मोतिहारी। एसके पांडेय
जिले में ठंड का प्रभाव बढ़ रहा है। ऐसे में ठंड जनित कई रोगों का खतरा छोटे बच्चों व नवजात पर दिखाई दे रहा है। तापमान में बेतहाशा गिरावट से नवजात बच्चों को हाइपोथेर्मिया व निमोनिया का खतरा बना रहता है। सदर अस्पताल के शिशु रोग चिकित्सक डॉ विजय कुमार ने बताया कि सबसे अधिक परेशानी प्री- मैच्योर शिशुओं को होती है। नवजात शिशुओं में तय समय से पहले जन्म और जन्म के समय वजन कम होना अक्सर देखा जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे शिशुओं को गहन देखभाल की जरूरत होती है।
– कंगारू मदर केयर है लाभदायक
कंगारू मदर केयर विधि से देखभाल कर हाइपोथेर्मिया से नवजात को बचाया जा सकता है। इस तकनीक में मां अपने सीने पर कंगारू की तरह नवजात शिशु को चिपकाकर रखती हैं , ताकि शिशु को मां के शरीर की गर्माहट मिल सके। शिशु के हाथ-पैर व पीठ को साफ कपड़ों से ढकना चाहिए। इसमें शिशु को गर्माहट मिलती है और तापमान का संतुलन बना रहता है। बच्चों को ऊनी वस्त्र पहनाना चाहिए, कमरे को गर्म रखने के लिए कुछ समय तक हीटर का प्रयोग करना चाहिए। बच्चों को दूध पिलाने वाली माँ भी अपना शरीर गर्म रखें, गर्म पानी पीएं। समय पर सभी आवश्यक टीकाकरण जरूर कराएँ ।
– कम वजनी बच्चों के लिए मददगार है एसएनसीयू
सीएस डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल के एसएनसीयू में हाइपोथेर्मिया के इलाज की पुख्ता व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि रेडिएंट वार्मर की उपयोगिता नवजात शिशुओं के तापमान को नियंत्रित करती है।यह शिशुओं के पलंग के समान है जिस पर तापमान के नियंत्रण के साथ ही सांस के अवरोध, हृदय गति आदि की जानकारियां मशीनों की स्क्रीन को देखकर दूर से ही प्राप्त की जा सकती है। जन्म के समय बहुत कम वजन, सांस लेने में समस्या, जन्म के बाद न रोने वाले, पीलिया, पेट में समस्या व निमोनिया जैसे अनेक तरह की बीमारी से ग्रसित बच्चों का यहाँ इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि नवजातों में हाइपोथेर्मिया न हो इसके लिए कंगारू मदर केयर काफी कारगर है। सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में 14 वार्मर की सुविधाएं उपलब्ध हं । सीएस ने बताया कि एसएनसीयू में 24 घंटे शिशु विशेषज्ञ चिकित्सक, प्रशिक्षित जीएनएम व वार्ड अटेंडेंट उपस्थित रहते हैं। बच्चों की पूरी तरह देखभाल की जा सके, इसलिए अस्पताल में भी कंगारू मदर केयर सुविधा उपलब्ध है। यहां माताएं बच्चे को स्तनपान भी कराती हैं ।