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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बेलबनवा सेवा केंद्र ने संस्थापक ब्रह्मा बाबा का 54वां अव्यक्त दिवस मनाया

मोतिहारी। अशोक वर्मा
मोतिहारी के बेलबनवा मे ब्रम्हाकुमारीज सेवा केंद्र प्रभारी के नेतृत्व में अमृतवेला सुबह 3ः00 बजे से 5ः00 बजे तक ज्वालामुखी योग भट्टी का आयोजन किया गया,उसके बाद मुरली क्लास चली । दिन में 2ः00 बजे आयोजित प्रवचन माला कार्यक्रम मे संबोधित करते हुये सेवा केंद्र प्रभारी बीके वीभा बहन ने ब्रह्मा बाबा के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला ।उन्होंने कहा कि बाबा गुणों की खान थे ,निरंहकारिता की प्रतिमूर्ति और ,सादगी के एक मिसाल थे।1936 मे यज्ञ में समर्पित 16 वर्ष की राधे नाम की कन्या से जब ब्रह्मा बाबा ने पूछा कि आप पितांबर धारी से शादी करेंगे या सूट बूट वाले से तो राधे ने कहा कि मैं वही कृष्ण की राधे हूं और मैं पितांबर धारी से शादी करूंगी। इतना कह कर राधे यज्ञ में समर्पित हो गई । राधे अपने विशेष गुण और पालना के बदौलत चंद माह के अंदर ही यज्ञ माता बन गई ।सभी उन्हें मम्मा कह कर पुकारने लगे ।यहां तक कि ब्रह्मा बाबा और उनकी लौकिक युगल यशोदा माता भी राधे को मम्मा ही कह कर पुकारते थे। बाबा अपने विशेष गुण सहनशीलता और क्षमा आधारित सेवा से यज्ञ के ब्रह्मा वतसो की पालना की। उन्होंने बाबा द्वारा किए जा रहे मूल्यों को पुनर्स्थापित करने के कार्य को विस्तार से रखा । उन्होंने कहा कि आज यह संस्था विश्व की एकमात्र ऐसी संस्था है जिसका नेतृत्व नारी शक्ति के हाथों में है। उक्त अवसर पर संचालन के दौरान बीके अशोक वर्मा ने कहा कि संस्था के कार्य से हमारे माननीय प्रधानमंत्री काफी प्रसन्न रहते हैं और उन्होंने हमारी तत्कालीन मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी को स्वच्छता का ब्रांड अंबेसडर बनाया था ।आज के दिन देश की राष्ट्रपति महामहिम द्रोपदि मुर्मू ब्रम्हाकुमारी है। देश के 1 दर्जन से अधिक महामहिम राज्यपाल संस्था से जुड़े हुए हैं ।केंद्रीय मंत्री से लेकर कई प्रदेश के मंत्री संस्था के क्रियाकलाप की भूरी- भूरी प्रशंसा अक्सर अपने भाषण में करते हैं। मोतिहारी के सांसद एवं तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू के कॉन्फ्रेंस में संबोधित कर चुके हैं ।आज यह संस्था काफी आगे निकल गई है। संस्था अपने 21 प्रभाग के माध्यम से आध्यात्मिक सशक्तिकरण का कार्य कर रही है ।निश्चित हीं शिव बाबा ने ब्रह्मा बाबा के तन का आधार लेकर नई स्वर्णिम सतयुगी दुनिया का जो निर्माण कार्य आरंभ किया है अब वह संपूर्णता की ओर है। परिवर्तन के तमाम लक्षण दिखना आरंभ हो गए हैं। आज ब्रह्मा बाबा द्वारा लगाया पौधा एक वट वृक्ष का रूप ले चुका है ।भारत का आध्यात्मिक ज्ञान 140 देशों में फैल चुका है।

 

संस्था 10000 सेवा केंद्रों एवं एक लाख बीके पाठशाला तथा 70000 समर्पित बहनों एवं भाइयों के द्वारा भारत का यह ज्ञान सभी लोगों के बीच मुफ्त में बांटा जा रहा है। संबोधित करने वालों में डॉ आर एन सिंह पर्यावरणविद केशव कुमार बीके अनिता बहन, बीके पूनम बहन एवं अन्य थे। बीके पूजा बहन ने ब्रह्मा बाबा को समर्पित बड़ा सुंदर भाव गीत प्रस्तुत किया ।सभी भाई बहनों ने ब्रह्मा बाबा के चित्र पर पुष्प अर्पण कर उनसे पावरफुल दृष्टि ली साथ साथ संकल्प लिया कि अब तक हमारे अंदर जो कुछ भी सूक्ष्म कमी कमजोरी रह गई है आज वह सब सभी भाई बहन छोड रहे हैं। उक्त अवसर पर सभी अतिथियों को ईश्वरीय सौगात देकर सेवा केंद्र प्रभारी ने सम्मानित किया ।उक्त अवसर पर सेवा केंद्र परिसर में केशव कुमार ने एक दर्जन पौधा लगाया साथ-साथ सभी से अपील की कि आप लोग अपने घर के किसी के जन्मदिन, पूर्वजों के स्मृति दिवस ,मैरिज डे या शादी या किसी अन्य मौके पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं।
नगर से सटे पतौरा लाला टोला मे विगत 16 वर्षों से संचालित बीके पाठशाला मे सुबह ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त दिवस पर योग भट्टी, मुरली क्लास एवं विचार सत्र चला। प्राकृतिक वातावरण एवं औषधीय पौधों के 20 संचालित सेवा केंद्र प्रभारी बीके अशोक वर्मा ने कहा कि 1936 मे शिव बाबा ने ब्रह्मा बाबा को साक्षात्कार कराकर भविष्य परिवर्तन की सभी बाते स्पष्ट बता दी थी ।

1936 में बाबा ने कहा था कि अणुबम बनेगा और दुनिया मे परिवर्तन उसी से होगी । उस समय दुनिया में अणुबम का कोई नामोनिशान नहीं था, चर्चा भी नहीं थी लोगों ने इसको कल्पना कहा था। लेकिन जब 1945 में हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरा तब लोगों को विश्वास हुआ और सभी ने कहा कि ब्रम्हाकुमारी वाले सच कहते हैं।1981 मे बाबा ने एक मुरली में कहा है कि राष्ट्रपति भवन आपका घर होगा आज 2022 में ब्रह्माकुमारी महामहिम द्रोपदि मुर्मू भारत की राष्ट्रपति हैं । उनके द्वारा देश को सही दिशा दी जा रही है।
उपस्थित रहने वालों में बीके शिवपूजन अधिवक्ता, बीके सिद्धार्थ वर्मा, बीके हरि शंकर भाई ,बीके आशा माता ,बीके वीणा त्रिपाठी, बीके सुनीता बहन ,बीके रंजन भाई, बीके उर्मिला माता बीके सुमन बहन बीके सतीश भाई ,बीके शंकर भाई ,बीके मंजू बहन बीके शीला माता आदि मुख्य रूप से थे
1876 मे सिंध प्रांत के एक शिक्षक के घर में जन्मे ब्रह्मा बाबा 18 जनवरी 1969 में हम पूर्णता को प्राप्त कर अव्यक्त हुए।

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