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बेतिया में हर्षोंल्लास के साथ मना गणतंत्र दिवस का जश्न, प्रभारी मंत्री ने मुख्य समारोह स्थल पर किया झंडोत्तोलन

-बेहतर झांकी प्रदर्शन के लिए शिक्षा, डीआरडीए को प्रथम कृषि, जीविका को द्वितीय तथा पीएचईडी, आइसीडीएस को तृतीय पुरस्कार

-परेड में बेहतर प्रदर्शन करने पर जिला बल (महिला) प्लाटून को प्रथम, एनसीसी-राज्य सम्पोषित बालिका उच्च विद्यालय, बेतिया को द्वितीय तथा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-10 प्लाटून को मिला तृतीय पुरस्कार।

बेतिया। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क

74 वां गणतंत्र दिवस समारोह संपूर्ण जिला क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्थानीय महाराजा स्टेडियम में आयोजित मुख्य समारोह में ललित कुमार यादव, मंत्री, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार सरकार-सह-प्रभारी मंत्री, पश्चिम चम्पारण द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया। इस अवसर पर जिलास्तरीय पदाधिकारी, कर्मी, गणमान्य व्यक्ति, पत्रकारगण, छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे। इसके पूर्व माननीय प्रभारी मंत्री, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, बेतिया द्वारा गणतंत्र दिवस परेड का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया।

मुख्य समारोह स्थल के बाद समाहरणालय प्रांगण में जिलाधिकारी, कुंदन कुमार द्वारा झंडोत्तोलन किया गया। विकास भवन में उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी, उपेन्द्र नाथ वर्मा द्वारा झंडोत्तोलन किया गया। इसके साथ ही सभी कार्यालय प्रधान द्वारा अपने कार्यालय तथा आवंटित महादलित बस्तियों में झंडोत्तोलन कार्यक्रम में भाग लिया गया।

मुख्य समारोह स्थल महाराजा स्टेडियम में प्रभारी मंत्री ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम में पश्चिम चम्पारण जिला के योगदान एवं बलिदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समग्र इतिहास में पश्चिम चम्पारण जिला का अतुलनीय योगदान रहा है। इसके साथ ही माननीय मंत्री ने जिले में क्रियान्वित विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित उपलब्धियों को साझा किया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मूल संकल्प न्याय के साथ सर्वांगीण विकास करना है और विकास की इस यात्रा के क्रम में जो संकल्प लिए गए हैं, उसकी प्राप्ति के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध भी है। सरकार की महत्वाकांक्षी एवं सर्वजन हिताय हेतु दृढ संकल्पित सात निश्चय योजनाओं का क्रियान्वयन जिले में सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इसके अंतर्गत (1) आर्थिक हल युवाओं को बल (2) आरक्षित रोजगार महिलाओं को अधिकार (3) हर घर बिजली लगातार (4) हर घर नल का जल (5) पक्की गली-नाली योजना (6) शौचालय निर्माण घर का सम्मान एवं (7) अवसर बढ़े-आगे पढ़े आदि महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत जिले के 4125 (चार हजार, एक सौ, पचीस) वार्डों में तथा शहरी क्षेत्र के 134 वार्डों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के तहत जिले के 4165 (चार हजार, एक सौ, पैसठ) वार्डों में तथा शहरी क्षेत्र के 137 (एक सौ सैतिस) वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के 307 (तीन सौ सात) पंचायतों एवं शहरी क्षेत्र के 137 (एक सौ सैतिस) वार्डों में भी शौचालय निर्माण कराया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि बहुत ही हर्ष की बात है कि पश्चिम चम्पारण जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत विद्युतिकरण हेतु निश्चित कुल ग्राम 1326 (एक हजार, तीन सौ छब्बीस) में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। साथ ही बी.पी.एल. विद्युत सम्बद्ध देने के लिए लक्षित 167781 (एक लाख सड़सठ हजार सात सौ इक्यासी) परिवारों को शत प्रतिशत विद्युत सम्बद्ध कराया जा चुका है।

