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अब बरसात में मोतिहारी के मुहल्लों में नहीं होगा जलजमाव, जलशक्ति मंत्रालय ने 149 करोड़ रुपये की दी मंजूरी

मोतिहारी। एसके पांडेय

मेयर प्रीति कुमारी शहर की जल निकासी को लेकर लगातार प्रयासरत है ताकि वर्षा के सीजन से पहले जल निकासी का समस्या का हल निकाला जा सके। मोतीझील की जलनिकासी को लेकर जो परियोजना बनी थी पिछले कई वर्षों से पेंडिंग थी। डीपीआर बनकर वर्षो पहले विभाग को भेजा जा चुका था, लेकिन पिछले प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण फाईल भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय में कही दबी रह गई। मेयर प्रीति कुमारी ने अपने प्रतिनिधि को दिल्ली भेजकर एक सप्ताह के भीतर मंत्रालय से फाइल को निकालकर उसपर कारवाई शुरु कर दी गई।
जलशक्ति मंत्रालय द्वारा 149 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। मंत्रालय ने वुडको को आगे की कारवाई करने का आदेश दिया है। सम्भवतः इस वित्तीय वर्ष में टेंडर करा लिया जायेगा और काम शुरु कर दिया जायेगा।

वर्षा के मौसम में शहर और आसपास का पानी मोतीझील में जमा होता है, जिस कारण पानी का स्तर बढ़ जाता है। पानी का स्तर बढ़ने से दो समस्याएं उत्पन्न होती है।

(।) नाली का लेवल और झील के पानी का लेवल बराबर होने के कारण नाली पानी खींचना बंद कर देता है। वहीं झील का स्तर बढ़ने से शहर के नीचे हिस्सों में झील का पानी उसी नाली के जरिए उल्टा बैक करता है और जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होती है। बता दें कि हर साल बरसात में शहर के मुख्य मुहल्ले चांदमारी, धर्मसमाज, राजेन्द्र नगर, बलुआ टाल समेत कई मुहल्लों में लोग जल जमाव से आजिज आ जाते है। हाल यह हो जाता है कि पूरा मुहल्ला पानी में डूब जाता है, और सड़क पर नाव चलाने की नौबत आ जाती है।

इस परियोजना में मुख्यतः तीन काम शामिल है।
1. ड्रेनेज और इंटरसेप्शन का निर्माण
2. पंपिंग स्टेशन का निर्माण किया जायेगा।
3. Sewerage Treatment Plant का निर्माण होगा।

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