बेतिया। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
महाशिवरात्रि पर्व को शांतिपूर्वक वातावरण में सम्पन्न कराने तथा विधि-व्यवस्था संधारण को लेकर जिलाधिकारी, कुंदन कुमार की अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुयी। इस अवसर पर अपर समाहर्ता, अनिल राय, सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी सहित सभी एसडीएम, सभी एसडीपीओ, सभी बीडीओ, सभी अंचलाधिकारी, सभी थानाध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने कहा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर देवालयों में अभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ के मद्देनजर सभी व्यवस्थाएं करनी अतिआवश्यक है। इस हेतु प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को विशेष सतर्कता तथा निगरानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रमुख देवालयों जहां, श्रद्धालुओं की भीड़ अत्यधिक होती है, वहां पर्याप्त संख्या में बल तथा दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर दी जाय। इसके साथ ही लगातार पुलिस गश्ती की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
उन्होने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, नियमन हेतु प्रबंधन तथा भगदड़ जैसी आपात परिस्थिति से बचने तथा शिवरात्रि पर्व पर शिववालयों तथा मंदिरों में जलाभिषेक हेतु आने वाले श्रद्धालुओं के सुविधापूर्वक आवागमन तथा भीड़ नियंत्रण हेतु सभी प्रमुख देवालयों में भीड़ के देवालय में प्रवेश तथा निकास हेतु अलग-अलग मार्ग निर्धारित करने, भीड़ के निष्पादन हेतु बैरिकेडिंग की व्यवस्था, बल, दंडाधिकारी, महिला पुलिस की प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ मंदिर प्रबंधन, वोलेन्टियर्स तथा स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग, मंदिर परिसर तथा उसके आसपास सीसीटीवी तथा वीडियोग्राफी एवं एंटी सबोटेज जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
उन्होंने निर्देश दिया कि यातायात एवं अन्य भीड़ के दबाव के स्थानों पर बैरिकेडिंग, ड्रॉपगेट आदि की व्यवस्था कर ली जाय। अत्यधिक भीड़ के दबाव के बिन्दुओं पर भीड़ को रेग्युलेट करने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र तथा अन्य सभी व्यवस्थाएं कर ली जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना से निपटने की पूर्व तैयारी के दृष्टिकोण से क्विक रिस्पॉस टीम का गठन कर लिया जाय।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सक दल तथा एंबुलेस की व्यवस्था कर ली जाय। कतिपय मंदिरों के निकट स्नान कुंड तथा नदी घाट, जहां जलाभिषेक के पूर्व श्रद्धालु स्नान करते हैं तथा जल देते हैं, ऐसे स्थलों पर स्नान कुंड तथा नदी घाट में सुरक्षा घेरा बनाया जाना आवश्यक है। साथ ही गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति भी कर ली जाय।
उन्होंने कहा कि अत्यधिक भीड़ वाले स्थलों पर आपराधिक, शरारती तथा असामाजिक तत्वों द्वारा इसका लाभ उठाकर कोई अप्रिय घटना किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे तत्वों की सतत निगरानी की जाय तथा इनके विरूद्ध विधिसम्मत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।