पटना। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार सरकार के योजना एवं विकास विभाग ने मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना को और प्रभावी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य के ऐसे हजारों युवाओं को, जो स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार की तलाश में हैं, दो वर्षों तक प्रतिमाह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
यह योजना उन युवाओं के लिए राहत की बड़ी उम्मीद है, जो नौकरी की तैयारी के साथ आर्थिक दबाव का सामना कर रहे हैं।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
सरकार ने पात्रता को बेहद सरल रखा है—
कला, विज्ञान या वाणिज्य संकाय से स्नातक उत्तीर्ण युवक–युवतियाँ
बिहार के मूल निवासी
रोजगार की तलाश में हों
किसी अन्य सरकारी वित्तीय सहायता का लाभ नहीं ले रहे हों
सरकार का कहना है कि योजना का मक़सद युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे तैयारी के दौरान आर्थिक बाधाओं से न जूझें।
कितना मिलेगा भत्ता?
₹1000 प्रति माह
24 महीनों यानी पूरे 2 वर्षों तक
राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजी जाएगी
योजना का उद्देश्य क्या है?
योजना एवं विकास विभाग के अनुसार:
युवाओं में कौशल विकास, रोजगार क्षमता और आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ाना
नौकरी/प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में आर्थिक सहारा देना
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के युवाओं को समान अवसर उपलब्ध कराना
राज्य के युवा जनसंख्या को उत्पादक और सशक्त बनाना
सरकार का मानना है कि बिना आर्थिक सहयोग के भारी संख्या में छात्र तैयारी बीच में छोड़ देते थे—इस योजना से यह समस्या कम होगी।
कैसे करें आवेदन?
आवेदन की पूरी प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है:
अपने जिले के जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र (DRCC) पर संपर्क करें
सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें (स्नातक प्रमाणपत्र, आधार, बैंक खाता आदि)
सत्यापन के बाद भत्ता स्वीकृत किया जाएगा
आवेदन की स्थिति वेबसाइट पर भी देखी जा सकती है
मदद के लिए टॉल फ्री नंबर
किसी भी जानकारी, समस्या या मार्गदर्शन के लिए युवा टॉल-फ्री नंबर 1800-345-6444 पर संपर्क कर सकते हैं।
ऑनलाइन पोर्टल
विस्तृत जानकारी और दिशानिर्देश के लिए आधिकारिक पोर्टल:
www.7nishchay-yuvaupmission.bihar.gov.in
बिहार सरकार की यह पहल राज्य के लाखों युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। आर्थिक मदद के साथ अब युवा बेफिक्र होकर अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। योजना के विस्तार से युवाओं में उत्साह है और सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य में कौशल, शिक्षा और रोजगार के स्तर में बड़ा सुधार आएगा।





















































