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सोशल मीडिया पर अश्लीलता व गाली-गलौज वाली पोस्ट की तो खैर नहीं, मोतिहारी पुलिस ने चंदन उपाध्याय पर दर्ज किया केस

– गिरफ्तारी के डर से पहुंचा साइबर थाने, गलती स्वीकारने व माफी मांगने पर मिली जमानत
मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
सोशल मीडिया पर गंद्दी व भद्दी बाते या अश्लील गीत पोस्ट करने वालों की अब खैर नहीं. अगर किसी ने सोशल मीडिया पर गंद्दी बाते या अश्लील गीत पोस्ट किया तो जेल की हवां खानी पर सकती है. क्योकि मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने इसके लिए सोशल मीडिया यूनिट का गठन किया है, जो सिर्फ सोशल मीडिया के मैसेजों पर निगरानी रखेगी. यह अभियान मंगलवार सिे ही पुरे जिले में शुरू कर दिया गया . पहले दिन साइबर थाना में एक यूट्यूबर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. प्राथमिकी दर्ज होते ही यूट्यूबर चंदन उपाध्याय भागते-दौड़ते साइबर थाना पहुंचा. उसने अपनी गलती स्वीकार की. साथ ही पोस्ट को डिलेट किया. सोशल मीडिया पर इसके बाद कोई भी अश्लील बाते पोस्ट नहीं करने का आश्वासन दिया, तब जाकर पुलिस ने उसे थाना से जमानत दी. यूट्यूबर चंदन उपाध्याय पश्चिमी चम्पारण का रहने वाला है. उसने सोशल मीडिया पर ही सार्वजनिक तौर पर माफी मांगते हुए दुबारा ऐसी गलती नहीं करने की बात कही है. वहीँ मोतिहारी एसपी ने बताया कि अश्लीलता के विरूद्ध मंगलवार से अभियान शुरू कर दिया गया है.

सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अपमानजनक व अश्लील दिप्पणी करने वालों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने अश्लील गीत व वीडियो का पेज संचालित करने वालों को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वैसे पोस्ट को पेज से तुरंत डिलीट कर ले, वरना प्राथमिकी दर्ज कर पेज संचालक को गिरफ्तार कर सलाखों के अंदर कर दिया जायेगा. उन्होंने आमजनों से अपील की है कि अश्लील गीत या गंदी बाते सोशल मीडिया पर प्रसारित हो तो इसकी सूचना उनके व्हाट्सएप नम्बर 9431822988 पर दे. कहा कि साइबर थाना के नवपदस्थापित डीएसपी अभिनव पराशर के नेतृत्व में अभियान की शुरूआत की गयी है. इस दौरान एसपी श्री प्रभात ने कुछ महत्वपूर्ण कानूनन जानकारी देते हुए कहा की

1. सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ अश्लील या भद्दी गन्दी बाते लिखने पर जेल हो सकती है. यह भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 509 और आईटी एक्ट 2000 के तहत अपराध माना जाता है.
2. आइपीसी 509-यह धारा महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने या अपमानित करने के लिए है, चाहे वह सोशल मीडिया, ईमेल या किसी अन्य माध्यम से हो.
3.आईटी एक्ट 2000-यह कानून साइबर अपराधों से संबंधित है, जिसमें सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ अश्लील या भद्दी सामग्री पोस्ट करना भी शामिल है.

4.सजा-इन अपराधों के लिए सजा तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.

 

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