निलंबन पर्याप्त नहीं दोषियों पुलिस पदाधिकारियों को सरकार बर्खास्त करे, माले विधायक ने कही यह बात

    मोतिहारी। अशोक वर्मा
    बिहार के ुख्यमंत्री द्वारा जहरीली शराब पीने से मरे लोगों के परिजनों को भरण पोषण के लिए 4- 4लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा का भाकपा माले केंद्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने स्वागत किया है और इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। कहा कि देर से ही सही ,यह घोषणा मानवता के हित में है। भाकपा माले लंबे समय से यह मांग करते आ रही है कि दलित गरीब गलत आदत के शिकार हो जाते है और आदत वस शराब माफियाओं द्वारा आपूर्ति किए गए जहरीली शराब पीकर असमय मौत के शिकार हो जाते हैं। जिससे उनके परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट जाता है। मासूम बच्चे और महिलाएं बेसहारा हो गए हैं, इसलिए मानवता के आधार पर उन्हें जीने का सहारा दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने भाकपा माले के मांग पर गंभीरता से विचार करते हैं साथ साथ मानवता का परिचय देते हुए मृतक परिवार के आश्रितों को जीवन परवरिश करने के लिए चार-चार लाख रुपया देने की इसकी घोषणा की है। इससे बिहार के हजारों परिवारों को जीने का सहारा मिल जायेगा।
    उक्त आशय की जानकारी भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य विष्णुदेव प्रसाद यादव और सुगौली प्रखंड के भाकपा माले प्रभारी भोला साह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।
    आगे उन्होंने कहा है कि पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। आज भी गिद्दा के सुनील पासवान और नारियर गांव के वीरेंद्र पासवान एवम। मंटू पासवान की मौत हो गई है। मुकदमे के डर से गरीब लोग जहां तहां प्राइवेट में गुप्त ढंग से इलाज करा रहे हैं और मृत्यु होने पर बिना पोस्टमार्टम के ही लाश जला दे रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जिनके लाश का पोस्टमार्टम नही हो पाया है। वैसे लोगों को भी जांच पड़ताल के आधार पर शराब से मरे लोगों की सूची में शामिल किया जाए और उनके परिजनों को भी मुआवजा की राशि दिया जाए।

    नेता द्वय ने कहा है कि जहरीली शराब का धंधा पूरे जिले में स्थायी रूप से जारी है। शराब माफियाओं को स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों और भाजपा के सांसद विधायकों का भी संरक्षण प्राप्त है। इसलिए वे बेधड़क इस धंधे को चलाते रहते हैं। शराब माफियाओं द्वारा विगत दिनों एक सीआरपीएफ जवान की भी हत्या कर दी गई थी। इसलिए इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होने पर ही असली गुनहगार पकड़े जा सकते हैं। अभी तक कार्रवाई के नामपर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। छोटे गरीब खुदरा विक्रेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है लेकिन जिले में बाहर से टैंकर मंगवाकर जो लोग गांव गांव में शराब आपूर्ति करते हैं ऐसे एक आदमी भी अभी तक नही पकड़ा गया है।इसलिए हम मांग करते हैं कि बड़ी मछलियों को पकड़ने का काम सरकार पुलिस के माध्यम से करे।और दोषी तमाम लोगों पर जनसंहार/हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए तथा स्पीडी ट्रायल चलाकर उन्हें कड़ी सजा दी जाये।

    उन्होंने कहा है कि जहरीली शराब से हुई मौत पर आज भाजपा के नेता घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं जबकि बिहार में जब वे सरकार में शामिल थे तब भी ऐसी दर्दनाक घटनाएं घटती रही है। तब वे चुप रहते थे । पीड़ित परिवारों के भरण पोषण के लिए मुआवजा भी नही देते थे।लेकिन आज मुख्यमंत्री ने मुआवजा देने की घोषणा करके ऐतिहासिक काम किया है।हम फिर एक बार मांग करते है की शराब माफियाओं के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए मजबूत पहल सरकार जल्द करे।

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