मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पीएफआई की नजर महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण व इसके आसपास के जिलों पर है। नेपाल से सटे चंपारण को वह अपना ठिकाना बनाने की फिराक में है, खुद को मजबूत करने के लिए वह इन इलाकों में भर्ती अभियान चला रहा है। यह खुलासा एनआईए के अब तक की छापेमारी में हुआ है। जो क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है। हाल में केन्द्र सरकार ने पीएफआई को इसकी संदिग्ध गतिविधियों के कारण बैन कर दिया था। मगर इससे जुड़े सदस्य भूमिगत होकर अपने नापाक मंसूबां को अंजाम देने में लगे हुए हैं। उनके लिए चंपारण का चकिया, मेहसी व मुजफ्फरपुर सीमा से लगे इलाके सेफजोन बनते जा रहे हैं। इस जानकारी के बाद खुफिया विभाग के कान खड़े हो गये हैं।
इन जिलों में पीएफआई कर रहा भर्ती रैली
बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नेपाल से सटे बिहार के मोतिहारी, मुजफ्फरपुर आदि जिलों में युवाओं को संगठन से जोड़ने के लिए भर्ती रैली कर रहा है। एनआईए ने मुजफ्फरपुर के बरुराज थाने में एफआईआर दर्ज कराकर बड़ा खुलासा किया है। छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की सूचना है। कार्रवाई में एनआईए के साथ राज्य की एटीएस की टीम भी शामिल रही। देश स्तर पर सितंबर 2022 में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा था। इसके बावजूद बिहार के मुजप्फरपुर में पीएफआई की गतिविधि जारी रही। जिले में बरुराज थाने के परसौनीनाथ गांव में कादिर के घर पर अक्टूबर 2022 में युवाओं को संगठन में भर्ती के लिए बैठक व रैली की गई थी। बरुराज थाने में दर्ज एफआईआर की पुष्टि करते हुए एसएसपी राकेश कुमार ने छानबीन शुरू किए जाने की जानकारी दी।
परसौनीनाथ गांव में आयोजित रैली को लेकर बरुराज थाने में एनआईए के इंस्पेक्टर विकास कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें पूर्वी चंपारण के चकिया थाने के हरपुर किशुनी निवासी मो. बेलाल उर्फ इरशाद, कुअवां गांव निवासी रियाज मारूफ उर्फ बब्लू, मेहसी थाने के मोगलपुर निवासी याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान, कस्बा गांव निवासी मो. अफरोज और बरुराज थाना के परसौनीनाथ गांव निवासी मो. कादिर को नामजद व अन्य अज्ञात को आरोपित बनाया गया है। एफआई के ट्रेनर और मुख्य आरोपितों में एक मोहम्मद याकूब की तलाश में पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र समेत कुछ अन्य इलाकों में एनआईए की टीम ने दबिश दी है। मामले करीब आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछकरने की सूचना मिल रही है।
एनआईए के साथ एटीएस की विशेष टीम भी लगी
जांच प्रक्रिया में एनआईए के साथ बिहार की एटीएस की भी विशेष टीम जुटी हुई है। इनका मुख्य निशाना याकूब को गिरफ्तार करने के साथ ही सरगना रेयाज मारूफ के कुछ करीबियों को दबोचना है। मोतिहारी मॉड्यूल में एनआईए की टीम अब तक तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसमें मो. आबिद, तनवीर रजा उर्फ बरकाती और मो. विलाल शामिल हैं। आबिद और तनवीर पूर्वी चंपारण के मेहसी इलाके का रहने वाला है। जबकि, मो. विलाल मुजफ्फरपुर के परसौनी गांव का रहने वाला है। विलाल के घर से तलाशी के दौरान पीएफआई के बैनर समेत कुछ अन्य दस्तावेज भी मिले थे।
याकूब की गिरफ्तारी अहम मानी जा रही
याकूब की गिरफ्तारी इस पूरे मामले में बेहद अहम मानी जा रही है। याकूब मोतिहारी इलाके में युवाओं को पीएफआई के बैनर तले ट्रेनिंग देता था। साथ ही फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट्स पर कई तरह की आपत्तिजनक सामग्री भी डाली थी। इसके तार कई सरगनाओं से जुड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। मुजफ्फरपुर इलाके में इसकी खासतौर से तलाश चल रही है।
पीएफआई के मोतिहारी मॉड्यूल के तार सीधे तौर पर फुलवारीशरीफ मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं। एनआईए फुलवारीशरीफ मामले में जुलाई 2022 में दर्ज एफआईआर संख्या आरसी-31 से ही जोड़कर इस मामले में आगे की जांच कर रही है। पहले से दर्ज एफआईआर में 26 नामजद और अन्य बेनाम अभियुक्त बनाये गये थे। इसमें चार नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। अब मोतिहारी से जुड़े मामले में जिन तीन की गिरफ्तारी हुई है, वे सभी गैर-नामजद अभियुक्त हैं। इस तरह फुलवारीशरीफ मामले में चल रही पीएफआई की जांच में अब तक आधिकारिक तौर पर सात संदिग्धों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने पर इसमें कुछ की गिरफ्तार हो सकती है। इस बार की जांच में याकूब नाम के जिस संदिग्ध का नाम सामने आया है, वह पहले से नामजद नहीं है।
बेलाल ने स्वीकारा कि परसौनीनाथ व पूर्वी चंपारण में संगठन से युवाओं को जोड़ने के लिए उसे पीएफआई के सक्रिय सदस्य रियाज मारूफ ने व्हाट्सएप पर ऑडियो क्लिप भेजा था। इसमें उसने बताया था कि वह संगठन में युवाओं को जोड़ने के लिए सदस्यों के साथ बैठक करेगा। इसके बाद फिजिकल ट्रेनिक दी जाएगी। इस मैसेज को बेलाल ने उस्मान व अफरोज आदि को भेजा।