मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ र्का उत्सव मनाते हुए अमतृ काल में प्रवेश कर चुका है। जागतिृ यात्रा अपने विशेष संस्करण जागृति अमृत काल यात्रा के माध्यम से उद्यमिता और राष्ट्र-निर्माण की भावना का उत्सव मनाने जा रही है। 2 जनवरी को यह यात्रा राजगीर पहुंची जहां उधमिता को शुरू करने हेतु नालंदा के सभागार में विशेषज्ञ के बीच चर्चा-परिचर्चा हुआ। सभी यात्रियों ने भारत की पुरानी शैक्षणिक धरोहर- नलंदा खंडहर को देखा।
कोरोना महामारी के बाद जागतिृ यात्रा अपने भौतिक स्वरूप में वापस शुरू हो रही है। यात्रा 24 दिसंबर,2022 से 8 जनवरी, 2023 तक 15 दिनों के लिए छोटे-शहरों और जिलों मेंअसली भारत की खोज पर 500
इच्छुक उद्यमियों को एक विशषे ट्रेन के माध्यम सेदेश भर मेंएक यात्रा पर लेजाएगी। सभी यात्री यात्रा में मध्य भारत जिसे हम छोटे शहरों और जिलों का भारत कहते हैं उसे समझेंगे।
जागतिृ यात्रा का यह विश्वास हैकि श्मध्य भारतश् में उद्यमशीलता की ऊर्जा को पुनरुद्धार और विकास के लिए होगा। उचित रूप से समर्थित मध्य भारत के लीडर देश को पुनर्जीवित करने में सहयोग करते हुए एक राष्ट्रीय आदोलन का निर्माण, स्थानीय उद्यम और स्थानीय रोजगार सृजित कर सकते हैं।
जागतिृ यात्रा पिछले 14 वर्षों से अनवरत चल रही है। यात्रा से 6,000 युवा लीडरों का एक यात्री नेटवर्क बना है, जिसमें 40ः महिलाओं की भागीदारी हैऔर 28 प्रतिशत लोग उद्यमिता कर रहे हैं। जिससे उनके क्षेत्र में आर्थिक प्रगति हो रही है।
जागृति अमृत काल यात्रा के लिए हमें अच्छा समर्थन मिल रहा है। ज़ो हो कॉर्प हमारे साथ टेक्नोलोजी पार्टनर, सिडबी इकोसिस्टम पार्टनर, ओबेन इलेक्ट्रिक एनर्जी पार्टनर, कोका-कोला बेवरेज पार्टनर, एसबीआई फाउंडशने लॉन्च पार्टनर और ईडीआई वलैडिक्टरी पार्टनर के रूप में हमारे साथ आए है। अमित
चंद्र फाउंडशने , स्टार्टअपयपी , स्टार्टअप ओडिशा, एचएसबीसी, टाटा स्टील, मल्टीकोरवेयर और एलआईसी प्रमखु भागीदारों के रूप में शामिल हुए हैं।
यात्रा के दौरान यात्री प्रमखु स्थानों पर आठ रोल मॉडल के साथ चर्चा करेंगे जहां ट्रेन रुकती है और व्यवसाय योजना प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। यात्रा में रवींद्र सनारेड्डी, श्री सिटी के प्रबंध निदेशक, श्री श्रीधर वेम्ब, ुज़ोहो कॉर्प के सह-संस्थापक और सीईओ, और ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ श्री नितिन कामथ,ऑल इंडिया विवेकनंद केंद्र की उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिडेजसै वक्ता होंगे।
यात्रा का अमृत काल संस्करण, बरगद क्रांति की शरुुआत का भी प्रतीक है, जो जागतिृ एंटरप्राइज सेंटर पूर्वाञ्चल (श्रम्ब्च्) में गठित अनुभव और प्रक्रियाओंके आधार पर उद्यमिता का एक राष्ट्रव्यापी आदोलन होगा, जिसे 29 मार्च 2023 र्च को लॉन्च किया जाना है। .
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तरों पर जागतिृ के 14 वर्षों के काम के आधार पर बरगद क्रांति का उद्देश्य टीयर 2और टीयर 3 जिलों मेंनेटवर्क बनाकर भारतीयों को सशक्त बनाना है। अमतृ काल के अगले 25 वर्षों में जागतिृ का लक्ष्य देवरिया (निर्माणाधीन), नागपरु, कन्याकुमारी और गंजम मेंचार क्षेत्रीय स्तर के उद्यमिता संस्थान, जागतिृ एंटरप्राइज़ सटें र्स बनाना है, जो प्रत्येक के आसपास के 15 जिलों को प्रभावित करेंगे। एक शोध और नीति संस्थान मंबईु में होगा जिसे मिडिल ऑफ़ डायमंड इंस्टीट्यटू कहा जाएगा। इसके
अलावा जागतिृ एंबेसडर फॉर डिस्ट्रिक्ट एंटरप्राइज (श्र।क्म्) इस आदोलन को 240 टियर 2 और टियर 3 जिलों में ले जाएगा।
जागृति ने इस क्रांति के माध्यम से लगभग 3 करोड़ लोगों को प्रभावित करने का लक्ष्य रखा है, इसके साथही उद्यमों को 5-6 हजार करोड़ निवेश आकर्षित करनेऔर उद्यमों से 25-30 हजार करोड़ राजस्व उत्पन्न करनेकी परिकल्पना की है।
जागतिृ के संस्थापक शशांक मणि ने कहा कि अमतृ काल यात्रा आत्मनिर्भरर्भ मध्य भारत के निर्माण को समर्पित है। एक संगठन के रूप में जागृति भारत
की समावेशी विकास गाथा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए इस यात्रा के दौरान हम छोटे शहरों और जिलों में उद्यमिता के लिए 25 साल के आदोलन को हम बरगद क्रांति का नाम दे रहे हैं।
जागृति यात्रा के सीईओ आशुतोष कुमार ने कहा कि कोविड के बाद, यह हमारी पहली यात्रा है, अमतृ काल संस्करण के साथ, हम यात्रा की विरासत को फिर से स्थापित करनेऔर देश के उद्यमशीलता के माहौल को और मजबतू करनेकी सोच रहेहैं।
जागतिृ सेवा संस्थान के बारे में जागृति , एक गैर-लाभकारी संगठन है जो इस मूल विश्वास पर काम करता है कि अच्छी तरह से समर्थित
लीडर्स समावेशी विकास को बढ़ावा देनेके लिए स्थानीय उद्यम और रोजगार सृजित कर सकते हैं। जागृति ने लीडर्स को प्रेरित करके और नेटवर्क बनाकर अपने काम के प्रभाव का प्रदर्शन किया है। जिसमें
गतिविधियों के लिए 3Ûप् ढांचे पर काम किया है जो टीयर 2, टीयर 3 जिलों में प्रेरणा और नए विचारों को साथ लाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक दूरदर्शी केंद्र, जागतिृ उद्यम केंद्र-पूर्वाञ्चल (जेईसीपी) की स्थापना की जा रही है, जिसमें एक प्रेरक बरगद के पेड़ के आस-पास में 6 एकड़ का परिसर हैजो 15 जिलों में छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा दे रहा है। देवरिया के आसपास इसमेंछह उत्कृष्टता केंद्र (सीओई)
होंगे, जो कृषि-प्रसंस्करण, स्वास्थ्य देखभाल, डिजिटल, महिला, शहरीकरण और हस्तशिल्प और परिधान में स्थानीय नवाचार पर ध्यान केंद्रित करेंगे।