मोतिहारी। एसके पांडेय
सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि फ़ाइलेरिया (हाथी पाँव) लाइलाज बीमारी है, जिससे बचाव का एकमात्र रास्ता दवा का सेवन करना है। उन्होंने बताया कि फ़ाइलेरिया क्यूलेक्स नाम के मच्छर के काटने से होता है। इसके कारण इंसान के शरीर के कई अंगों में सूजन आ जाता है और वह चलने फिरने में भी लाचार हो जाता है। रोग की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा साल में एक बार फ़ाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के लिये सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है।
उन्होंने बताया कि फ़ाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति में लक्षण दिखाई देने में 10 से 15 वर्ष तक का समय लग सकता है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा एवं केयर डीपीओ मुकेश कुमार ने बताया कि फ़ाइलेरिया की दवा पूरी तरह सुरक्षित है और इससे कोई नुकसान नहीं होता है, इसलिए समुदाय के लोगों को एमडीए राउंड में दवा सेवन करने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिले में 10 फरवरी से 24 फरवरी तक 23 प्रखंडों में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा।
– आशा के सामने करें सर्वजन दवा का सेवनः मुकेश कुमार
केयर डीपीओ मुकेश कुमार ने बताया कि जिले में 10 फरवरी से फ़ाइलेरिया के उन्मूलन हेतु जिले के लोगों को दवा खिलाई जाएगी, सभी निर्धारित आयु वर्ग के लोग आशा कार्यकताओं के सामने ही दवा का सेवन करें, ताकि फाइलेरिया जैसी गम्भीर से बच सकेंगे। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खानी है। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं. दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है।