रक्सौल। अशोक वर्मा।
चैत्र नवरात्रि और रामनवमी के पावन पर्व पर सभी रक्सौल वासियों एवं संपूर्ण भारत को ब्रह्माकुमारी आश्रम की तरफ से एक कार्यक्रम आयोजित करते हुए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी गई। नवरात्रि और रामनवमी के पर्व के उपलक्ष्य में बड़े ही हर्ष से शहर के नागा रोड, वार्ड-22 स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम के प्रांगण में कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय संचालिका बीके ज्ञानू दीदी के द्वारा किया गया, जिसमें सभी को श्रीराम जी के उच्चतम जीवन चरित्र और उनके दिव्य मूल्यों से स्वयं और समाज कल्याण का लाभ कैसे हो ये समझाया गया। इसी के साथ ज्ञानू दीदी ने कहा कि श्रीराम एक आज्ञाकारी पुत्र, निष्ठावान पति, उदार राजा, आदर्श भाई और एक श्रेष्ठ मनुष्य थे और अगर इनके जैसा मनुष्य हो जाए तो समाज सुख, शांति व प्रेम से सुसज्जित हो जाए। ज्ञानू दीदी ने रामायण के एक प्रेरणादाई प्रसंग को याद करते हुए कहा कि एक बार रंगभूमि में श्रीराम जी ने जामवंत से कहा कि शायद हम ये युद्ध हार जायेंगे, फिर जामवंत जी ने उन्हे शिव और शक्ति मां दुर्गा की उपासना कर उनके वरदान प्राप्त करने को कहा और दूसरी तरफ रावण भी भगवान की पूजा करता था, लेकिन दोनो में क्या विशेष अंतर था जो राम जीते और रावण हारा ? वो था दैवी गुण, जो राम में भरपूर था और रावण में नही, इससे हमे ये सिख मिली की जीत हमेशा सत्य और दिव्यता की होती है। फिर ममता बहन ने भी प्रेरणादाई प्रसंगों से सभी को दिव्य मूल्यों से परिचय करवाया और कहा की कैसे राम एक पुरुषोत्तम व्यक्तित्व थे, उन्होंने कभी भेद भाव नहीं किया चाहे वो सबरी माता के जूठे बेर खाना हो या वानर सेना को दिल से स्वीकार करना हो, फिर एक और प्रसंग को याद किया, जिसमे श्रीराम से वानर सेना कहती है कि कैसे हम जीतेंगे ये युद्ध हमारे पास तो अच्छे शस्त्र भी नही है, रावण के पास तो उत्कृष्ट शस्त्र है तो फिर श्रीराम जी ने कहा की हमारा सबसे बड़ा शस्त्र आभूषण है सहनशीलता और सालिनता, तो इससे हमे ये सिख मिली की जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी कैसे सकारात्मक और पॉजिटिव रहा जाए। इसी के साथ सभी ने बड़े ही प्रेम से श्रीराम के चरित्र को धारण करने का प्रण लिया और एक दूसरे को बधाई दी।