मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
महिला एवं बाल विकास निगम समाज कल्याण विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा अंतर्गत पूर्व गर्भधारण और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी एक्ट) से संबंधित अनुमंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन प्रखंड सभागार में अनुमंडल पदाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का संचालन महिला एवं बाल विकास निगम के जिला मिशन समन्वयक निधि कुमारी और जिला परियोजना प्रबंधक वीरेंद्र राम ने किया। इस मौके प्रखंड विकास पदाधिकारी आदित्य नारायण दीक्षित द्वारा कहा कि बिहार में लिंग अनुपात में लड़कियों की घटती संख्या काफी चिंतनीय है। उन्होंने गर्भवती महिला का लिंग परीक्षण नहीं करने के लिए जागरूकता की बात कही। साथ ही लिंग आधारित हिंसा को पहचानने इस पर अंकुश लगाने की बात कही। मेडिकल ऑफिसर डॉ सोनी के द्वारा पीसीपीएनडीटी अधिनियम पर चर्चा किया गया। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात कम होने का सबसे बड़ा कारण अशिक्षा है। लिंग परीक्षण करना एवं कराना दोनों ही दंडनीय अपराध है इसमें पांच साल तक का जेल एवं 50000 से 100000 तक का आर्थिक दंड का प्रावधान है।इस कार्यशाला में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अरेराज एवं संग्रामपुर द्वारा बाल विवाह निषेध अधिनियम एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम के बारे में बताया गया। इसी क्रम में जिला परियोजना प्रबंधक,ूबकब द्वारा महिला एवं बाल विकास निगम के सभी योजनाओं यथा महिला हेल्प लाइन 181,वदम ेजवच बमदजतम, आपातकालीन हेल्प लाइन नंबर 112, एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में बताया गया। जिला मिशन समन्वयक,क्भ्म्ॅ द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए बनाए गए कानून यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम 2013 के बारे में जानकारी दी गयी। साथ ही शिकायत दर्ज करने हेतु सी बॉक्स पोर्टल के बारे में बताया गया। मौके पर अरेराज अनुमंडल के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी , केंद्र प्रशासक, लेखा सहायक अरेराज अनुमंडल के सभी प्रखंड परियोजना प्रबंधक जीविका, अरेराज अनुमंडल की सभी लेडीज सुपरवाइजर एवं सेविका उपस्थित थीं।