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कड़ाके की ठंड के बीच पीके ने मोतिहारी में किया जन सुराज अभियान को ले अधिवेशन, इन मुद्दों पर कही यह बात

मोतिहारी। एसके पांडेय
जन सुराज पदयात्रा के 99 वें दिन मोतिहारी के हवाई अड्डा मैदान में जन सुराज अभियान के पूर्वी चंपारण जिले का अधिवेशन हुआ। आज के अधिवेशन में जन सुराज के पार्टी बनने, लोकसभा चुनाव लड़ने और बिहार की सबसे बड़ी समस्या के मुद्दे पर मतदान हुआ। मतदान का नतीजा कुछ इस प्रकार रहा।

कुल पड़े 3936 मत में से 3875 लोगों ने पार्टी बनने के पक्ष में वोट डाला। 61 लोगों ने मतदान के जरिए कहा कि पार्टी नहीं बननी चाहिए। अगर पार्टी बनती है तो क्या 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए, इस सवाल के उत्तर में कुल 3691 वोट पड़े। इसमें से 3515 लोगों ने कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए और 176 लोगों ने लोकसभा चुनाव लड़ने के खिलाफ वोट किया। बिहार की सबसे बड़ी समस्या के सवाल पर, 50 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी और पलायन को सबसे बड़ी समस्या बताया। वहीं 33 प्रतिशत लोगों ने भ्रष्टाचार और 17 प्रतिशत लोगों ने किसानों की बदहाली को समस्या बताया। कार्यक्रम के समापन पर मतदान के नतीजे सबके सामने रखे गए और मतों की गिनती भी मीडिया और लोगों के सामने की गई।

अधिवेशन में पूर्वी चंपारण जिले के जन सुराज से जुड़े सभी 27 प्रखंडों से हजारों लोग इस कार्यक्रम के हिस्सा बनें।कार्यक्रम की शुरुआत वोटिंग से हुई। इसके बाद मंच पर विशिष्ट अतिथियों का आगमन और संबोधन हुआ। इसके पश्चात प्रशांत किशोर ने जन सुराज की सोच और विजन के बारे में अपनी बातों को रखा। उनके संबोधन के बाद राजनीतिक दल बनने और लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर हुए मतदान की गिनती हुई।

जन सुराज अधिवेशन में आए हजारों लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग अगर चाहते तो पार्टी एक दिन में बन जाती पार्टी बनाने में कितना समय लगता है? मैं बाकी की तरह दल न बनाकर पैदल चल रहा हूं। आप पूछेंगे इससे हासिल क्या होगा? हम आपको बताते हैं कि हम पैदल इसलिए चल रहे हैं, ताकि देख सके कि स्कूल में आपके बच्चें पढ़ रहे हैं कि नहीं। जो किसान खेत में मेहनत कर के फसल उपजा रहा है, उसे उचित कीमत मिल रहा है कि नहीं। हम पैदल चल रहे हैं तो पता चला है कि 5 किलो अनाज न मिलकर सिर्फ 4 किलो अनाज मिल रहा है। पैदल इसलिए चल रहे हैं, ताकि आपकी पीड़ा को अपने आंखों से देख सके। इसलिए गांव-गांव जाकर लोगों के सामने हाथ जोड़ रहे हैं ताकि आप जागरूक हो और अपने बच्चों के लिए एक बेहतर बिहार के बारे में सोच सके। हमारा एक सपना है कि अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल देखें। हमारा प्रयास है कि समाज को मथकर सही लोगो को बाहर निकालकर एक मंच पर लाना।

प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के कोने-कोने से आए हज़ारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा,बिहार की शिक्षा व्यवस्था खराब इसलिए है क्योंकि यहां के लोगों ने शिक्षा के लिए कभी वोट ही नहीं किया। शिक्षा व्यवस्था इसलिए खराब है क्योंकि आपको अपने बच्चों के भविष्य की फिक्र नहीं है। आपने वोट दिया है, भारत-पाकिस्तान के नाम पर। आपने वोट किया है गुजरात के विकास के लिए तो बिहार की बेहतरी कैसे हो सकती है। आपने गुजरात के विकास के लिए वोट दिया है तो आज वहां बुलेट ट्रेन और फैक्ट्री लग रहा है जहां बिहार के लोग जाकर मजदूरी कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि आज बिहार में बस दो ही दलों का राज है, एक मोदी जी की भाजपा और दूसरा लालू जी का लालटेन। नीतीश कुमार का तो कोई भरोसा नहीं,जनता समझ नहीं पा रही है कि नीतीश कुमार किधर के हैं? आज अगर कोई भी आदमी यह बता रहा है कि हमको वोट दीजिए हम सब ठीक कर देंगे तो इसमें बस दो ही बाते हो सकती है, या तो वो आदमी मुर्ख है या उसको पता नही है की समस्या कितनी बड़ी है। वो सिरे से सबको मूर्ख बना रहा है। जीतने के बाद वो कुछ नहीं करने वाला। बिहार की जनता बस कहती रह जाएगी की हम नेता को सबक सिखाएंगे और अपने स्थिति में सुधार लायेंगे पर ऐसा कुछ नहीं होगा।ऐसे में इस स्थिति से उबरने के लिए यह पदयात्रा जारी है।

 

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