सोनपुर। अशोक वर्मा
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के सोनपुर में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आंदोलन और क्रांति तेज हथियार के जैसा है। अगर आपके पास तेज हथियार है तो आप बड़े से बड़े वृक्षों को काट सकते हैं, लेकिन पौधे को पेड़ बनाने के लिए कोई हथियार काम नहीं आने वाला है। आज यही कारण है कि बिहार में कई लोगों को लगता है कि बिहार अगर जेपी के आंदोलन से नहीं सुधरा तो किसी भी प्रयास से नहीं सुधरेगा। मुझे लगता है ये बिल्कुल गलत सोच है।पहली बात ये कि जेपी का आंदोलन बिहार को सुधारने के लिए था ही नहीं। उन्होंने उस समय देश की सत्ता में बैठे लोगों को हटाने के लिए आंदोलन किया। ये सच है कि उसका केंद्र बिंदु बिहार था लेकिन बिहार में व्यवस्था परिवर्तन को लेकर कोई लड़ाई थी ही नहीं। सच यह है कि जेपी जिस चीज़ के लिए आंदोलन किए उसमें उन्हें सफलता मिली। अगर लोग कहते भी हैं कि उसी आंदोलन से निकले हुए लोग बिहार को चला रहे हैं तो मैं आपको बता दूँ कि जेपी का आंदोलन 1975-76 में हुआ और उससे निकले लालू जी मुख्यमंत्री बने 1990 में तो जेपी ने कभी थोड़ी न कहा था कि लालू जी मुख्यमंत्री बनेंगे। यह दोनों चीज़ अलग हैं, इस बात में कोई दम नहीं है प्रशांत किशोर ने कहा की पाकिस्तान और पुलवामा के नाम पर वोट देंगे तो आपके गांव की हालत कैसे सुधरेगी ?
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के सोनपुर में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हम बिहार के लोग इतने कष्ट में जी रहे हैं, मगर जब वोट करने की बारी आती है तब हम जाति-धर्म, पाकिस्तान-पुलवामा, और चीन को सबक सिखाने के लिए वोट करते हैं। 2019 में आपने सोच रखा था कि इस बार सांसद महोदय को नहीं जितने देना है ठीक उसी समय पुलवामा की घटना घट गई और आपने फिर से उन्हीं को वोट कर दिया जिन्हें आपको नहीं करना था।
मैं आपसे पूछता हूं कि क्या आपने कभी आपने गांव की टूटी सड़कों को देखा है? गांव में नंगे पैर चल रहे उन बच्चों को देखा है जो खाली पैर इधर से उधर दौड़ते हैं और अगर इतना कुछ देखने के बावजूद भी आपकी आंखें नहीं खुलती तो आपका कोई भला नहीं कर सकता है।