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किशोरावस्था से ही व्यवस्था की खामियों के खिलाफ संघर्षशील रहे हैं वीरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, सीएम नीतीश के अभियान को दे रहे नया आयाम

मोतिहारी। अशोक वर्मा

आदापुर के मूलनिवासी वीरेंद्र प्रसाद कुशवाहा जो किशोरावस्था से व्यवस्था की खामियों के विरुद्ध लड़ते रहे, आज नीतीश कुमार के एक मजबूत स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं। वामपंथी रुझान के वीरेंद्र कुशवाहा आपातकाल में लंबे समय तक जेल की यात्रा भी की और जेल से निकलने के बाद लगातार गरीबों और दलितों की आवाज बन हर मोर्चे पर लड़ते रहे हैं। प्रदेश में जब लालू प्रसाद की सरकार बनी तो संघर्षशील व्यक्तित्व वीरेंद्र कुशवाहा को ,जो निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा में आए थे, शिक्षा राज्य मंत्री बनाया , और उनके कंधे पर प्रदेश की बड़ी जिम्मेवारी दी गई । बहुत कम लोग जानते हैं कि वीरेंद्र कुशवाहा जब संघर्ष के दौर में जब काफी ऊंचाई पर थे उस समय पुलिस प्रशासन द्वारा अनेक मुकदमे दायर किए गए थे यहां तक की उन पर सूट वारंट था ।वे भूमिगत रहते हुये जनता की आवाज बन उनकी समस्याओं को हर स्तर पर समाधान के लिए प्रयत्नशील रहते थे। लालू जी की पारखी नजर वीरेंद्र कुशवाहा के क्रियाकलाप और विचारधारा से प्रभावित थी ।

वे वीरेंद्र कुशवाहा के सामाजिक प्रतिबद्धता से वाकिफ थे यही कारण था कि उन्होंने निर्दलीय विधायक को सम्मान दिया और उनके योग्यता और प्रतिभा को बिहार के विकास में लगाया। आज के दिन वीरेंद्र कुशवाहा अपने गांव आदापुर में एनजीओ खोलकर बुद्ध के विचार के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं साथ साथ जदयू के एक महत्वपूर्ण पद पर भी हैं,ये प्रदेश के बडे नेता है, यद्यपि इनकी पकड़ हर जाति धर्म के लोगों के साथ है लेकिन कुशवाहा समाज के एक मजबूत स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं । श्री कुशवाहा महागठबंधन से जुड़े हुए हैं जिनके साथ बिहार के तमाम वामपंथी दल भी , एक मंच है, जिस मंच के द्वारा वे नये बिहार निर्माण के लिए जो परिकल्पना किए थे, उसे साकार करने हेतु गठबंधन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नीतीश कुमार के नीति सिद्धांत और कार्य से आम जनता को प्रतिदिन रूबरू करा रहे है। एक भाषण में उन्होंने कहा था कि कल तक बिहार के किसान गरीबी का जीवन जी रहे थे ,लेकिन नीतीश कुमार ने सड़क निर्माण के साथ-साथ 24 घंटे बिजली की आपूर्ति कर आम लोगों के समक्ष नए-नए रोजगार के अवसर दिए और किसानों की माली हालत के साथ-साथ छोटे व्यापारी व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति को भी सुधारी। यह सब नीतीश कुमार जी के शासनकाल में ही हुआ। उन्होंने संकल्प लिया कि हर घर में जाकर नीतीश जी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सूची को रखूंगा । वे अपने इस अभियान में लगातार लगे भी हुए हैं।नीतीश कुमार की सरकार जो नव बिहार बनाने के लिए प्रयत्नशील है, उसमें वीरेंद्र कुशवाहा जी अपने तन मन से सहयोग कर रहे हैं।

व्यवहार कुशल और मृदुभाषी वीरेंद्र कुशवाहा अपने जनहित के क्रियाकलापों से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं ।

 

आज भी वे अपने संघर्ष के साथियों को नहीं भूले हैं। संघर्ष के दिनों में जिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं एमएस कॉलेज के प्राध्यापक प्रोफेसर जनार्दन प्रसाद के साथ कई मंचों पर उन्होंने अपने भाषण से काफी लोगों को प्रभावित किया था । आज यद्यपि नीतीश कुमार प्रदेश के अच्छे लोगों को तलाश रहे हैं संघर्षशील लोगों को खोज रहे हैं, व्यवस्था परिवर्तन के साथ सभी धर्म वर्ग के लोगों मे आपसी एकता ,प्रेम और भाईचारा को कायम रखने के लिए काफी प्रयास हैं और पूरे बिहार की यात्रा कर रहे हैं,ऐसे मे पूर्व मंत्री वीरेंद्र कुशवाहा उनके मुहिम में बहुत ही अच्छे सहयोगी साबित हो सकते हैं क्योंकि वह लगातार उनका साथ दे रहे हैं। पता नहीं ऐसी स्थिति में नीतीश कुमार की नजर वीरेंद्र कुशवाहा के सामाजिक प्रतिबद्धता की ओर क्यों नहीं जा रही है?
मंत्रिमंडल विस्तार होने की चर्चा बिहार में हो रही है, वीरेंद्र कुशवाहा जैसे लोगों को मंत्रिमंडल में जगह मिले ऐसी इच्छा न सिर्फ पूर्वी चंपारण की जनता को है बल्कि बिहार के तमाम संघर्षशील लोग वीरेन्द्र कुशवाहा के प्रतिभा का लाभ लेने हेतु इन्हें मंत्रिमंडल या प्रदेश के किसी अन्य महत्वपूर्ण पद पर देखना चाहते हैं।

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