजिक और सांस्कृतिक सद्भाव, समस्या निवारण कौशल, व्यक्तिगत विकास और नई प्रौद्योगिकियों के प्रति गुणवत्ता बनाये रखने हेतु 21वीं सदी के कौशल कार्यशाला का आयोजन मोतिहारी समाहरणालय स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सभा भवन में हुआ । इस अवसर पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई सी डी एस कविता कुमारी ने बाल विवाह और भ्रूण हत्या को रोकने के लिए उपस्थित किशोर किशोरी समूह के बच्चों और विकास मित्रों को शपथ दिलाई।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि
21वीं सदी के कौशल में लड़कियां और महिलाएं आगे बढ़ रही हैं।जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने कहा कि 21वीं सदी के कौशल वे क्षमताएं और योग्यताएं हैं जो व्यक्तियों को इस सदी में सफल होने में मदद करती हैं। ये कौशल न केवल व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में बाल विवाह एक ज्वलंत मुद्दा है इसके लिए जन-जन को जागरूक करने का लक्ष्य महिला एवं बाल विकास निगम ने रखी है। उन्होने कहा कि 1000 लड़कों पर 870 लड़कियां हैं, भारत में 130 लड़कियों की कमी है। जब कि आदर्श अनुपात है 1000 पर 1010 लड़कियां होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की सोच को बदलना है लड़की लड़का में भेदभाव खत्म करना है।
इस अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक विरेंद्र कुमार ने कहा कि सीखने से संबंधित कौशल, जानकारी से संबंधित कौशल, जीवन कौशल रचनात्मक और नवाचार जैसे कौशलों को बच्चों को जानना चाहिए ताकि अपने जीवन के लक्ष्य को पाने में मदद मिल सके। उन्होंने लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान नई चेतना 3.0 के सफल क्रियान्वयन हेतु विस्तार पूर्वक चर्चा की। इस अवसर पर श्रम संसाधन विभाग भारत सरकार के कंसलटेंट निलेश कुमार ने कहा कि साइबर फ्रॉड से बच्चों के लिए बचने के लिए जागरूकता सबसे जरूरी चीज़ है । उन्होंने संवाद कौशल अपने जीवन में बेहतर करने के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अपनी बातों को दूसरों तक पहुँचाने में जागरुकता जरूरी है। उन्हें श्रम विभाग के द्वारा लगाया जा रहे जॉब कैंप व कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत पूर्वक बताया। इस अवसर पर पीरामल फाउंडेशन के मुकेश कुमार ने कहां की बच्चों को शब्दों का भंडार अपने अंदर सजाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कौशल और फाइलेरिया में रोकथाम के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। इस कार्यशाला में उड़ान परियोजना के जिला समन्वयक हामिद रजा ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि 21वीं सदी कौशल कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण है। किशोर किशोरियों को इस कौशल की सख्त जरूरत है ताकि अपने जीवन के सपनों को साकार करने में मदद मिल सके।