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सेव द चिल्ड्रन ने की जलवायु स्मार्ट रेजिलियंट कम्युनिटी इंटरफेस मीटिंग

मोतिहारी। अशोक वर्मा
बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन द्वारा जलवायु स्मार्ट रेजिलिएन्ट कम्युनिटी कार्यक्रम के अंतर्गत स्थानीय एक होटल में एक जिला स्तरीय इंटरफेस मीटिंग का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करना और समुदायों को आपदाओं से निपटने में सक्षम बनाना था।

कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों के स्वागत गीत से हुआ। तत्पश्चात बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन के प्रदेश प्रतिनिधि पीयूष कुमार ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, आपदा से होने वाली क्षति और नुकसान को कम करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है समुदाय की क्षमता वर्धन। किसी भी आपदा में पहला रिस्पांदर समुदाय ही होता है, इसीलिए हमें अपने समुदाय की तैयारियों पर जोर देना चाहिए।
पीयूष कुमार ने जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ष्जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाओं की संख्या और तीव्रता बढ़ रही है, और इससे बचाव के लिए हमें रणनीतियां विकसित करनी होंगी। उन्होंने आगे बताया कि बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन की परियोजना का एक प्रमुख उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और उन्हें इन योजनाओं से जोड़ना था।
अग्निशमन विभाग की महत्वपूर्ण बात
इस अवसर पर जिला अग्निशमन प्रभारी रंजीत कुमार ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने अगलगी को एक मानवजनित आपदा बताया और इसके प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता जताई। रंजीत कुमार ने कहा, ष्ग्रीष्मकालीन मौसम में पछुआ हवा चलने पर हमें भोजन बनाने के समय का ध्यान रखना चाहिए। खाना सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद बनाना चाहिए ताकि आग की घटनाएं न हों।ष् उन्होंने यह भी बताया कि फूस के घरों को बालू, मिट्टी और गोबर से लिपट कर अगलगी से बचा जा सकता है। इस दौरान, अग्निशमन विभाग की ओर से मॉक ड्रिल का आयोजन भी किया गया, जिसमें भाग लेने वाले समुदाय के सदस्यों को आपातकालीन स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया करनी चाहिए, यह सिखाया गया।
जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम न्यूनीकरण की दिशा में कार्यरू
बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप के अमर ने बरदाहा पंचायत का जिक्र करते हुए कहा कि यह इलाका जिले का सबसे निचला भूभाग है, जहां हर साल बाढ़ के कारण स्थानीय लोगों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के क्षेत्र में कई अवसर हैं और बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन ने इस दिशा में पिछले चार महीनों में उत्कृष्ट काम किया है, जो काबिल-ए-तारीफ है।
बाल विवाह और बाल श्रम पर नुक्कड़ नाटकरू
महिला एवं बाल विकास निगम के जिला परियोजना प्रबंधक वीरेंद्र राम ने कार्यक्रम के दौरान बरदाहा पंचायत के किशोरियों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक की सराहना की, जिसमें बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ एक प्रभावशाली संदेश दिया गया। वीरेंद्र राम ने कहा, ष्बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन के प्रयासों से इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने यह भी बताया कि महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई, जिनका उद्देश्य बालकों और महिलाओं के विकास में योगदान देना है। वीरेंद्र राम ने विशेष रूप से लिंगानुपात के मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि जिले में लिंगानुपात 1000 पर 870 हो गया है, जो चिंतनीय है और इसे सुधारने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
पंचायती प्रतिनिधियों का योगदान
कार्यक्रम में विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी। बरदाहा पंचायत के मुखिया मोहन सहनी, सरपंच मुरारी सहनी, पंचायत समिति सदस्य राजेश कुमार सहनी, मनीषा कुमारी, नंदिता कुमारी, राजू पटेल, सत्यप्रकाश, वार्ड सदस्य रामायण सहनी, अंजू कुमारी और रंजू कुमारी ने अपने अनुभव साझा किए और जलवायु परिवर्तन और आपदा न्यूनीकरण के मुद्दों पर चर्चा की।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का संचालन हामिद रजा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन पीयूष कुमार ने किया। इस आयोजन के माध्यम से विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, पंचायतों के नेताओं और स्थानीय समुदायों को एकजुट करने का प्रयास किया गया ताकि आपदा न्यूनीकरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर एक साथ मिलकर काम किया जा सके।
यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण पहल थी, जो मोतिहारी जिले में आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए जागरूकता फैलाने में सहायक साबित होगी।

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