बेतिया। अशोक वर्मा
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा मेडिकल कॉलेज में आयोजित वर्तमान समय में राजयोग द्वारा सभी समस्याओं का समाधान विषयक सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बीके अंजना बहन ने कहा कि वर्तमान समय दुनिया दिनोंदिन समस्याओं से ग्रसित होती जा रही है, आम लोगों का जीवन तनावपूर्ण होता जा रहा है। आज सुख के साधन तो काफी बड़े हैं लेकिन साधनों के बीच में सुख गुम हो गया है। गलत खानपान, व्यर्थ चिंतन आपसी ईर्ष्या, द्वेष एवं नफरत के कारण आम लोग अनेक बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं।
भागदौड़ की जिंदगी में दिनोंदिन परमात्मा से दूरी बढ़ती जा रही है परिणाम स्वरूप लोग अनेक नई नई बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं। चिकित्सक भी बहुत सी बीमारियों को नहीं पकड़ पा रहे हैं जिसके कारण आम लोगों का जीवन कष्टमय होता जा रहा है।
बीके अंजना दीदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था में सहज राजयोग का अभ्यास कराया जाता है जिससे अष्ट सिद्धियों की प्राप्ति होती है ।उन्होंने योग की परिभाषा पर कहा कि आत्मा और परमात्मा का मिलन को ही योग कहा जाता है। जन्म मरण में आने से आत्मा की शक्ति अभी काफी कमजोर हो गई है और भागदौड़ के जीवन के कारण दिनों दिन परमात्मा से दूरी भी होती जा रही है। सहज राज योग के अभ्यास से हम परमात्मा से जुड़ सकते हैं ।जूड़ने के साथ ही शक्तियों का धाराप्रवाह होने लगता है और अनेक समस्याएं स्वतः ही समाप्त होने लगती है। जीवन सुखमय हो जाता है। उन्होंने कहा कि संस्था अपने विशेष सेवा कार्यों के बदौलत विश्व के 140 देशों में मूल्यों को पुनर्स्थापित करने का कार्य कर रही है ।
चरित्र निर्माण की दिशा में भी हम काफी आगे बढ़ रहे है।
मेडिकल कॉलेज की प्राचार्यडा० सुधा भारती ने अपने संबोधन में कहा कि पेशेंट के इलाज के दौरान चिकित्सक ऊपर वाले पर भरोसा रखने को कहते हैं जब सारा सिस्टम असफल होने लगता है तू परमात्मा की याद अधिक आती है हम लोग चिकित्सा के दौरान दुआ का महत्व देते हैं । मनुष्य अपने अलौकिक जीवन में अगर दुआ का स्टॉक जमा कर ले तो कठिन समय में बहुत काम आता है। ब्रह्मा कुमारीज में आने के बाद तीन वरदान स्वतः मिल जाते है। वह है एवर हेल्दी, एवरवेलदी एव हैप्पीनेस। कई अन्य लोगों ने भी विषय पर अपने विचार रखें। कार्यक्रम में बीके चांदनी बहन बीके सोनी बहन बीके संजय भाई एवं बीके राकेश भाई थे। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं के अलावा काफी संख्या में कर्मी मौजूद थे।