मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत बेतिया में आई एंड डी तथा एसटीपी योजना का कार्यान्वयन कराया जाना है। इस योजना अंतर्गत बेतिया नगर में एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), 04 इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन (आइपीएस) तथा एक लाफिंग पंपिग स्टेशन का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पर्यावरण को प्रदूषण से बचाता है। एसटीपी प्लांट से गंदे और दूषित पानी को फिर से इस्तेमाल करने लायक बनाया जाता है। यह तकनीक नदियों, झीलों तक दूषित पानी के पहुंचने के पहले उसके अंदर की अशुद्धियों को हटा देता है।
इससे न सिर्फ पानी की बर्बादी रूकेगी, बल्कि नदियों में गंदा पानी नहीं जा पाएगा। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में गंदे पानी को शोधित किया जायेगा, जिससे यह पानी पुनः उपयोग में लाया जा सकेगा।
इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन (आइपीएस) से आसपास के लोगों को सीवरेज जाम की समस्या से निजात मिलेगी। इसमें सीवर का पानी पाईप लाइन के जरिए एकत्र होगा, जिसे पंपिंग कर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तक पहुंचाया जायेगा। इसी परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार की अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुयी। इस बैठक में उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, श्री राजीव कुमार सिंह, श्री अनिल राय सहित, आयुक्त, नगर निगम, बेतिया आदि उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने कहा कि भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत बेतिया में आई एंड डी तथा एसटीपी योजना का कार्यान्वयन बेहद ही महत्वपूर्ण कार्य है। बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा इसके कार्यान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि उक्त योजना के कार्यान्वयन हेतु डीपीआर निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। डीपीआर तैयार होने के उपरांत स्ट्रक्चर का निर्माण कराया जाना है। उक्त स्ट्रक्चर निर्माण हेतु अपेक्षित भूमि को अविलंब चिन्हित करते हुए तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करते हुए बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को अवगत कराया जाय।
जिलाधिकारी ने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) एवं इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन (आइपीएस) के फंक्शनल होने के उपरांत बेतिया नगर निगम वासियों को अत्यधिक लाभ मिलेगा। इससे न सिर्फ पानी की बर्बादी को रोकने में मदद मिलेगी, बल्कि नदियों में दूषित पानी जाने से भी रोका जा सकेगा तथा इसकी मदद से दूषित पानी को पुनः उपयोग में लाया जा सकेगा।