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बाढ़ का कहरः अपना घर-बार छोड़ विस्थापन को मजबूर हुए बाढ़ पीड़ित, सरकारी सहायता की टकटकी

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पूर्वी चंपारण के कई इलाके फिलहाल बा़ढ का दंश झेल रहे हैं। केसरिया, संग्रामपुर, ढाका, सुगौली समेत कई प्रखंड के लोग बाढ़ के कारण विस्थापन का दंश झेल रहे हैं, मगर सरकारी सहायता अपर्याप्त है, या अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे पीड़ितों में आक्रेाश है। पीड़ितों का कहना है कि लगभग हर साल नेपाली नदियों का कहर हमें झेलना पड़ता है, मगर बाढ़ के स्थायी निदान का प्रयास अभी तक नहीं हो पाया है। हर साल विस्थापन, फिर नये सिरे से जिंदगी की शुरुआत ही हमारी नियती बन गई है।
केसरिया। गंडक नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि के कारण केसरिया प्रखण्ड क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है। सोमवार की देर शाम तक तटीय इलाके के जो घर ऊंचे जगह पर थे वो भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं,कढान पंचायत के वार्ड नंबर नौ व दस तथा ढेकहाँ पंचायत के वार्ड नंबर एक ,दो, तीन,आठ,नौ,दस व ग्यारह बाढ़ के पानी से प्रभावित हो चुका है। जिससे चम्पारण तटबंध के गंडक तटवर्ती गांव के लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।ढेकहाँ से कुंवर टोला व साव टोला जाने वाले मार्ग पर करीब तीन फिट पानी बह रही है, वहीं मझरिया से ढेकहाँ जाने वाले मार्ग का पुलिया तेज धार के कारण क्षतिगस्त हो गया है,जिसके कारण बैरिया, ढेकहाँ ,मझरिया गांव का आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीण निजी नाव के सहारे आवश्यक काम निपटा रहे हैं,बाढ़ पीड़ित काफी परेशान है,ग्रामीण जिया लाल सहनी,कांति देवी,रमेश राम,राजेन्द्र राम,मृतुजंय कुमार सिंह,फुलमति देवी समेत कई लोगों ने बताया की हम बाढ़
पीडितों का हाल ना सरकारी अधिकारी पूछ रहे हैं और ना कोई जनप्रतिनिधि। दिन में इधर-उधर बैठने से पीड़ितों का समय कट जाता है, लेकिन जब रात होती है तो बाढ़ पीड़ित सहम जाते है, अंधेरे में विषैले जंतुओं का डर सताने लगता है।
अब तक प्रशासन से कोई सुविधा उपलब्ध नही कराया गया है। यहां तक कि सरकारी नांव का भी व्यवस्था अबतक नहीं की गई है।

’बाढ़ पीड़ित का छलका दर्द’

बाढ़ पीड़ित कुन्ती देवी , जयलाल सहनी, फुलमति देवी, प्रभु राम , राजकिशोर सहनी ,रमेश राम समेत कई लोगों ने बताया की दो दिनों से बाढ़ के पानी में घिरे हुए है। पानी मे चौकी पर रह कर दिन-रात
गुजर काट रहे है भोजन बनाने में समस्या उत्पन्न हो रहा है। चीउरा चीनी रूखा-सूखा खाकर गुजर काट रहे है। रात डर के साये में गुजरता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अब तक प्रशासन की ओर से कोई सहायता उपलब्ध नही कराया गया है, अब तो भोजन की समस्या भी उत्पन्न हो रही है।

कढान व ढेकहा पंचायत के करीब आधा दर्जन विद्यालय बाढ़ की चपेट में।राजकीय मध्य विद्यालय ढेकहाँ कन्या,उत्क्रमित मध्य विद्यालय ढेकहाँ मौजे,नवीन प्राथमिक विद्यालय अहीर टोली कढान वार्ड नंबर दस व नवीन प्राथमिक विद्यालय कढान वार्ड नंबर आठ स्थित कई विद्यालय सामिल है।बीईओ विनय कुमार तिवारी ने बताया की पाँच विद्यालय मे बाढ का पानी प्रवेश कर गया है इन विद्यालयों को आसपास के विद्यालय में बाढ़ तक समायोजन किया गया है।

 

 

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