Home न्यूज सख्त एक्शनः मोतिहारी सदर समेत 11 अंचलअधिकारियों के वेतन पर लगी रोक

सख्त एक्शनः मोतिहारी सदर समेत 11 अंचलअधिकारियों के वेतन पर लगी रोक

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार में राजस्व अधिकारियों से लेकर राजस्व कर्मचारियों के कन्धों पर सरकार ने बड़ी जिम्मेवारी दे रखी है. भूमि सर्वेक्षण के ऐलान के बाद से खास तौर पर कई सरकारी लक्ष्य साधने में इनकी भूमिका अहम् हो गयी है. लेकिन इधर लगातार राजस्व अधिकारियों पर सरकार के द्वारा सख्त कार्रवाई भी की जा रही है. एक तरफ जहाँ कई सीओ सीधे तौर पर घूस लेते हुए निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं तो राजस्व कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं. इस कड़ी में कुछ दिन पहले 139 सीओ के वेतन पर जहाँ रोक लगायी गयी है. वहीँ एक बार फिर 11 अंचल अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किया गया है.

इस वजह से हुई कार्रवाई

दरअसल बसेरा,परिमार्जन व दाखिल खारिज में प्रगति को लेकर आये दिन राजस्व अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जाती है. इसमें कोताही और लापरवाही बरतनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की भी जा रही है. इसी कड़ी में मोतिहारी अपर समाहर्ता मुकेश कुमार सिन्हा द्वारा जिला के सभी डीसीएलआर व सीओ के साथ राजस्व विभाग के कार्याे की समीक्षा किया गया। समीक्षा के दौरान 11 सीओ के कार्यों में कोताही और लापरवाही बरतने का मामला सामने आया. जिसमें हरसिद्धि, पहाड़पुर, बनकटवा, ढाका, सुगौली, सदर, रामगढ़वा, कोटवा, आदापुर, घोड़ासहन, पकड़ीदयाल सहित 11 अंचल शामिल हैं.

वेतन पर लगी रोक

इसके बाद कार्रवाई करते हुए एडीएम ने 11 सीओ के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है। साथ ही उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. वही एडीएम ने सभी सीओ को चेताया कि किसी भी कीमत पर राजस्व विभाग के कार्याे में कोताही व लापरवाही करने वाले को बख्शा नहीं जायेगा. उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इधर एक फेसबुक यूजन सतीश कुमार ने लिखा है कि अंचलाधिकारी व अंचलकमीं का कार्य तानाशाही वाला हैं। ढंग से बात भी नहीं सुनते है और न समस्या का कोई नियमानुकूल हल ही निकलते है। आदमी दौड़ते . दौड़ते परेशान हो जा रहा है। ये हाल लगभग सभी अंचल का है लेकिन ढाका अंचल का हाल सबसे बुरा है। इस पर उच्च अधिकारी को अपने स्तर से अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण कर एवं अंचल कार्यालय मे आये लोगों की समस्या को सुने फिर क्या काम आम लोगो का हो रहा हैं यह पता चल जायगा। सिर्फ वेतन बंद करने से कुछ सुधार नहीं होने वाला है।

 

 

Previous articleमहात्मा बुद्ध सेवा संस्थान की बैठक में 100 एकड़ भुमि उपलब्ध कराने की मांग
Next articleजानिए बिहार के कौन-कौन हैं करोड़पति मंत्री, सीएम नीतीश से अमीर उनके मंत्री, कुछ हथियारों के भी शौकीन