बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार में हो रही जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस की बेंच ने आज यह आदेश दिया है . न्यायालय ने कहा है कि गणना को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 2 दिन सुनवाई हुई थी। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस तरह से पटना हाईकोर्ट के निर्णय से नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है.
3 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
पटना हाइकोर्ट आज राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं अंतरिम आदेश पारित करते हुए फिलहाल रोक लगा दी है। अखिलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने कल सुनवाई कर ली थी। कोर्ट अंतरिम आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार को डाटा शेयर या उनका उपयोग फिलहाल नहीं करने का निर्देश दिया है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई,2023 को की जाएगी।
बता दें, जातीय गणना पर मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा है कि जाति आधारित गणना सर्वसम्मति से कराई जा रही है। हम लोगों ने केंद्र सरकार से इसकी अनुमति ली है। हम पहले चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो, लेकिन जब केंद्र सरकार नहीं मानी तो हम लोगों ने जाति आधारित गणना सह आर्थिक सर्वे कराने का फैसला लिया।