बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पूर्णिया में सात वर्षीया बच्ची पर लैंगिक हमले के दोषी उमेश महतो को पॉक्सो कोर्ट ने तीन वर्ष कठोर कारावास की सजा दी है। साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दोषी उमेश बच्ची का रिश्ते में चाचा है। वहीं अदालत ने क्षतिपूर्ति के रुप में जिला विधिक सेवा प्राधिकार को 25 हजार रुपया बच्ची के पक्ष में भुगतान का भी आदेश दिया है। यह फैसला सोमवार को विशेष न्यायाधीश अरविन्द ने डगरूआ थानाक्षेत्र के फतेहनगर निवासी उमेश महतो पर दिया।
विशेष लोक अभियोजक जीवन कुमार ज्योति ने बताया कि बीते 8 जुलाई 2021 की इस घटना को लेकर डगरूआ थाने में कांड सं. 185/21 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी। अदालत में ट्रायल के दौरान सात लोगों को गवाह के रूप में पेश किया गया। गवाहों के बयान और दस्तावेजों के आधार पर आरोपी शख्स को दोषी मानकर सजा सुनाई गई। हालांकि आरोपी ने गोतिया होने के नाते भूमि विवाद को लेकर मुकदमा में झूठा फंसाने का तर्क दिया जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
18 महीने पहले की घटना
मुकदमा पीड़ित बच्ची की मां ने दर्ज कराया जिसमें उसने कहा था कि घटना के दिन वह खेत से काम कर वापस घर लौटी तो अपनी सबसे छोटी बच्ची को घर में नहीं देखा। उसके बारे में पूछने पर जानकारी हुई कि वह आरोपी के घर पर थी। उसे जब वह खोजने वहां पहुंची तो बेटी को मचान पर सोया देखा। उसके बदन से कपड़ा हटा हुआ था और बगल में आरोपी भी गमछा पहने लेटा था। आरोपी पीड़िता की मां को देखते ही वहां से भाग गया। मां ने जब बेटी को उठाया तो देखा कि उसके मुंह में गुटखा भरा था जिसके कारण वह कुछ बोल नहीं पा रही थी।
मां ने दर्ज कराया था मामला
बच्ची के मुंह से गुटखा निकालने के बाद उसने बताया कि उसके साथ बड़े पापा ने गंदी हरकत की है। इसके बाद बच्ची की मां यह बात घरवालों की बतायी और फिर थाने में आकर मामला दर्ज कराया। थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान पूरी कर अदालत में चार्जशीट दाखिल किया। आरोप गठन के बाद मुकदमें का ट्रायल शुरू हुआ। जिसमें गवाहों के पुलिस पदाधिकारी और चिकित्सक का भी बयान दर्ज कराया गया। आरोपी के खिलाफ सजा सुनाते हुए अदालत ने उसे सेन्ट्रल जेल पूर्णिया भेज दिया।