माननीय प्रभारी मंत्री ने कहा कि लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, बेतिया द्वारा ’’मुख्यमंत्री सात निश्चय पेयजल योजना’’ अन्तर्गत जिले के कुल 17 प्रखण्डों के अन्तर्गत 76 पंचायतों में “हर घर नल का जल“ के तहत 795 (सात सौ पंचानबे) वार्डों में लगभग 131913 (एक लाख, इकतीस हजार, नौ सौ, तेरह) घरों में नल द्वारा जलापूर्ति बहाल कर दी गई है। साथ ही जिले में “नीर निर्मल परियोजना“ के तहत विश्व बैंक संपोषित कुल 31 अदद बड़ी जलापूर्ति योजना एवं 18 अदद छोटी जलापूर्ति योजना का निर्माण कराया गया है।

लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, बेतिया द्वारा “जल जीवन हरियाली कार्यक्रम“ अन्तर्गत 315 (तीन सौ पंद्रह) अदद कुआँ का जिर्णोंद्धार कार्य कराया गया है साथ ही 315 (तीन सौ पंद्रह) अदद सोख्ता का निर्माण कराया गया है। वर्त्तमान में 200 (दो सौ) चापाकलों के समीप सोख्ता का निर्माण कार्य के लक्ष्य के विरुद्ध 170 (एक सौ सतर) अदद सोख्ता का निर्माण कार्य करा दिया गया है। शेष कार्य प्रगति पर है।

लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, बेतिया अन्तर्गत जिले में एक जिला स्तरीय जल जाँच प्रयोगशाला एवं दो अवर प्रमंडलीय जल जाँच प्रयोगशाला केन्द्र है। जिसमें जिला स्तरीय जल जाँच प्रयोगशाला में प्रत्येक माह लगभग 300 (तीन सौ) अदद एवं अवर प्रमंडलीय जल जाँच प्रयोगशाला अन्तर्गत प्रत्येक प्रयोगशाला में लगभग 125 (एक सौ पच्चीस) अदद कुल 550 अदद जल नमूनों का जाँच किया जाता है। वर्त्तमान में विभागीय निदेशानुसार पंचायत स्तर पर जल जाँच केन्द्र का अधिष्ठापन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पूर्व के लंबित आवासों में से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 33041 तैतीस हजार, इकतालिस) एवं इंदिरा आवास योजना अन्तर्गत 10085 (दश हजार, पचासी) कुल 43126 (तेतालिस हजार, एक सौ, छब्बीस) आवासों को पूर्ण किया जा चुका है। इस योजना अन्तर्गत कुल 32132.00 (बतीस हजार, एक सौ, बतीस) लाख रुपया व्यय किया गया है।

लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान- द्वितीय चरण अंतर्गत “स्वच्छ गाँव समृद्ध गाँव“ के उद्देश्य की प्राप्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कुल 157 (एक सौ संतावन) पंचायतों को चयन कर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अन्तर्गत प्रत्येक वार्ड में एक ठेला रिक्शा, पत्येक पंचायत में एक ई-रिक्शा, पत्येक घर में दो डस्टबीन तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत में अधिकतम 10 सामुदायिक डस्टबीन का वितरण पंचायत स्तर से किया गया है। जिला स्तर से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन हेतु चयनित 157 (एक सौ संतावन) पंचायतों में कुल 27.65 करोड़ की राशि पंचायत क्रियान्वयन एवं प्रबंधन ईकाइ को हस्तांतरित करते हुए अन्य योजनाओं से अभिसरण के तहत इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी नरेगा योजना के तहत वर्ष 2022-23 में कुल 166591 (एक लाख, छयासठ हजार, पाँच सौ, इक्यानबे) परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए 70.44 लाख (सतर लाख, चौआलिस हजार)मानव दिवस का सृजन किया गया है।

