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राजस्थान में पकड़े गए तब्लीगी जमात के 10 नेपाली नागरिकों को रक्सौल बॉर्डर से किया गया डिपोर्ट

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
राजस्थान में पकड़े गए तब्लीगी जमात के 10 नेपाली नागरिकों को पूर्वी चंपारण जिला के रक्सौल बॉर्डर से डिपोर्ट किया गया है. हालांकि, राजस्थान पुलिस ने स्थानीय इमीग्रेशन, एसएसबी और थाना पुलिस को इस मामले की जानकारी भी नहीं दी तथा इनको इसकी भनक भी नहीं लगी. डिपोर्ट किए गए दस नेपाली नागरिकों में पांच महिला और पांच पुरुष हैं. इनपर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.
भारत नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 47 वीं बटालियन पनटोका कैंप के डिप्टी कमांडेंट दीपक कृष्णन ने बताया कि, राजस्थान पुलिस द्वारा 10 नेपाली नागरिक को छोड़े जाने की जानकारी नहीं दी गई है. इमिग्रेशन विभाग को भी राजस्थान पुलिस की इस कार्रवाई की जानकारी नहीं है. वहीं रक्सौल थानाध्यक्ष भी राजस्थान पुलिस की कार्रवाई से अनभिज्ञ हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, तब्लीगी जमात से जुड़े 10 नेपाली नागरिकों को राजस्थान के दौसा पुलिस ने पकड़ा था. जिसमें पांच पुरुष और उनकी पत्नियां शामिल थी. ये सभी विगत चार मार्च को रक्सौल बॉर्डर से भारत में प्रवेश कर राजस्थान पहुंचे. सभी पांच पुरुष पापड़दा इलाके के एक मस्जिद में रह रहे थे. वहीं उनकी पत्नी दौसा के अलग-अलग घरों में रह रही थी.

बताया जाता है कि दौसा पुलिस को इनके खिलाफ सूचना मिली थी कि ये सभी भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं. पुलिस ने जांच शुरू की तो उनके खिलाफ आरोप सही मिले. जो भारत के गृह मंत्रालय के आदेशों का उल्लंघन था. फिर पुलिस ने उन सभी दस नेपाली नागरिकों को हिरासत में लिया और उन्हें लीव इंडिया नोटिस दिया गया. उसके बाद राजस्थान पुलिस के अभिरक्षा में उन सभी दस नेपाली नागरिकों को रक्सौल बॉर्डर से डिपोर्ट कर दिया गया.डिपोर्ट किए गए लोगों में कौन-कौन शामिल रू डिपोर्ट किए गए सभी नेपाली नागरिक नेपाल के बारा और गोरखा जिला के रहने वाले हैं. डिपोर्ट किए गए लोगों में हरिहरपुर गांव के रहने वाले मोहम्मद जान अंसारी और उनकी पत्नी सुलेखा खातून, इनरवा गांव के रहने वाले शहरुद्दीन अंसारी और उनकी पत्नी हलीमा खातून, हरमी गांव के रहने वाले रमजान अली मियां और उनकी पत्नी जफिना खातून, हरिहरपुर गांव के रज्जाक मियां और उनकी पत्नी रखिया धोबिन समेत बड़ी फुलवरिया गांव के मोजाहिर हुसैन और उसकी पत्नी आयसा खातून शामिल हैं.

बता दें कि जब इनकी गिरफ्तारी हुई थी. उस वक्त दौसा के डीएसपी रविप्रकाश शर्मा ने पूरे मामले की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि सभी को डिपोर्ट किया जाएगा. उनका कहना था कि ये सभी देश में अवैध गतिविधियां संचालित कर रहे थे. कुछ विदेशी नागरिक दौसा और पापड़दा क्षेत्र में अवैध और प्रतिबंधित धार्मिक गतिविधियों में संलग्न थे. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 5 नेपाल महिलाओं और 5 पुरुषों को हिरासत में लिया. गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार इन नागरिकों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ लीव इंडिया नोटिस जारी किया गया.- रविप्रकाश शर्मा, डीएसपी, दौसा

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