गोपालगंज। अशोक वर्मा
जन सुराज पदयात्राः के 116वें दिन’ प्रशांत किशोर ने कहा – मैं जन सुराज का नेता नहीं, इस अभियान का सूत्रधार हूं। उन्होंने कहा कि – मोदी जी ने बिहार के विकास के लिए एक बैठक तक नहीं की जन सुराज पदयात्रा के 116वें दिन की शुरुआत गोपालगंज के हथुआ प्रखंड अंतर्गत सेमराव पंचायत फुटबॉल स्टेडियम स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ परहदवा, मुरा गांव से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा गोपालगंज के हथुआ प्रखंड के सेमराव पंचायत के परहदवा और मुरा से होते हुए कसौंधी पंचायत के मोहनपुरा, बिशुनपुरा, खरीतिया होते हुए फुलवारिया प्रखंड के कोइला देवा पंचायत श्रीनगर गांवों से गुज़रते हुए भोरे प्रखंड में प्रवेश कर हसपुर पंचायत के भगवानपुर, डोमानपुर पंचायत के गोसैसिया गांव, लमीछोर पंचायत के बंधु छप्पर, पश्चिम टोला लमीछोर, रकबा पंचायत के पंडितपुरा, बराई बगाहवा, खड़ाई पंचायत के कुसाहा मैदान स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची।
’पदयात्रा का उद्देश्य है जनता की समस्याओं को समझ कर उसके समाधान का खाका तैयार कर सकेः प्रशांत किशोर’
जन सुराज पदयात्रा के दौरान गोपालगंज के हथुआ प्रखंड अंतर्गत कसौधी गांव में प्रशांत किशोर ने आमसभा की संबोधित किया। उन्होंने कहा कहा कि लोग हमसे पूछ रहे हैं कि हम पैदल क्यों चल रहे हैं, तो उन्हें बता दे कि बिहार 40-50 साल पहले भी देश का सबसे पिछड़ा राज्य था और आज 50 बरस के बाद भी देश का सबसे गरीब, पिछड़ा, ज्यादा अशिक्षित, सबसे ज्यादा भुखमरी और बेरोजगारी से त्रस्त वाला राज बिहार ही है। कई वर्षों तक हमने कांग्रेस को वोट दिया फिर 15 साल तक लालू जी को ही देकर देखा और 17 सालों से हमने नीतीश कुमार पर दांव लगाया है। दिल्ली में हमने मोदी जी को भी बैठा कर देख लिया लेकिन बिहार और बिहार के बच्चों की दुर्गति नहीं सुधर रही है। हम पदयात्रा इसलिए कर रहे है ताकि आपकी (जनता) की समस्याओं को देख कर समझ सके और उसके समाधान की रूपरेखा तैयार कर सके।
’हर पंचायत स्तर पर 500-1000 नए रोजगार की व्यवस्था की जायेगी : प्रशांत किशोर’
बिहार में रोजगार के नए अवसर पैदा करने की बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हम पदयात्रा के दौरान बिहार के हर पंचायत के विकास के लिए आगामी 10 साल की योजना बना रहे हैं। जब पदयात्रा खत्म होगी तब सभी के सामने बिहार के हर पंचायत की आगामी 10 साल की योजना जारी करेंगे। जनता को संबोधित करते हुए प्रशांत ने कहा कि इस योजना में आपके बच्चों की समस्याओं के साथ उनके समाधान भी बतायेंगे। आपकी पंचायत में बच्चों के पढ़ने के लिए अच्छी व्यवस्था कैसे बनाई जाए, ये भी बताएंगे। यहां पर खेती करने वाले किसानों की आमदनी को कैसे बढ़ाया जाए। बिहार की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी से निदान पाने के लिए हर पंचायत स्तर पर 500-1000 नए रोजगार की व्यवस्था की जाएगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि हम जन सुराज के नेता नहीं है, बल्कि इसके सूत्रधार है। गांव, देहात, पंचायत, क़स्बा शहर से पैदल चलकर सही लोगों को ढूंढ़कर निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने पीछे चलने वालों को नहीं बल्कि बराबरी में साथ में चलने वालों को ढूंढ़ रहें है। बिहार में जब पदयात्रा खत्म होगी तब सभी लोगों को एक मंच पर बैठाकर मिलकर ये तय करेंगे कि दल बनाया जाये की नहीं। लेकिन अगर दल बना तो वह प्रशांत किशोर का नहीं बल्कि किसी एक व्यक्ति,जाति, परिवार का नहीं बल्कि उन सारे लोगों का दल होगा जो इसे मिलकर चलाएंगे।
’क्या प्रधानमंत्री मोदी जी ने बिहार में विकास के नाम पर एक बैठक भी की हैः प्रशांत किशोर’
पदयात्रा के दौरान जनता से संवाद करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि भ्रस्टाचार, बेरोजगारी, शिक्षा, अस्पताल ये सब पेड़ की टहनी है, समस्या जड़ में है, जिसे आप और हम समझ नहीं पा रहे हैं। बिहार के जो मतदाता हैं, वो अपनी समस्याओं और अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए वोट नहीं कर रहे हैं। वो वोट कर रहे है जाती और धर्म के नाम पर, अगर लोगों ने वोट पाकिस्तान-पुलवामा के नाम पर किया है तो आपके गांव में सड़क कहां से बनेगी? भारत-पाकिस्तान पर जो आप दिनभर टीवी चैनल पर देखते हैं उससे समाज में सुधार और विकास कैसे हो सकता है? लोकतंत्र में जनता जिस आधार पर वोट करेगी परिणाम भी उनके वोट के आधार पर ही मिलेंगे। क्या आप मुझे बता सकते है की प्रधानमंत्री मोदी जी ने आज तक बिहार के विकास पर एक भी बैठक की है? जैसा वोट कीजिएगा परिणाम भी आपको वैसे ही मिलेंगे, यही बिहार की जनता को बताने के लिए बिहार के गांव में पैदल घूम रहे हैं और लोगों को समझा रहे हैं।