जल-जीवन-हरियाली के तहत सार्वजनिक जल संचयन योजनाओं के अन्तर्गत 438 (चार सौ अड़तीस) तालाब/पोखर का निर्माण कार्य प्रारंभ करते हुए 418 (चार सौ अठारह) योजनाओं को पूर्ण कराया गया है। साथ ही 31 आहरों एवं 603 (छे सौ तीन) पईनों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। जिलान्तर्गत सार्वजनिक चापाकल के किनारे 1260 (एक हजार, दो सौ साठ) सोख्ता निर्माण कार्य एवं सार्वजनिक कुओं के किनारे कुल- 402 (चार सौ दो) सोख्ता का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। साथ ही जल संग्रह हेतु 85 चेकडैम का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। वहीं नये जल स्रोतों के सृजन हेतु 514 (पाँच सौ चौदह) योजनाओं पर कार्य पूर्ण किया गया है। जिलान्तर्गत 364 (तीन सौ चौसठ) भवनों की छतों पर वर्षा जल संचयन संरचना निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है। साथ ही टपकन सिंचाई प्रणाली के अन्तर्गत 408.47 (चार सौ आठ) एकड़ भूमि पर आच्छादित किया गया है।

उन्होंने कहा कि जीविका परियोजना द्वारा गरीबी उन्मूलन एवं महिला सशक्तिकरण के निमित ग्रामीण स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में पश्चिम चम्पारण जिले में अबतक कुल 40,481 (चालिस हजार, चार सौ, इक्यासी) महिला स्वयंसहायता समूहों, 2554 (दो हजार, पाँच सौ, चौवन) ग्राम संगठनों एवं 55 संकुल स्तरीय संघों का गठन करते हुए कुल 4,81,719 (चार लाख, इक्यासी हजार, सात सौ, उन्नीस) परिवारों को सीधे तौर पर इससे जोड़ते हुए उन्हें स्थायी रोजगार के साधन उपलब्ध कराने हेतु कुल 1016 (एक हजार, सोलह) करोड़ रुपये की राशि का वित्त पोषण परियोजना तथा बैंकों के माध्यम से किया गया है।

जीविका दीदियों द्वारा जिले भर में कुल 09 दीदी की रसोई क्रमशः आवासीय अनुसूचितजाति/जनजाति विधालयों एवं अनुमंडलीय अस्पताल में संचालित किए जा रहे है। जिससे विधालय मेंआवासित छात्र/छात्राओं एवं अस्पताल में भर्ती मरीजों को पौष्टिक तथा गुणवतापूर्ण भोजन प्राप्त होरहा है, साथ ही इससे दीदियों को रोजगार के साधन से भी जोड़ा जा रहा है।

जीविका दीदियों द्वारा खेती-बारी के उत्पादन तथा सहज बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में “भीतिहरवा जीविका महिला किसान प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड“ की स्थापना करते हुए इससे अबतककुल 410 (चार सौ दस) किसान दीदियों को जोड़ते हुए जिविकोपार्जन गतिविधियों को आगे बढाने हेतु कुल 22 लाख रुपये का वित्त पोषण किया गया है।

सत्तत जिविकोपार्जन कार्यक्रम के तहत अबतक कुल 4452 (चार हजार, चार सौ, बावन) अत्यंत निर्धन परिवारों कों चिन्हित कर कुल 4072 (चार हजार, बहत्तर) परिवारों को कुल 9 करोड़ चालीस लाख रुपये का वित्त पोषण करते हुए उन्हें स्थायी रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे है।

उन्होंने कहा कि जिले में कार्यरत 4116 (चार हजार, एक सौ, सोलह) आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। पूरक पोषाहर योजना के तहत 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों सहित गर्भवती, धात्री महिलाओं के बीच पोषाहार का वितरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अन्तर्गत जिले में अबतक 11201 बच्चियों को लाभ प्रदान कर 91 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति कर ली गयी है। साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत कुल-19710 लाभुकों को लाभ प्रदान कर 96 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की जा चुकी है।

जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग जिले के जरूरतमंद वर्गों के लिए कार्यरत है। इसके अंतर्गत वृद्धजनों, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों के लिए कई योजनाएं संचालित है। सामाजिक सरक्षा पेंशन योजना के अधीन जिले के कुल- 3,58,679 (तीन लाख, अन्ठावन हजार, छह सौ, उन्यासी) लाभुकों को सीघे उनके खाते में योजना की राशि का भुगतान किया जा रहा है, वर्तमान में माह दिसम्बर 22 तक का भुगतान किया जा चुका है। जिले के सभी पेंशनधारियों के जीवन प्रमाणीकरण कार्य को लगभग पूर्ण कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि वृद्धजनों, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों के हितों के लिए तीनों अनुमण्डल में एक-एक बुनियाद केन्द्र क्रियाशील है, जो बैरिया, गौनाहा एवं बगहा-2 प्रखण्ड परिसर में संचालित है। अंतर्जातीय विवाह योजना अन्तर्गत वर्ष 2022-23 कुल 09 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई है।

सामाजिक सुरक्षा के अधीन मरणोपरान्त राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना में 677 (छह सौ सतहतर), मुख्यमंत्री परिवार लाभ योजना में 28 एवं कबीर अन्त्येष्टि अनुदान योजना में 1314 (एक हजार तीन सौ चौदह) लाभुकों को स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस वर्ष सम्बल योजना के तहत 103 (एक सौ तीन) तथा एडीप योजना के तहत 415 (चार सौ पंद्रह) दिव्यांजनों को ट्राई साइकिल का वितरण किया गया है और 101 (एक सौ एक) का वितरण प्रक्रिया में है। मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना सम्बल के तहत 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगताधारी छात्र/छात्रा अथवा स्वावलंबन के उद्देश्य से कार्य करने वाले दिव्यांगजनों को बैट्री चालित 315 (तीन सौ पंद्रह) ट्राई साइकिल के वितरण का लक्ष्य विभाग द्वारा रखा गया है जिसमें 34 दिव्यांगजनों को बैट्री चालित ट्राई साइकिल का वितरण किया गया है, तथा एडीप योजना के तहत 43 बैट्री चालित ट्राई साइकिल का वितरण किया गया।

माननीय प्रभारी मंत्री ने कहा कि बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत 5 अप्रैल 2016 से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई है। फलतः राज्य में अवैध रूप से किसी प्रकार के शराब का निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, भंडारण एवं सेवन पूर्णतः प्रतिबंधित है। इस अधिनियम के तहत अवैध शराब को ढोने में प्रयुक्त कुल 2559 (दो हजार, पाँच सौ, उनसठ) वाहनों को जब्त किया गया है एवं 1517 (एक हजार, पाँच सौ, सत्रह) वाहनों की निलामी की गयी है। वहीं देशी शराब 49436.200 (उनचास हजार, चार सौ छतीस) लीटर, विदेशी शराब 8861.878 (आठ हजार, आठ सौ एकसठ) लीटर तथा 849194.00 (आठ लाख, उनचास हजार, एक सौ चौरानबे) किलो ग्राम किण्वित गुड जब्त किया गया है, तथा कुल 55754.880 (पचपन हजार, सात सौ चौवन) लीटर शराब का विनष्टीकरण किया गया है। नीलाम किए गए वाहनों से कुल 29986428.00 (दो करोड़, निन्यानबे लाख, छियासी हजार, चार सौ अठाईस) राजस्व की प्राप्ति हुई है। पुलिस-प्रशासन के द्वारा इस सामाजिक बुराई के निवारण हेतु सत्त निगरानी रखी जा रही है।

उन्होंने कहा कि बिहार में युवाओं के लिए बिहार स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्राप्त कुल 9116 (नौ हजार, एक सौ सोलह) आवेदनों में से बैंकों/शिक्षा वित्त निगम द्वारा कुल 6224 (छह हजार, दो सौ चौबीस) आवेदकों को स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड निर्गत किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत अबतक कुल 18225 (अठारह हजार, दो सौ पच्चीस) व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है। कुशल युवा कार्यक्रम योजना के माध्यम से अबतक कुल 36036 (छतीस हजार, छतीस)आवेदकों को व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिलाया गया है।

