सचिन कुमार सिंह
केंद्रीय बजट 2025-26 का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है। प्रमुख क्षेत्रों में इसके प्रभाव का विवरण निम्नलिखित है:
1. मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति में वृद्धि: आयकर में कटौती से मध्यम वर्ग के लोगों की आय में वृद्धि होगी, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। इससे उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी।
2. कृषि क्षेत्र में सुधार: उच्च उपज वाली फसल कार्यक्रम और किसानों के लिए विशेष मिशनों की शुरुआत से कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी। इससे खाद्य आपूर्ति में सुधार और ग्रामीण आय में वृद्धि की उम्मीद है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
3. स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा: स्टार्टअप्स के लिए अतिरिक्त फंडिंग और ऋण सीमा में वृद्धि से नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे नए व्यवसायों का उदय होगा, जो रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में योगदान देंगे।
4. बुनियादी ढांचे में निवेश: पूंजीगत व्यय में वृद्धि से बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा, हालांकि यह वृद्धि मामूली है। इससे परिवहन, ऊर्जा, और अन्य बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा, जो दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
5. राजकोषीय घाटे में कमी: वित्तीय घाटे को GDP के 4.4% तक सीमित करने का लक्ष्य वित्तीय स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह विदेशी निवेशकों के विश्वास को बढ़ाएगा और देश की क्रेडिट रेटिंग में सुधार कर सकता है।
6. बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश: बीमा क्षेत्र में FDI सीमा को 100% तक बढ़ाने से विदेशी निवेश आकर्षित होगा, जिससे बीमा उद्योग में प्रतिस्पर्धा और सेवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।
7. गिग अर्थव्यवस्था के श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं: गिग अर्थव्यवस्था के श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल और कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच में सुधार से इस वर्ग के जीवन स्तर में सुधार होगा, जो सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
कुल मिलाकर, यह बजट घरेलू मांग को बढ़ावा देने, समावेशी विकास को प्रोत्साहित करने, और निजी निवेश को आकर्षित करने का प्रयास करता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बजट 2025-26: मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए आयकर में कटौती
बजट 2025 में, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक और डाकघर के ब्याज से होने वाली आय पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब वरिष्ठ नागरिकों को 1 लाख रुपये तक की ब्याज आय पर TDS नहीं काटा जाएगा।
हालांकि, अन्य करदाताओं के लिए बैंक ब्याज पर TDS की मौजूदा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसलिए, यदि आपकी आय वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में नहीं आती है, तो बैंक ब्याज पर TDS पहले की तरह ही लागू रहेगा।
इस बजट में बिहार को क्या क्या स्पेशल पैकेज मिला है, यह बताओ और बिहार में इस साल होने वाले चुनाव पर क्या असर होगा
केंद्रीय बजट 2025-26 में बिहार के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं:
ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा: बिहार में एक नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की स्थापना की घोषणा की गई है, जिससे राज्य में हवाई संपर्क में सुधार होगा।
मखाना बोर्ड का गठन: मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की गई है।
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान: बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना की जाएगी, जो खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
आईआईटी पटना का विस्तार: आईआईटी पटना के विस्तार की योजना है, जिससे तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राज्य को लाभ मिलेगा।
इन घोषणाओं के बावजूद, कुछ राजनीतिक दलों ने बजट में बिहार के लिए विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा न मिलने पर असंतोष व्यक्त किया है।
बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, और बजट में की गई घोषणाओं का चुनावी माहौल पर प्रभाव पड़ सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन घोषणाओं के माध्यम से केंद्र सरकार राज्य के मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि ये घोषणाएँ केवल चुनावी लाभ के लिए की गई हैं और राज्य के समग्र विकास के लिए अपर्याप्त हैं।
कुल मिलाकर, बजट 2025-26 में बिहार के लिए की गई घोषणाओं का राज्य की राजनीति और आगामी चुनावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 पर विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की हैं। सत्तारूढ़ दल ने बजट की सराहना की है, जबकि विपक्ष ने आलोचना की है।
सत्तारूढ़ दल की प्रतिक्रियाएँ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: प्रधानमंत्री ने बजट को सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि न्यूक्लियर एनर्जी में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने का निर्णय ऐतिहासिक है। उन्होंने रोजगार के सभी क्षेत्रों को प्राथमिकता देने की बात भी कही।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह: अमित शाह ने मध्यम वर्ग के लिए आयकर में छूट की सराहना करते हुए कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय पर शून्य आयकर का प्रस्ताव मध्यम वर्ग की वित्तीय खुशहाली बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया: सिंधिया ने बजट को विकसित भारत का बजट बताते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के संकल्प और नए ऊर्जावान युवा भारत के सपनों को साकार करने का बजट है। उन्होंने 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स में छूट को महत्वपूर्ण बताया।
विपक्ष की प्रतिक्रियाएँ:
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी: मनीष तिवारी ने बजट में बिहार के लिए की गई घोषणाओं पर तंज कसते हुए कहा कि यह समझ नहीं आ रहा कि यह भारत सरकार का बजट है या बिहार सरकार का। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बाकी देश के विकास को दांव पर लगा दिया है।
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा: शैलजा ने कहा कि किसानों को उनकी मांग के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं दिया गया। उन्होंने मनरेगा और गरीबों के आवास पर बजट में कोई बात नहीं होने की आलोचना की।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत: टिकैत ने कहा कि सरकार को बिजली, चिकित्सा सुविधा और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने किसानों के लिए ब्याज दर को घटाकर 1% प्रति वर्ष करने की मांग की।
इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि बजट 2025-26 पर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद हैं। सत्तारूढ़ दल ने इसे विकासोन्मुखी और मध्यम वर्ग के लिए लाभकारी बताया है, जबकि विपक्ष ने इसे आंशिक और कुछ क्षेत्रों की उपेक्षा करने वाला करार दिया है।
बजट पर विपक्षी नेताओं की विस्तृत प्रतिक्रियाओं के लिए आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं:
केंद्रीय बजट 2025-26 में बिहार के लिए की गई घोषणाओं पर विभिन्न नेताओं की प्रतिक्रियाएँ मिली हैं:
नीतीश कुमार (मुख्यमंत्री, बिहार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट में बिहार के लिए की गई घोषणाओं की सराहना करते हुए कहा कि इससे राज्य के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने विशेष रूप से मखाना बोर्ड की स्थापना और खाद्य प्रसंस्करण संस्थान की स्थापना को महत्वपूर्ण कदम बताया।
पप्पू यादव (जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष): पप्पू यादव ने बजट में बिहार के लिए की गई घोषणाओं को स्वागतयोग्य बताया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
हरसिमरत कौर बादल (शिरोमणि अकाली दल की सांसद): हरसिमरत कौर बादल ने बजट में केवल बिहार का नाम लिए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव हैं, उनके लिए घोषणाएँ की गईं, जबकि पंजाब का नाम तक नहीं लिया गया।
मनीष तिवारी (कांग्रेस के सांसद): मनीष तिवारी ने बजट में केवल बिहार का नाम लिए जाने पर आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार का बजट है या बिहार सरकार का बजट है?
इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि बजट में बिहार के लिए की गई घोषणाओं पर राज्य के नेताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, जबकि अन्य राज्यों के नेताओं ने असंतोष व्यक्त किया है।
बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, और बजट में की गई घोषणाओं का चुनावी माहौल पर प्रभाव पड़ सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन घोषणाओं के माध्यम से केंद्र सरकार राज्य के मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। बजट 2025-26 में बिहार के लिए की गई घोषणाओं का राज्य की राजनीति और आगामी चुनावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।