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रोशनाई फाउंडेशन 1 से 4 मार्च तक करेगा राष्ट्रीय स्तर का चंपारण रंग एवं लघु फिल्मोत्सव का आयोजन

मोतिहारी। अशोक वर्मा

रोशनाई फाउंडेशन द्वारा 1 से 4 मार्च तक मोतिहारी के नगर भवन में होने वाले चंपारण रंग एवं लघु फिल्मोत्सव आयोजन समिति की तीसरी बैठक का नगर के शरण कंपलेक्स सभागार में प्रोफेसर राम निरंजन पांडे की अध्यक्षता में हुई। संचालन करते हुए प्रसिद्ध रंगकर्मी गुलरेज शहजादा ने कार्यक्रम की रूपरेखा को विस्तार से रखा । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के नाटककार अपने नाटक लेकर आ रहे हैं साथ साथ कई छोटे बड़े नाटक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की जाएंगी। फिल्म से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण हस्तियां भी आ रही हैं। शहजादा ने कहा कि कार्यक्रम के अंतिम दिन सम्मान समारोह होगा जिसमें चंपारण के रंगकर्मी एवं फिल्म कलाकार जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की हैं, उन्हें सम्मानित किया जाएगा।कहा कि मोतिहारी का यह आयोजन अपने आप में ऐतिहासिक होगा। उन्होंने कार्यक्रम के बजट को भी रखा तथा बताया कि ढाई सौ से अधिक लोग इसके सदस्य हो चुके हैं तथा बड़े पैमाने पर आयोजित इस कार्यक्रम मे सभी की सहभागिता होनी चाहिए।

अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर राम निरंजन पांडे ने कहा कि चंपारण कला की भूमि है और यहां पर बहुत बड़े बड़े आयोजन होते रहे हैं। ऑल इंडिया म्यूजिक कॉन्फ्रेंस के अलावा गुंजन द्वारा किए गए कार्यक्रमो का स्मरण उन्होंने दिलाया। प्रोफ़ेसर पांडे ने कहा कि चंपारण के कलाकारों को भी उचित मान-सम्मान मिलना चाहिए साथ-साथ उनकी प्रस्तुति भी होनी चाहिए ।उन्होंने अपने स्तर पर हर तरह का सहयोग करने का आश्वासन भी दिया । वरिष्ठ पत्रकार एवं रंगकर्मी अशोक वर्मा ने 1980 एवं 90 के दशक में दस्तक नाट्य मंच द्वारा अपने निर्देशन में प्रस्तुत नाटकों मे कामधेनु ,जनता पागल हो गई है, गड्ढा एवं पत्रकारिता पर आधारित हमें बोलने दो की याद दिलाते हुए कहा कि संस्कृति कर्मियों को अपनी प्रतिबद्धता समाज के उपेक्षित , पीड़ित शोषित एवं दलित वर्ग के साथ होनी चाहिए ।नाटकों में उनकी पीड़ा और दर्द आनी चाहिए। दमन करने वालों को ही बेनकाब करना चाहिए ।उन्होंने कहा कि जनता के लिए बनाए गए जब सारे सिस्टम और नियम कानून कानून फेल होते हैं तो संस्कृति कर्मियों को आगे आकर दिशा देनी होती है ।

कहा कि संस्कृतिकर्मियों की प्रतिबद्धता जन पक्षीय होनी चाहिए न कि सत्ता पक्षीये। वरीय रंग रंगकर्मी एवं चंपारण महोत्सव के जनक प्रसाद रत्नेश्वर ने आयोजक संस्था को बधाई देते हुए कहा कि कार्यक्रम में मेरे द्वारा एकल नाटक की प्रस्तुति होगी। साहिबगंज कॉलेज के कला प्राध्यापक राजकुमार ने अपनी संस्था की ओर से 10 मिनट का एकल नाटक प्रस्तुत करने का प्रस्ताव रखा वेस्टिज कंपनी के राष्ट्रीय स्पीकर अनिल कुमार वर्मा ने स्मारिका एवं बैनर पोस्टर मे अपने स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम संयोजक अनिल वर्मा पूर्व डीओ एलआईसी ने अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए ।वरिष्ठ रंगकर्मी एवं कवि अभय अनंत ने कहा कि इस तरह का आयोजन प्रतिवर्ष करना है ।मोतिहारी की भूमि सांस्कृतिक रूप से काफी उर्जित भूमि है, हमें विरासत में आयोजन की शक्ति और प्रेरणा मिली है। हम अपने परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में अन्य कई लोग थे। सभी ने एक स्वर से कार्यक्रम में तन मन और धन से सहयोग करने की घोषणा की।

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