शिक्षा क्षेत्र में जिला स्तर पर उन्नयन बिहार अन्तर्गत नवाचार हेतु चयनित शिक्षक/शिक्षिकाओं द्वारा पाठ्यक्रम के अनुरुप माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं से संबंधित गतिविधियों का विडियो रिकॉडिंग एवं तत्पश्चात् फेसबुक के माध्यम से विद्यार्थियों को ऑनलाईन शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान में फेसबुक पेज पर 12337 (बारह हजार, तीन सौ, सैतीस) फॉलोअर्स है।

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 221 निःशक्त बच्चों को कृत्रिम अंग एवं अवयव निर्माण कर वितरित किया गया है। इस जिले में प्रत्येक प्रखण्ड के लिए कुल 18 कस्तुरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित है। कक्षा 09 से 12 के छात्राओं के लिए इस जिला के 24 विद्यालयों में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रारम्भ कर दिया गया है। वर्ष 2022-23 तक इस जिले के लिए स्वीकृत 8366 (आठ हजार, तीन सौ छयासठ) अतिरिक्त वर्गकक्ष निर्माण के विरुद्व 8142 (आठ हजार, एक सौ बयालिस)अतिरिक्त वर्गकक्ष का निमार्ण पूर्ण करा लिया गया है।

अल्पसंख्यकों के आर्थिक, सामाजिक एवं व्यक्तित्व विकास हेतु बिहार सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है। मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2022 (दो हजार बाईस) में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, बिहार से इंटर परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण कुल-984 मुस्लिम छात्राओं को 15000 (पन्द्रह हजार)प्रति छात्रा की दर से कुल-14760000.00 (एक करोड़ सैतालिस लाख, साठ हजार) रूपये का वितरण सीधे उनके खाते में सीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से किया गया है।

मुख्यमंत्री परित्यक्ता/तलाकशुदा योजना अन्तर्गत जिले में कुल 08 मुस्लिम परित्यक्त महिलाओं का चयन कर प्रत्येक को 25,000 हजार (पच्चीस हजार) रुपये की दर से दो लाख रुपये की सहायता राशि का भुगतान ई-कल्याण पोर्टल के माध्यम से उनके बैंक खाते में किया गया है।

मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु 333 (तीन सौ तेतीस) लाभुकों का चयन कर 9.20 करोड़ रुपये के लिए जिला चयन समिति द्वारा अनुशंसा की गयी है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में अत्याचार निवारण अधिनियम अन्तर्गत अत्याचार से पिड़ित कुल 309 (तीन सौ नौ) पिड़ितों के बीच 19632800.00 (एक करोड़ छानबे लाख, बतीस हजार आठ सौ) रुपये, इसी योजना के अन्तर्गत 14 पेंशनधारियों को माह दिसम्बर 2022 (दो हजार बाईस) तक कुल मो0 701100 (सात लाख, एक हजार, एक सौ) रुपये का भुगतान किया गया है। अनुसुचित जाति एवं जनजाति के गरीब मेघावी छात्र/छात्राओं के उत्थान हेतु इस जिला के अन्तर्गत कुल आठ आवासीय विद्यालय संचालित है, जिसमें कुल 2400 (दो हजार चार सौ) छात्रों एवं 800 (आठ सौ) छात्राओं का पठन-पाठन, आवासन भोजन, वस्त्र एवं अन्य सुविधायें दी जा रही है।

मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत अनुसुचित जाति/जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों को बी.पी.एस.सी एवं यू.पी.एस.सी की प्रारम्भिक परीक्षा में उर्तीण होने पर क्रमशः पचास हजार एवं एक लाख रुपया विभाग स्तर से दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछड़े एवं कमजोर वर्ग के बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु मुख्यमंत्री परिवहन योजना की शुरूआत की गयी है। इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत से पिछड़े वर्ग के 3 एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के 4 कुल-7 व्यक्तियों को लाभान्वित करने की योजना है। वाहन खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 1 लाख रू0 का अनुदान सरकार द्वारा दिया जा रहा है। पश्चिम चम्पारण जिला में कुल 14 लाभुकों को एम्बुलेंस क्रय करने हेतु लाभान्वित किया गया है।

