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चंपारण में भूमाफियाओं पर सबसे बड़ा एक्शनः डीआईजी हरकिशोर राय का मास्टरस्ट्रोक, कसी जाएगी नकेल

बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
चंपारण रेंज में भूमाफियाओं के काले साम्राज्य पर अब पुलिस का बुलडोजर चलने वाला है। डीआईजी हरकिशोर राय ने मोतिहारी, बेतिया और बगहा के एसपी को निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने जिलों में भूमाफियाओं को चिन्हित कर उनकी संपत्तियां जब्त करें और सख्त कानूनी कार्रवाई करें। इस आदेश के बाद पुलिस पूरी ताकत से जुट गई है, और मोतिहारी में 96, बेतिया में 46 और बगहा में 31 भूमाफियाओं की लिस्ट तैयार कर ली गई है।

डीआईजी की रणनीतिः अपराध का खात्मा, जमीनी कब्जों का सफाया
डीआईजी राय का मानना है कि 70 प्रतिशत5 अपराधों की जड़ जमीन से जुड़ी होती है, जिनमें हत्या, रंगदारी, धमकी, और कब्जे जैसी वारदातें शामिल हैं। अगर इन अपराधों पर नकेल कसी जाए, तो पूरे क्षेत्र में अपराध पर सीधा नियंत्रण किया जा सकता है।

भूमाफियाओं में मचा हड़कंप, लेकिन क्या पुलिस पार पा पाएगी?
डीआईजी का आदेश आते ही संपत्तियों की जब्ती और कानूनी कार्रवाई के फैसले से भूमाफियाओं के गुटों में हड़कंप मच गया है। लेकिन यह लड़ाई इतनी आसान नहीं है! भूमाफिया सिंडिकेट बेहद संगठित होता है, जिसमें सफेदपोश नेता, सरकारी अधिकारी और खाकी वर्दी वाले कुछ लोग भी शामिल हो सकते हैं। इनके पास सैकड़ों साल पुरानी जमीन के कागजात और फर्जी दस्तावेज मौजूद होते हैं, जिससे वे आसानी से कानून को चकमा देते आए हैं। अब सवाल यह है कि क्या पुलिस इस संगठित गैंग पर पूरी तरह शिकंजा कस पाएगी?

भूमाफिया के खिलाफ हर शनिवार होगा ‘भू समाधान शिविर’
पुलिस प्रशासन ने हर शनिवार को ‘भू समाधान शिविर’ आयोजित करने का फैसला लिया है, जहां अवैध कब्जों की पहचान कर आईपीसी के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी ने सभी थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगर किसी व्यक्ति की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है या जानबूझकर विवाद पैदा किया जा रहा है, तो उस पर तुरंत कानूनी शिकंजा कसा जाए।

देर आए, दुरुस्त आए- चंपारण में अपराध पर मास्टरस्ट्रोक या दिखावटी सख्ती?
जनता इस फैसले को अपराध नियंत्रण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रही है। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस इस संगठित अपराध के जाल को पूरी तरह खत्म कर पाएगी, या फिर यह महज एक और कागजी कार्रवाई बनकर रह जाएगी? अगर पुलिस इस अभियान को ईमानदारी से लागू करती है, तो चंपारण में जमीन विवाद से जुड़े अपराधों का युग खत्म हो सकता है। लेकिन अगर इसमें ढिलाई बरती गई, तो भूमाफियाओं का आतंक और भी बढ़ सकता है।

अब देखना यह होगा कि डीआईजी हरकिशोर राय की इस रणनीति से अपराधों पर लगाम लगती है या नहीं। क्या यह फैसला माफियाओं के साम्राज्य को उखाड़ फेंकेगा या फिर वे कोई नया रास्ता निकाल लेंगे? जनता की नजरें अब प्रशासन पर टिकी हैं!

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