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मोतिहारी में बिजली विभाग के ठेकेदार को घेरकर गोलियों से छलनी किया, रहा है आपराधिक इतिहास, एसपी ने कही यह बात

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
फेनहारा का इलाका शनिवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। अपराधियों ने शनिवार सुबह 7ः30 बजे एक ठेकेदार को गोलियों से छलनी कर दिया। 4 की संख्या में आए बदमाशों ने ठेकेदार की स्कॉर्पियो पर ताबड़तोड़ 30 राउंड फायरिंग की। जिसमें से 25-26 गोलियां बिजली विभाग के ठेकेदार ओम प्रकाश सिंह (45) को लगी। फेनहारा प्रखंड के इजोरबारा गांव में गोलीबारी हुई है। गैंगवार में ये मर्डर हुआ है।

सामने से सूमो से आए 4 बदमाशों ने ठेकेदार की स्कॉर्पियो पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी। पुलिस की माने तो 25 राउंड से ज्यादा फायरिंग की गई। ओम प्रकाश सिंह के साथ गाड़ी में मौजूद ड्राइवर और 2 लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं। ठेकेदार की गाड़ी के फ्रंट ग्लास में 23 बुलेट के निशान हैं। वारदात के बाद अपराधी हथियार लहराते हुए शिवहर के तरफ भाग निकले।

आनन-फानन में उसे पहले मधुबन सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने ओम प्रकाश को मृत घोषित कर दिया। शव लेकर परिजन घर चले गए। वहां पकड़ीदयाल एसडीपीओ सुनील कुमार सिंह, थानाध्यक्ष सुधीर कुमार भी पहुंचे। परिजनों को समझा-बुझाकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। मृतक का भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है।

ओमप्रकाश का भी आपराधिक इतिहास
मोतिहारी एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि शिवहर से 2 किमी पहले वारदात को अंजाम दिया गया है। मारे गए ओम प्रकाश का भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। शिवहर सहित कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। फिलहाल चार केस सामने आया है। अन्य आपराधिक मामलों का इतिहास निकाला जा रहा है। उसकी कई गैंग से दुश्मनी चल रही थी। हम हर पहलू से मामले की जांच कर रहे हैं। एफएसएल की टीम की भी मदद ली जा रही है। घटनास्थल से 15 खोखा पुलिस ने बरामद किया है। जबकि गाड़ी पर 25 से 27 गोली लगने का निशान है।

ओम प्रकाश गैंगस्टर मुकेश पाठक का राइट हैंड था। मुकेश पाठक के जेल जाने के बाद फिलहाल गैंग का सारा काम ओम प्रकाश ही देख रहा था। मुकेश पाठक गैंग और उसके लोगों की दुश्मनी सीतामढ़ी के संतोष झा गैंग, शिवहर के शिवनारायण सिंह गैंग, मुजफ्फरपुर के सोनू पाठक गैंग और मोतिहारी के भी एक गैंग से चल रही थी।

बताया यह भी जा रहा है कि ओम प्रकाश की अपने गांव में भी लोकल पॉलिटिक्स की वजह से कई लोगों से दुश्मनी हो गई थी। पुलिस फिलहाल सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है। मुकेश पाठक और संतोष झा पहले एक साथ काम करते थे। संतोष झा की सीतामढ़ी जेल कैंपस में हत्या के बाद मुकेश पाठक अलग हो गया। उसके बाद से वो अपनी स्वतंत्र गैंग चला रहा था।
ओम प्रकाश की पत्नी सुषमा देवी की 12 साल पहले मौत हो चुकी है। एक बेटा 16 वर्ष का सत्यम और 14 वर्ष की बेटी प्रिया कुमारी है, जो बाहर रह कर पढ़ाई करते हैं।

पत्नी की हत्या के आरोप में जेल गया था ओम प्रकाश

मिली जानकारी के अनुसार शिवहर जिले के लक्ष्मीनिया गांव के रहने वाले ओम प्रकाश उर्फ बाबू साहेब छोटा अपराधी था। साल 2011 में उनकी पत्नी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। पत्नी के मायके वालों ने उसपर हत्या का आरोप लगाकर शिवहर में प्राथमिकी दर्ज कराई। साल 2013 में वह पत्नी की हत्या के आरोप में सीतामढ़ी जेल गया। जेल में उसकी मुलाकात संतोष झा और मुकेश पाठक से हुई।

संतोष झा और मुकेश पाठक अलग हुए तो ओम प्रकाश मुकेश पाठक के साथ आ गया। मुकेश पाठक ने ओम प्रकाश को बिजली विभाग में ठेका दिलाया। धीरे-धीरे दोनों की नजदीकी बढ़ी और वह मुकेश पाठक का दायां हाथ बन गया।

चालक ने ऐसे बचायी जान
ओमप्रकाश सिंह की स्कॉर्पियो चला रहा ड्राइवर मुकेश सिंह से अटैक में बाल-बाल बच गए। मुकेश ने बताया कि गाड़ी में ओम प्रकाश भाई( ड्राइवर की बगल वाली सीट पर), उनके मामा पंकज सिंह और मामा के एक दोस्त अश्विनी सिंह (पीछे वाली सीट पर) बैठे थे। हम सभी यूपी के लिए निकले थे।

मुजफ्फरपुर जाकर हॉस्पिटल में उनकी मां से मिलना था। उनको देखने के बाद पटना-वाराणसी होते हुए यूपी जाना था। इसी बीच जैसे ही इजोरबाड़ा गांव में घुसे, वैसे ही सामने से व्हाइट कलर की टाटा सूमो गाड़ी आई। 4 लोग उतरे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। मैं सीट के नीचे छिप गया इसलिए बच गया, लेकिन भाई जी को गोली लग गई थी।

 

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