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम-2015 (दो हजार पंद्रह) के लागू होने के बाद से जिला के कुल 04 लोक शिकायत निवारण कार्यालयों में कुल 36295 (छतीस हजार, दो सौ पन्चानबे) परिवाद पत्र प्राप्त हुए हैं, जिसके विरूद्ध 35676 (पैतीस हजार, छे सौ, छीहत्तर) परिवादों का विधिवत निवारण किया जा चुका है।

जिला प्रशासन के द्वारा जिलास्तर पर “निदान“ केन्द्र की स्थापना की गयी है। यहां शिकायत करने के लिए डेडिकेटेड टेलीफोन नंबर 06254-242199 है। साथ ही मोबाईल संख्या-6204083522पर भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। शिकायतों का ससमय निवारण की व्यवस्था करायी गयी है।

उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंर्तगत जिले के 3,01,750 (तीन लाख, एक हजार, सात सौ पचास) रैयती किसान परिवारों को प्रत्येक चार माह पर 2,000 (दो हजार) रूपये, कुल सलाना 6,000 (छह हजार) रूपये सहायता राशि दी जा रही है।
खरीफ 2022 (दो हजार) में डीजल अनुदान हेतु कुल 1,06,051 (एक लाख, छह हजार, इक्यावन) आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 86,123 (छीयासी हजार, एक सौ, तेईस) आवेदनों को स्वीकृत किया गया और कुल 14 करोड 28 लाख का भुगतान किसानों को किया गया।
जल-जीवन-हरियाली योजना अंतर्गत जिले में 32 लाख 97 हजार की लागत से कुल 86 नये जल स्रोतों का सृजन कराया गया तथा 346 (तीन सौ छीयालिस) एकड़ भूमि को टपकन सिंचाई व्यवस्था से आच्छादित कराया गया है। साथ ही 83 किसानों को 56 लाख का फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि यंत्र यथा रोटरी मल्चर, सुपर सीडर, रीपर अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया गया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बागवनी मिशन योजना 2022-23 के अंतर्गत जिले में इस वर्ष पपीता की खेती 10 हे0 में करायी गयी जिसमें 26 किसानों को अनुदानित दर पर पपीता का पौधा उपलब्ध कराया गया।

जिले के 20 हेक्टेयर भूमि में 52 किसानों से गेंदा की खेती तथा 20 हे0 भूमि में 63 किसानों से प्याज की खेती अनुदानित दर पर करवायी गयी है।मखाना विकास योजना अंतर्गत जिले के 41.25 एकड भूमि में 31 किसानों से मखना की खेती की शुरूआत करायी गयी है। इस वर्ष उद्यान निदेशालय द्वारा जीविका के समन्वय से कुल 3000 (तीन हजार) मधु बक्सों का वितरण करने का लक्ष्य है जिसकी उपलब्धि मार्च 2023 (दो हजार, तेईस) तक कर ली जायेगी।

माननीय प्रभारी मंत्री ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार के अन्तर्गत परिमार्जन पोर्टल पर प्राप्त कुल 146477 (एक लाख, छियालिस हजार, चार सौ सतहतर) आवेदनों में से 137978 (एक लाख, सैतीस हजार, नौ सौ अठहतर) आवेदनों का निष्पादन किया जा चुका है। ऑनलाईन दाखिल खारिज के अन्तर्गत कुल प्राप्त 369077 (तीन लाख, उनहत्तर हजार, सतहतर) में से 321192 (तीन लाख, इक्कीस हजार, एक सौ, बानबे) का निष्पादन किया जा चुका है। अभियान बसेरा के अन्तर्गत 679 (छह सौ उन्यासी)लाभार्थियों के बीच 44.80 एकड़ वास भूमि का पर्चा वितरित किया गया है तथा 44 पंचायत सरकार भवन के निर्माण हेतु भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दी गयी है। भूमि विवाद (शनिवारीय) के अन्तर्गत प्राप्त कुल आवेदन 4323 (चार हजार, तीन सौ, तेइस) में से 4135 (चार हजार, एक सौ, पैतिस) आवेदन निष्पादित किए जा चुके हैं।

