नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
ओडिशा में दो नाबालिग बहनों से गैंगरेप की घटना सामने आई है। पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि 14 और 17 साल की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों के साथ पांच युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया। घटान उस वक्त हुई जब दोनों बहनें ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक स्थानीय मेला देखने के बाद अपने घर लौट रही थीं।
घटना 16 अप्रैल की देर रात की है, लेकिन परिजनों ने बुधवार को बीजेपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। लड़कियों के परिवारों ने पहले स्थानीय आदिवासी नेताओं से बात की। इसके बाद नेताओं ने एक बैठक बुलाई जहां यह तय किया गया कि मामले की शिकायत पुलिस से की जाएगी। आरोपी एक अलग समुदाय से हैं।
बीजेपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक लिंगराज सेठी ने कहा कि दोनों लड़कियां अपने गांव की 28 वर्षीय महिला के साथ 16 अप्रैल की सुबह जात्रा (लोक नाट्य) देखकर घर लौट रही थीं, तभी अनुसूचित जाति समुदाय के पांच लोगों ने उन पर हमला कर दिया। 28 वर्षीय महिला किसी तरह वहां से भाग निकली और ग्रामीणों को मामले की सूचना दी।
आरोपियों की पुलिस ने पहचान कर ली है, लेकिन सार्वजनिक रूप से उनका नाम नहीं जाहिर किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी दोनों नाबालिग लड़कियों को एक सुनसान जगह पर ले गए और उन्होंने एक के बाद एक दोनों का गैंगरेप किया। आरोपियों पर आईपीसी, पॉक्सो एक्ट और एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। लड़कियों की मेडिकल जांच में देरी हुई क्योंकि उन्हें गुरुवार को तीन अलग-अलग अस्पतालों में जाना पड़ा क्योंकि महिला डॉक्टर उपलब्ध नहीं थीं। आखिर में भवानीपटना सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच की गई।
पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि जिस इलाके में घटना हुई है वहां माओवादियों की अच्छी खासी मौजूदगी है, आरोपी घने जंगल में छिपे हो सकते हैं। कालाहांडी आदिवासी संघ के अध्यक्ष प्रकाश माझी ने आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार नहीं करने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी दी। उन्होंने कहा, “कमजोर आदिवासी समुदाय को विशेष ध्यान देने और सुरक्षा की आवश्यकता है। स्थिति का जायजा लेने के लिए संघ की एक विशेष टीम इलाके का दौरा करेगी। संघ की कार्यकारिणी की बैठक के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
बीजेपी सांसद बसंत कुमार पांडा ने घटना पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि आरोपी युवकों को तत्काल गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, “एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा बलात्कार के मामलों में अग्रणी है और यह घटना इसकी पुष्टि करती है। इस घटना के बाद से आदिवासी समुदाय में गहरा असंतोष है। ओडिशा पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 2019 और 2022 के बीच 5,584 नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया है।