जिले में 25,49,886 (पच्चीस लाख, उनचास हजार, आठ सौ, छीयासी) लागां को कोविड टीकाकरण अन्तर्गत प्रथम खुराक, 23,32,185 (तेइस लाख, बतीस हजार, एक सौ, पचासी) लागां को दोनो खुराक लगाया जा चुका है। द्वितीय खुराक में जिला का प्रदर्शन काफी सराहनीय है। राज्य द्वारा जिला के द्वितीय खुराक के आच्छादन में 5 रैंकिंग प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया।

उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर यह भी बताना चाहूंगा कि कोरोना महामारी में भी हमने विकास के प्रयास नहीं छोड़े हैं। कोविड लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न आपदा को अवसर में बदलकर इस जिले ने देश भर में नजीर पेश किया है। लॉकडाउन के दौरान एक लाख से अधिक लोगों की घर वापसी हुई। कामगारों के क्वारंटीन कैम्प में आवासन के दौरान जिला प्रशासन के द्वारा वृहत स्तर पर स्कील मैपिंग कराई गई एवं कामगारों से उनकी विधा के अनुसार इसी जिले में काम करने की इच्छा जानकर उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने के निमित्त स्पोक का गठन किया गया एवं कामगारों से सम्पर्क स्थापित करने हेतु उद्यमी मित्र मंडल का गठन किया गया एवं ऋण स्वीकृति से लेकर मशीनों के आयात एवं अधिष्ठापन में सहायता प्रदान करते हुए स्टार्टअप जोन चनपटिया का गठन किया गया।

वर्तमान में चनपटिया स्टार्टअप जोन के तहत एपरील एंड गारमेंट्स के 58 इकाईयां प्रारंभ हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त 26 अन्य उद्यमियों के लिए भी शेड आवंटित हो चुका है। वहीं 141 (एक सौ इकतालिस)अन्य उद्यमी स्थान आवंटन की कतार में हैं। प्रत्यक्ष रूप से लगभग 1000 (एक हजार) कामगारों को रोजगार मिला है। उद्यम स्थापित किए गए उद्यमियों के द्वारा बल्क प्रोडक्शन किया जा रहा है एवं अब तक लगभग 20 करोड़ रूपए के विभिन्न प्रोडक्ट्स की बिक्री की जा चुकी है। उद्यमी जहां एक ओर स्थानीय बाजार में बिक्री कर रहे हैं वहीं अन्य राज्य तथा विदेशों में भी बिक्री कर रहे हैं। यहां के बने उत्पाद लद्दाख, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, जम्मू एण्ड कश्मीर, न्यू दिल्ली, गुजरात, पंजाब, हरियाणा सहित मलेशिया, स्पेन, भूटान आदि जगहों पर उत्पाद निर्यात किए जा रहे हैं।

पश्चिम चम्पारण जिले को प्रोडक्शन सेंटर के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। सरकार एवं जिला प्रशासन का यह प्रयास है कि आने वाली पीढ़ियों को रोजगार हेतु बाहर नहीं जाना पड़े, उन्हें विभिन्न प्रकार के रोजगार इसी जिले में मुहैया हो सके तथा वे जीविकोपार्जन अच्छे तरीके से कर सके।

उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिला प्राकृतिक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक रुप से प्रसिद्ध रहा है। वर्तमान में पर्यटन के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। जिला में बौद्ध धर्म से जुडे़ सभी स्थलों को जोड़ते हुए उन्हें बौद्ध सर्किट के रुप में विकसित किया जा रहा है। बौद्व सर्किट में अशोक स्तम्भ, रमपुरवा, बौद्व स्तुप, लौरिया सहित अशोक स्तम्भ, लौरिया, वाल्मीकिनगर पार्क, सहोदरा स्थान, हारबोरा नदी शामिल है। बौद्व सर्किट से जुडे़ उक्त क्षेत्रों में उच्च स्तर की आधारभुत संरचना, जन सुविधायें, सेवायें, कनेक्टिविटी सहित स्थल विकास तथा क्षमतावर्धन किया जाना है।

अमवा मन को गेट-वे ऑफ पश्चिम चम्पारण के रुप में विकसित किया जा रहा है, जो एक मनोरम प्राकृतिक जलाशय है। यहाँ पर राज्य का पहला पैरासेलिंग स्पॉट विकसित किया जा रहा है। इसमें मोटर बोट, पैडल बोट, कयास्क, बनाना राइड, सोफा राईड, जेट स्की, जॉबिंग सेलर, कनू, ट्री हाउस, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट आदि की भी सुविधा मिलेगी। कैंटिन, शुद्ध पेयजल, मॉड्युलर शौचालय, प्रफैब चेंजिंग रुम, पार्किंग, टिकट काउंटर, हाउस किपिंग आदि की भी समुचित व्यवस्था की जानी है। वाल्मीकिनगर में वाटर सफारी की शुरुआत की गयी है, एवं वहाँ इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनाने की दिशा में कार्य आरंभ हो चुका है, साथ ही साथ बेतिया में प्रेच्छा गृह का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

जिला प्रशासन पश्चिम चम्पारण जिले के प्रसिद्ध मर्चा चुड़ा को जी0आई टैग दिलाने हेतु प्रयासरत है। यह प्रयास अब अंतिम चरण में है, शीघ्र ही जिले के मर्चा चुड़ा को जी0आई टैग मिलने की प्रबल संभावना है।

उन्होंने कहा कि आप अवगत हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां की गंगा-जमुनी तहजीब विश्व विख्यात है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता विधि-व्यवस्था का संधारण एवं कानून का राज स्थापित करना है। राज्य के सभी नागरिक बिना भय के अमन-चैन से रहें तथा साम्प्रदायिक सौहार्द, भाई-चारा बनाये रखें, समाज के सभी वर्गों को न्याय एवं उनका हक मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिला प्रशासन द्वारा आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप कानून एवं विधि-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि आज इस महान अवसर पर हम समाज के सभी धर्मों, सम्प्रदायों, वर्गों, जातियों के लोगों का आह्वान करते हैं कि देश और राज्य को आगे बढ़ाने में मिल जुलकर काम करें एवं जागरूक रहकर भ्रष्टाचार मुक्त एक स्वस्थ एवं समृद्ध देश का निर्माण करेंगे।

गणतंत्र दिवस समारोह में सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय, सर्व शिक्षा अभियान, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, जिला कृषि कार्यालय, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, बेतिया, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, आइसीडीएस, जिला उद्योग केन्द्र, उत्पाद विभाग, जीविका, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, जिला खेल कार्यालय द्वारा आकर्षक झांकी निकाली गयी। इनमें शिक्षा एवं डीआरडीए को प्रथम पुरस्कार, कृषि एवं जीविका को द्वितीय पुरस्कार तथा पीएचईडी एवं आइसीडीएस को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

वहीं परेड में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्लाटून जिला बल (महिला) को प्रथम, एनसीसी-राज्य सम्पोषित बालिका उच्च विद्यालय, बेतिया की प्लाटून को द्वितीय तथा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-10 प्लाटून को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर खेल के विभिन्न विधाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले सुमन कुमार यादव, राजेश रंजन जायसवाल, लक्की कुमारी, आदित्य मधुकर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। विज्ञान प्रदर्शनी में राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं आकाश कुमार, सूरज कुमार, फलक खातुन, धनेश कुमार, शफी अख्तर को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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